यूनिसेफ़ की राष्ट्रीय एवं राज्यस्तरीय टीम का तीन दिवसीय दौरे पर आयी
-जिलाधिकारी के साथ यूनिसेफ़ की टीम ने की समीक्षा बैठक:
-एनआरसी, लेबर रूम एवं एसएनसीयू की गहनतापूर्वक जांच:
-धमदाहा एवं बनमनखी में जल्द शुरू होगी सिजेरियन: जिलाधिकारी
-गहनतापूर्वक जांच के बाद टीम दिखी पूरी तरह से आश्वस्त:
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
पूर्णिया जिलाथिकारी के साथ मंगलवार को यूनिसेफ की राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय टीम की स्वास्थ्य संबंधित कार्यक्रमों को लेकर समीक्षात्मक बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि सरकार द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न तरह की योजनाएं संचालित की जाती हैं। गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के साथ ही महिला रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच कर दवा लेने की सलाह दी जाती है। गर्भस्थ नवजात शिशुओं के स्वस्थ होने के लिए गर्भवती माताओं को पोषणयुक्त आहार लेने, समय-समय पर विभिन्न तरह की जांच कराने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही प्रसव के समय प्रसूता को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कक्ष एवं ऑपरेशन थियेटर में अत्याधुनिक तकनीक द्वारा संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव कराया जाता है। ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
समाहरणालय सभागार में समीक्षा बैठक के दौरान डीडीसी मनोज कुमार,प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर, स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमूल होदा, आईसीडीएस की डीपीओ राखी कुमारी, प्रोग्राम प्रबंधक शिवेंदु पांड्या, शिक्षा विशेषज्ञ पुष्पा जोशी, न्यूट्रिशन विशेषज्ञ रवि नारायण, स्वास्थ्य विशेषज्ञ शिद्धार्थ रेड्डी, एसबीसी विशेषज्ञ मोना सिंहा, शिशु सुरक्षा विशेषज्ञ गार्गी साहा, वाश विशेषज्ञ प्रभाकर सिंहा, इमरजेंसी विशेषज्ञ बंकू बिहारी सरकार, जज पवनजीत सिंह, यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, एसएमसी मुकेश गुप्ता आदि शरीक हुए।
-धमदाहा एवं बनमनखी में जल्द शुरू होगी सिजेरियन: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी राहुल कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग से संबंधित ज़िले में चल रहे विभिन्न तरह के कार्यक्रमों को लेकर यूनिसेफ़ की टीम के सभी सदस्यों ने बारीकी के साथ चर्चा की। ज़िले के धमदाहा एवं बनमनखी अस्पताल में संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव को लेकर सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था कराने की बात कही गई। वहीं ज़िले के अनुमंडलीय अस्पताल, रेफ़रल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के लेबर रूम को अत्याधुनिक तकनीक से पूरी तरह लैस करना है। ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाया जा सके। बैठक के दौरान ज़िले के सभी अस्पतालों की आधारभूत संरचना, जैविक कचरा निस्तारण, संक्रमण रोकथाम, अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली, स्वच्छता एवं साफ़-सफाई को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर सहयोग करने की आवश्यकता है।
-गहनतापूर्वक जांच के बाद टीम दिखी पूरी तरह से आश्वस्त:
डीएम के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद यूनिसेफ़ के टीम द्वारा राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित एनआरसी में रह रहे अतिकुपोषित बच्चों की माताओं से टीम के वरीय अधिकारियों ने पोषण से संबंधित बातचीत कर जानकारी ली। इसके साथ ही एनआरसी के अधिकारियों के साथ भ्रमण कर गहनतापूर्वक निरीक्षण किया गया। इसके बाद प्रसव कक्ष में मिल रही सुविधाओं को लेकर स्टाफ़ नर्स के साथ मिलकर विभिन्न पहलुओं पर बारीकी के साथ जांच की गयी। लेबर रूम में कार्यरत प्रशिक्षित स्टाफ़ नर्स से विभिन्न बिंदुओं पर पूछताछ कर जानकारी ली गई। वहीं एसएनसीयू में नवजात शिशुओं को लेकर रख रखाव कैसे की जाती , इस संबंध में प्रभारी जीएनएम से टीम के मुख्य सदस्यों द्वारा बातचीत की गई।
यह भी पढ़े
उर्स पाक में आयोजित कव्वाली में रातभर झूमते रहे श्रोता
बढ़ा पारा, रहें सतर्क, बच्चे चमकी बुखार के हो सकते हैं शिकार
ठाकुरबाड़ी से करोड़ों रुपये की 13 मूर्तियों की लूट, महंत की हत्या.
मां बच्चों के साथ खुद में लगायी आग,क्यों?
एसपी ने थानेदार को क्यों किया सस्पेंड?