विश्वविद्यालय अपने कोर्स में शामिल करें वोकेशनल, स्किलिंग और ट्रेनिंग कोर्सेज

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ‘यूजीसी गाइडलाइंस फॉर इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लांस फॉर हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस’ जारी की है. इसके अनुसार उच्च शिक्षा संस्थानों को एक प्लान बनाना है जो आने वाले 15 वर्षों तक छात्रों के लिए लाभदायक रहे. इसके तहत संस्थानों को मल्टी डिसिप्लीनरी, वोकेशनल एजुकेशन, ट्रेनिंग और स्किलिंग पर फोकस करना है. इन विषयों को संस्थानों द्वारा कोर्सेज में जोड़ना है.

यूजीसी की यह गाइडलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में उच्च शिक्षा को लेकर किए गए फैसलों को उच्च शिक्षा संस्थानों में लागू करने के लिए एक कदम है. यूजीसी ने कहा कि विवि और संस्थान बोर्ड के सदस्य, फैकल्टी, स्टाफ और छात्रों के साथ मिलकर इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान तैयार करें.

बनेगी गाइडिंग लाइट

यूजीसी ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए यह इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान एक गाइड लाइट की तरह होगी. यह रूपरेखा तमाम लीडर्स, पॉलिसीमेकर्स और एजुकेशन विजनरीज के सहयोग से तैयार की गई है. संस्थानों का विकास आज की जरूरतों के हिसाब से होगा ताकि वो आगे जाकर वैश्विक स्तर पर शिक्षा में योगदान देने सक्षम हो सकें.

गाइडलाइन्स

  • उच्च शिक्षा संस्थान अपना उद्देश्य, विजन, स्ट्रेटेजी और गोल्स को डिफाइन करें.
  • संस्थान संसाधन की जरूरत, साझेदारी, महत्वपूर्ण क्षेत्रों और पहल की रणनीति बनाएं
  • नए प्रयोग करें. संस्थान किसी भी पहल को प्राथमिकता दे और तय करें कि कौन सा पहल सबसे महत्वपूर्ण है और उस अनुसार प्लान करें.
  • योजना के अनुसार रणनीति बनाएं. प्रत्येक पहल के लिए सब कुछ पहले से तय रखें. प्रापर प्लानिंग के साथ काम करें.
  • प्लान के एक्जीक्यूशन के बाद इसे आवश्यकता अनुसार बदलाव से बिल्कुल ना हिचकें.
  • समीक्षा, मूल्यांकन और रिपोर्ट: योजना की नियमित रूप से समीक्षा और मूल्यांकन करें. इस पर रिपोर्ट बनाएं और इसका विश्लेषण करें.
  • विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक संगठन है जिसे विश्‍वविद्यालयो में शिक्षा के प्रचार, समन्वय और शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों के निर्धारण एवं रख-रखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्‍वविद्यालयों में और इस अधिनियम के तहत अपने कार्यों को निष्पादित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। पात्र विश्‍वविद्यालयों और महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करने के अतिरिक्त, आयोग केंद्र और राज्य सरकारों को उन उपायों पर सलाह भी देता है जो उच्चतर शिक्षा के विकास के लिए आवश्यक हैं।

विश्‍वविद्यालयी शिक्षा में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रख-रखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना की गई थी। अब विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उच्चतर शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है।

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिदेश में निम्नलिखित शामिल हैं:

 विश्‍वविद्यालयी शिक्षा को बढ़ावा देना और समन्वय बनाना।
 विश्‍वविद्यालयों में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों का निर्धारण और रख-रखाव करना।
 शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर नियम बनाना।
 महाविद्यालय शिक्षा से संबंधी और विश्‍वविद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में विकास की निगरानी करना।

 विश्‍वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान वितरित करना।
 संघ और राज्य सरकारों और उच्चतर शिक्षा संस्थानों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करना।
 विश्‍वविद्यालयी शिक्षा में सुधार के लिए आवश्यक उपायों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देना।

उच्चतर शिक्षा में धन आवंटित करने और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के दौरान, विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग संस्थानों की शैक्षणिक स्वतंत्रता और संस्थागत स्वायत्तता सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, संस्थानों से जनता के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह होने की भी अपेक्षा की जाती है।

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