बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर चल रहा विरोध अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। पुलिस ने मुर्शिदाबाद से 12 अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। इसी के साथ गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। हिंसा में 3 की मौत के बाद पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। रविवार को मुर्शिदाबाद के हालात की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ घंटों में कोई नई हिंसा नहीं देखने को मिली है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों ने सभी पर बारीकी से नजर रखी है।
पलायन के लिए मजबूर हिन्दू – बीजेपी
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि हिंसा के दौरान 400 से ज्यादा हिन्दुओं को पलायन करने पर विवश होना पड़ा। पश्चिम बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न एक कड़वी वास्तविकता है। तृणमूल कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे लोग अपनी ही जमीन पर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं।
रात में हुई छापेमारी
पीटीआई से बातचीत के दौरान मुर्शिदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूती, धुलियां, समसेरगंज और जंगईपुर जैसे जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस ने रात में कई जगहों पर छापेमारी की है। इस दौरान 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसक प्रदर्शन में अब तक कुल 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
BNS की धारा 163 लागू
पुलिस का कहना है कि हिंसक प्रदर्शन के कारण इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत कई पाबंदियां लागू की गई हैं। सुरक्षाबल मुख्य मार्ग से आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है। जांच अभी चल रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
शुक्रवार को भड़की थी हिंसा
बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद से हरी झंडी मिलने के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हालात काफी खराब हो गए थे। विरोध प्रदर्शन के कारण कई इलाकों में हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके जाने लगे और कई महत्वपूर्ण मार्ग भी बंद कर दिए गए थे। हिंसक प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर मुर्शिदाबाद में देखने को मिला, जहां हिंसा के दौरान 3 लोगों की जान चली गई।
समसेरगंज के जाफराबाद में एक पिता-पुत्र का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। चाकू से गोदकर दोनों की हत्या कर दी गई थी। दोनों मृतकों की पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में हुई है। इसके अलावा सूती में गोली लगने से 21 वर्षीय इलियाज मोमिन की भी मौत हो गई। इस हिंसा में 18 पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हैं।
बीजेपी ने राज्य सरकार पर लगाए ये आरोप
दअसल, महतो ने रविवार को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद, मालदा, नदिया और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई हैं, लेकिन राज्य की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार ने ‘तुष्टीकरण’ की राजनीति के कारण ‘आंखें मूंद’ ली हैं।
पुलिस बल को बनाया जा रहा निशाना
सांसद ने कहा कि सीमावर्ती जिलों में भी इसी तरह की अशांति फैली है। वक्फ संशोधन कानून को लेकर भड़की हिंसा का जिक्र करते हुए महतो ने आरोप लगाया कि भीड़ ने हिंदुओं के मकानों, सार्वजनिक संपत्ति और यहां तक कि पुलिस बलों पर भी हमला किया।
चार जिलों में अफस्पा लागू करने की मांग
उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं आपसे बहुत सम्मानपूर्वक आग्रह करता हूं कि बंगाल के सीमावर्ती जिलों में अफस्पा लागू करें। इस तरह के कदम से कानून- व्यवस्था को बहाल करने, भविष्य में हिंसा को रोकने और हिंदुओं को आश्वस्त करने में मदद मिलेगी कि उन्हें उनके हाल पर नहीं छोड़ा गया है। इस बीच, नदिया जिले के राणाघाट से भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने भी शाह को पत्र लिखा है और बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में ‘बिगड़ती’ कानून- व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
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