जलवायु परिवर्तन ‘एजेंडा-2030’ भागीदारी के तहत समीप आए US और भारत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है और भारत इससे निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत-अमेरिका पर्यावरण स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 के तहत जलवायु कार्रवाई एवं वित्तीय संग्रहण संवाद (सीएएफएमडी) की शुरुआत करते हुए यादव ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। पर्यावरण के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जान एफ केरी इसकी शुरुआत के लिए रविवार को नई दिल्ली पहुंचे।
यादव ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी से पर्यावरण का नुकसान रोकने की दिशा में प्रयासों को मजबूती मिलेगी। यादव ने कहा कि एजेंडा-2030 भागीदारी के तहत आज से शुरू हुआ यह संवाद दोनों देशों के वित्तपोषण पहलुओं को रेखांकित करते हुए जलवायु परिवर्तन पर सहयोग बढ़ाने का अवसर देगा। मंत्री ने कहा कि भारत पहले से ही वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए एक आकर्षक ठिकाना है।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह संवाद न केवल पर्यावरण पर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगा बल्कि यह प्रदर्शित करने में भी मदद करेगी कि कैसे दुनिया राष्ट्रीय परिस्थितियों और सतत विकास प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए समावेशी और लचीले आíथक विकास के साथ तेजी से कदम उठा सकती है।जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान करते हुए जान केरी ने कहा कि अधिक विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए जल्द कार्रवाई करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि बाढ़, जंगल की आग, रिकार्ड तोड़ बारिश हर जगह हो रही है। तापमान गर्म होने के संबंध में 1.5 डिग्री की सीमा को बनाए रखने और अधिक विनाशकारी परिणामों से बचने के लिए, हमें अभी और काम करना चाहिए। केरी ने यह भी कहा कि ऊर्जा के बदलते क्षेत्र में निवेश करने का यह एक अच्छा समय है।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अप्रैल 2021 में पर्यावरण पर शिखर सम्मेलन में भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी को शुरू किया था।
ऊर्जा मंत्री से मिले केरी
जलवायु परिवर्तन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जान केरी ने सोमवार को ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भी मुलाकात की। केरी 12 से 14 सितंबर तक भारत की यात्रा पर हैं। इस दौरान वे भारत के सरकारी और निजी क्षेत्र के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलकर भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा दिए जाने के मुद्दे पर तेजी से काम करने पर चर्चा करेंगे। केरी की यात्रा से ब्रिटेन के ग्लासगो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर, 2021 तक होने वाले, संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन आन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के पक्षों के 26वें सम्मेलन से पहले अमेरिका के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जलवायु प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।
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