बड़हरिया के गांवों में हुई वट सावित्री पूजा

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श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में गुरुवार को सुहागिनों ने वट सावित्री पूजा की। साथ ही, जिस तरह सावित्री ने अपने पति सत्यवान की लंबी आयु का वरदान मांगा था, उसी तरह व्रती महिलाओं ने अपने पति के दीर्घ जीवन का वरदान मांगा। बताया जाता है कि सनातन धर्म में वट सावित्री का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली अमावस्या महत्वपूर्ण है। इस व्रत में पूजा-पाठ, स्नान-दान आदि का फल अक्षय माना गया है।

आचार्य पं रवींद्र पांडेय ने बताया कि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इसलिए सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष की पूजा की। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही इस दिन शनि जयंती भी है। इसलिए गुरुवार को वट सावित्री व्रत के साथ शनि जयंती भी मनायी गयी। शनि दोष से मुक्ति और धन-समृद्धि प्राप्त करने लिए यह खास दिन है।

आचार्य पं रवींद्र पांडेय ने बताया कि वट सावित्री व्रत कथा में बरगद के पेड़ का विशेषतौर पर उल्लेख मिलता है। सुहागिनें वट सावित्री व्रत कथा वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के नीचे सुनती हैं। इसके अलावा वट वृक्ष की पूजा भी की जाती है वट सावित्री व्रत पर वट सावित्री के वृक्ष के साथ सत्यवान और सावित्री की पूजा भी की जाती है।

साथ ही ही विधि-विधान के साथ पूजा करके वट सावित्री व्रत वट वृक्ष के नीचे कथा सुनी और सुनाई जाती है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि वट सावित्री व्रत में वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का बहुत महत्व होता है। वट सावित्री व्रत कथा के पौराणिक महत्व है। उन्होंने बताया कि वट सावित्री व्रत पूजा विधिप्रसाद के लिए सात्विक भोजन तैयार करना चाहिए। कच्चा सूत, जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम, फूल और पूजन की सभी सामग्री लेकर जाना चाहिए। वट वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए और उसके समक्ष देसी घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद सभी पूजन सामग्री एक-एक करके भाव के साथ अर्पित करना चाहिए।

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