उप्र मदरसा बोर्ड कानून वैध, कामिल-फाजिल असंवैधानिक-सुप्रीम कोर्ट
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कामिल-फाजिल लेने वालों को झटका
मुलायम सरकार में पास हुआ था यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड कानून
क्या बोला कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मदरसा एक्ट बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों में मिलने वाली शिक्षा के स्तर को रेगुलेट करता है। मदरसा कानून मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक स्तरीय शिक्षा सुनिश्चित करने के प्रदेश सरकार के दायित्व से मेल खाता है, ताकि वे बच्चे समाज में प्रभावी ढंग से भाग ले सकें और अपनी रोजीरोटी कमा सकें।
शिक्षा के अधिकार कानून और यह अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 21-ए को धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों के साथ मिलाकर पढ़ा जाना चाहिए, जिनमें उन्हें अपनी पसंद के शिक्षण संस्थान स्थापित करने और उनका प्रशासन करने का अधिकार प्राप्त है। बोर्ड राज्य सरकार की मंजूरी से धार्मिक अल्पसंख्यक संस्थानों का अल्पसंख्यक चरित्र नष्ट किए बगैर वहां एक जरूरी स्तर की धर्मनिरपेक्ष शिक्षा दिये जाने के लिए नियम बना सकता है।
यूपी सरकार ने क्या कहा?
शीर्ष अदालत ने कहा कि मदरसा एक्ट के सिर्फ वही प्रविधान गलत हैं जो उच्च शिक्षा जैसे फाजिल और कामिल से संबंधित हैं और इन प्रविधानों को मदरसा एक्ट के बाकी प्रविधानों से अलग किया जा सकता है। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह हाईकोर्ट के आदेश को स्वीकार करती है और उसने फैसले को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं हालांकि, सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देगा उसका पालन होगा। प्रदेश सरकार ने यह भी कहा था कि मदरसा एक्ट के कुछ प्रविधान असंवैधानिक हो सकते हैं उन्हें रद किया जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट का पूरे मदरसा एक्ट को रद करना ठीक नहीं था।
- यह भी पढ़े………….
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को जीत की बधाई दी
- पद्म भूषण से सम्मानित भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा जी का निधन।
- छठ पूजा और हमारी दहा नदी।