अमेरिका ने भारतीय परमाणु संस्थाओं से हटाया प्रतिबंध
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
इन संस्थाओं से हटाया गया प्रतिबंध
16 साल पहले हुआ था परमाणु समझौता
तीन प्रमुख भारतीय संस्थानों पर से प्रतिबंध हटाने को 16 वर्ष पहले भारत-अमेरिका के बीच हुए ऐतिहासिक नागरिक परमाणु समझौते के अमल को सुगम बनाने के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं।
ऊर्जा सहयोग में मिलेगी मदद
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्यूरिटी (बीआईएस) ने बुधवार को कहा कि तीनों भारतीयों संस्थानों से प्रतिबंध हटाने से अमेरिकी विदेश नीति के ऊर्जा सहयोग बढ़ाने में बाधाएं कम करने के उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसमें ऊर्जा सहयोग में संयुक्त अनुसंधान और ऊर्जा की साझा जरूरतों एवं लक्ष्यों की दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग शामिल है।
बयान के अनुसार अमेरिका और भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग व उससे जुड़े अनुसंधान और विकास की गतिविधियां बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले कई वर्षों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग ने दोनों देशों एवं दुनियाभर में उनके साझीदारों को लाभान्वित किया है।
सुलिवन ने दिल्ली में की थी घोषणा
उनका कहना था कि बाइडन प्रशासन ने तय किया है कि इस साझेदारी को मजबूत करने के लिए अगला बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। सुलिवन ने कहा था, ‘इसलिए मैं घोषणा कर सकता हूं कि अमेरिका लंबे समय से लागू उन नियमों को हटाने के लिए आवश्यक कदमों को अंतिम रूप दे रहा है जिन्होंने भारत की अग्रणी परमाणु संस्थाओं और अमेरिकी कंपनियों के बीच नागरिक परमाणु सहयोग को रोका हुआ है।
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