पोषण पखवाड़ा के तहत सेविकाओं ने शिशुओं को पौष्टिक आहार देकर कराया अन्नप्राशन
• माताओं को मिली पोषक आहार की जानकारी
• मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान
• जिले में 16 से 31 मार्च तक चलेगा पखवाड़ा
श्रीनारद मीडिया‚ पंकज मिश्रा‚ छपरा (बिहार):
छपरा जिले में कुपोषण को मिटाने के लिए आईसीडीएस के द्वारा पोषण अभियान चलाया जा रहा है। 16 से 31 मार्च तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा शिशुओं को पौष्टिक आहार देकर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। पोषण पखवाड़ा अभियान के तहत प्रखंड की सभी आंगनबाड़ी सेविका व आशा कार्यकर्ताओं ने गृह भ्रमण कर पोषण के प्रति लोगों के बीच अलख जगाई। इस दौरान नवजात शिशु की बेहतर देखभाल पर माता-पिता को जानकारी दी गई। वहीं कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को सही पोषण कैसे दें, इसके बारे में भी लोगों को बताया गया। मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान होता है। छह माह तक बच्चों को मां का दूध ही पिलाना चाहिए। उसके बाद ऊपरी आहार शिशु के लिए आवश्यक है। इससे मानसिक स्वास्थ्य, तंत्रिका तंत्र और शारीरिक क्षमता का विकास होता है। इस दौरान शिशुओं को खीर खिलायी गयी और उनकी माताओं को शिशु को आगे से ऊपरी आहार में दिए जाने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी भी दी गई।
नियमित रूप से साफ सफाई का रखें विशेष ध्यान:
डीपीओ वंदना पांडेय ने कहा कि गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं व आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं , संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन सहित अन्य बातों की जानकारी केंद्रों पर दी गई। साथ ही गंदगी व कूड़ा कचरा को भी कई तरह की बीमारी का कारक बताते हुए लोगों को अपने आसपास के क्षेत्र को नियमित रूप से साफ सफाई करने को कहा गया, ताकि उनका बच्चा स्वच्छ वातावरण में रह सके । पोषण पखवाड़ा के माध्यम से समाज में व्यापक जागरूकता एवं बेहतर परिणाम के लिए नई पहल भी की जा रही है।
पोषण पंचायत का होगा आयोजन:
पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि पोषण अभियान के दौरान जिले में पोषण पंचायत का आयोजन कर पंचायती राज के प्रतिनिधियों के सहयोग से बच्चों में व्याप्त कुपोषण से बचाव एवं कुपोषण से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के बारे में जागरूक किया जाएगा। कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर पोषण वाटिका के तहत पोषण युक्त पौधा लगाए जाने के लिए जागरूक किया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर सहजन, पपीता, अमरूद का पौधा रोपण किया जाना है।
पोषण के पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगेगी लगाम:
राष्ट्रीय पोषण मिशन की परियोजना सहायक आरती कुमारी ने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान पोषण के 5 सूत्र जैसे- प्रथम हजार दिन, एनीमिया प्रबंधन, डायरिया से बचाव, स्वच्छता, हाथों की सफाई एवं पौष्टिक आहार आदि के बारे में गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं को जागरूक किया जाएगा तथा उचित सलाह दी जाएगी । साथ ही प्रसव पूर्व एवं प्रसव पश्चात देखभाल जन्म से 3 वर्ष तक के बच्चों के ऊपरी आहार एवं स्तनपान पर परामर्श, व्यक्तिगत स्वच्छता, हाथों की सफाई, खानपान, आहार विविधता, विभिन्न खाद्य समूह पर परामर्श दी जाएगी |
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