ऑनलाइन WFH के नाम पर करते थे ठगी, दिल्ली की साइबर पुलिस ने ऐसे किया गैंग का पर्दाफाश
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
यदि आपको भी टेलीग्राम पर ऑनलाइन वर्क फ्रॉम होम के काम करके मोटी रकम कमाने का ऑफर मिले तो कृपया सावधान हो जाइए। कहीं ऐसा ना हो कि आप भी दिल्ली के अंबेडकर नगर के रहने वाले मनीष की तरह लाखों रुपए गवां ना दें। साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाना की पुलिस टीम ने इसी तरह की चीटिंग के मामले का खुलासा किया है। जो गैंग टेलीग्राम के जरिए संपर्क करके लोगों से लाखों की चीटिंग करता था।
इस मामले में दिल्ली के एक यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग में एमबीए की डिग्री ले चुके मास्टरमाइंड सहित चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद जो बैंक अकाउंट के बारे में पुलिस को जानकारी मिली है उसमें कुछ ही महीनों में 6 करोड़ के ट्रांजेक्शन का पता चला है। पुलिस ने बैंक अकाउंट में मौजूद तीन लाख की रकम को फ्रीज करवा दिया है। आरोपियों के पास से 9 मोबाइल, 10 बैंक का पासबुक/ चेक बुक, एटीएम कार्ड भी रिकवर किया गया है। इस तरह की चीटिंग के 11 कंप्लेंट का भी पुलिस को पता चला है। जो सीज किए गए दोनों बैंक अकाउंट को लेकर किए गए थे।
आरोपियों की हो गई पहचान डीसीपी रोहित मीणा के अनुसार गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विकास आहूजा, अजय उर्फ अजू, इशू और दिलीप कुमार के रूप में हुई है। यह सभी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ और पश्चिमी दिल्ली के रघुवीर नगर और उत्तम नगर इलाके के रहने वाले हैं। इस साल 9 जनवरी को मनीष कुमार मीणा नाम के शख्स ने ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज कराई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि 2 जनवरी को टेलीग्राम के जरिए एक शख्स ने संपर्क किया और एक कंपनी में वर्क फ्रॉम होम काम करने का ऑफर दिया गया।
ऑनलाइन फूड की रेटिंग के बदले 1000 से 1500 रुपये कमीशन के रूप में कमाने का भरोसा दिया था। धीरे-धीरे पीड़ित मनीष से अलग-अलग बैंक अकाउंट में अमाउंट ट्रांसफर करवाया गया। जब पीड़ित को मामले में संदेह लगा तो उसने पेमेंट करना रोक दिया तो आरोपियों ने उसका इंस्टाग्राम आईडी डिलीट कर दिया। इस दौरान पीड़ित से 05 लाख 37 हजार से ज्यादा का अमाउंट प्राइवेट बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर करवा कर उससे चीटिंग कर चुके थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की।
तीन लाख रुपये पुलिस ने किए फ्रीज एसीपी देवेंद्र कुमार सिंह की देखरेख में एसएचओ विकास कुमार बुल्डक की पुलिस की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता लगाना शुरू किया। पता चला कि जिस बैंक अकाउंट में अमाउंट ट्रांसफर हुए हैं वह दो अलग- अलग कंपनी के नाम पर दर्ज हैं। दोनों ही अकाउंट करोल बाग के रैगरपुरा के एड्रेस पर खुले हुए हैं। अकाउंट होल्डर की पहचान संदीप कुमार रायकवार और नरेंद्र कुमार के रूप में हुई। जहां से पता चला यह दोनों मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के रहने वाले हैं। इन दोनों अकाउंट की जब जांच की गई तो पता चला कि 6 करोड़ के आसपास का इस अकाउंट में ट्रांजेक्शन कुछ महीने में हुआ है। अकाउंट में मौजूद तीन लाख के अमाउंट को पुलिस ने फ्रिज करवा दिया।
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