फाइलेरिया से बचाव के लिए शुक्रवार से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान 

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एमडीए के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सीफार द्वारा मीडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन:
जिले के 29 लाख 54 हजार लोगों को खिलायी जाएगी डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा:

जिले के 2993 लोग हैं फाइलेरिया से ग्रसित:
विश्व में विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है फाइलेरिया

श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार)

लोगों को फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है जिस दौरान लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक दवाइयां खिलाई जाती हैं । जिले में शुक्रवार से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है।

अभियान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने हेतु स्वास्थ्य विभाग, कटिहार तथा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) द्वारा सदर अस्पताल सभागार में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा फाइलेरिया होने के लक्षणों के साथ ही सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक उपचारों की जानकारी दी गई।

कार्यशाला में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जय प्रकाश सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. डी. एन. झा, भीडीसीओ एन. के. मिश्रा, डिभिबीडीसी डॉ जेपी महतो, डब्लूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. दिलीप कुमार, पीसीआई के डीएमसी तपेश कुमार यादव, एसएमसी के प्रवीण कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी एवं विभिन्न संस्था के मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।

 

सभी लोगों तक पहुंचेंगे चाहिए फाइलेरिया से बचाव की दवा: जिलाधिकारी

कार्यशाला में मीडिया कर्मियों को जानकारी दी गई कि जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम की जानकारी एवं सभी लक्षित लोगों तक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला पदाधिकारी उदयन मिश्रा द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जिसकी शुरुआत होने के बाद उसका पूरा उपचार नहीं किया जा सकता। इसलिए इस बीमारी के लिए लोगों को पहले से ही सुरक्षित रहना जरूरी है। एमडीए कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाने के साथ ही फाइलेरिया से सुरक्षित रहने की आवश्यक जानकारी दिया जाना चाहिए ताकि सभी लोग फाइलेरिया बीमारी से सुरक्षित रह सकें।

 

जिले के 29 लाख 54 हजार लोगों को खिलाया जाएगा डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जय प्रकाश सिंह ने बताया कि 10 फरवरी से जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम शुरू होगा। इस दौरान जिले के 02 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए जिले में 29 लाख 454 हजार 913 लोग लक्षित किए गए हैं। उनसभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खिलाया जाना है। इसके लिए जिले में 1342 टीम बनाई गई है जिसमें 2175 आशा कर्मी एवं 394 भलेंटिएर को शामिल किया गया है। लोगों तक दवा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 120 पर्यवेक्षक तैनात किया गया है जिसके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में निरीक्षण कर लोगों तक दवा उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

 

जिले के 2993 लोग हैं फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित:
भीडीसीओ एनके मिश्रा ने बताया कि कटिहार जिले में वर्तमान में 2993 लोग फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हैं। इसमें से 2673 लोग हाथीपांव से ग्रसित हैं जबकि 320 लोग हाइड्रोसील की समस्या से ग्रसित हैं। लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर साल सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जाता है जिसके तहत घर घर जाकर लोगों को दवाइयां खिलाई जाती है।

 

विश्व में विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है फाइलेरिया: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ (एनटीडी) के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक कृमि के कारण होने वाला बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलता है। इसीलिए अपने-अपने घरों के आसपास पूरी तरह से साफ सफाई का ध्यान रखें। वर्ष में एक बार सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खाना जरूरी है। जिनको फाइलेरिया हो गया है, ऐसे मरीजों को स्वउपचार करना अत्यंत जरूरी है। दो महीने के अंतराल पर एक सप्ताह तक के लिए तेज बुखार, पैर में दर्द, पैर का लाल होना , सूजन होना सहित कई अन्य तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है। हाईडोसील वाले मरीजों में कई तरह की समस्याओं के अलावा यौन समस्यायें भी होती हैं। इससे बचाव के लिए लोगों को एमडीए कार्यक्रम में भाग लेते हुए दवाओं का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए घरों के आसपास साफ सफाई एवं मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

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