Violence: मणिपुर में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण,कैसे?

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हिंसा प्रभावित लोगों के लिए SBI ने की मदद की पेशकश

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मणिपुर में अभी भी अशांति का माहौल बना हुआ है। सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान हिंसा प्रभावित मणिपुर के विभिन्न जिलों से आठ आग्नेयास्त्र और 112 राउंड गोला-बारूद बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा बलों ने छह विस्फोटक भी जब्त किये। पुलिस ने एक बयान में कहा कि ये बरामदगी बुधवार को बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल, कांगपोकपी और इंफाल पश्चिम जिलों से की गई।

इसमें कहा गया, ”मणिपुर में गोलीबारी की छिटपुट घटनाओं और प्रदर्शनकारियों के एकत्र होने से राज्य में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है।” इसके अलावा, टेंग्नौपाल जिले में छह बंकरों को नष्ट कर दिया गया है। इस बीच, असम के चार लोगों को इम्फाल पूर्वी जिले के मंत्रीपुखरी इलाके में कोडीन फॉस्फेट, एक ओपिओइड एनाल्जेसिक युक्त सिरप की 1,240 बोतलों के साथ गिरफ्तार किया गया।

मणिपुर हिंसा में अबतक 160 की मौत 

पुलिस ने बताया कि ये गिरफ्तारियां मंगलवार को नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर (एनएबी) के अधिकारियों ने कीं। मणिपुर में मई के महीने में जातीय झड़पें हुईं और तीन महीने से अधिक समय से यहां तनाव जारी है, जिसमें 160 से अधिक लोगों की अबतक मौत हो चुकी है।

एनएससीएन (आईएम) ने मणिपुर के आठ नागा विधायकों की आलोचना की है। इन नागा विधायकों ने 32 मैतेई विधायकों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और कहा था कि उनके ज्ञापन का नागा लोगों की राजनीतिक आकांक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है।

हिंसा प्रभावित मणिपुर के चालीस विधायकों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कुकी उग्रवादी समूहों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO) समझौते को वापस लेने और राज्य में एनआरसी लागू करने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में कुकी समूहों द्वारा मांगी गई ‘अलग प्रशासन’ बिल्कुल अस्वीकार्य है।

एनएससीएन (आईएम) ने बयान जारी किया

एनएससीएन (आईएम) की ओर से बुधवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है, “जिसे ‘विश्वासघाती ज़मीन’ पर चलना कहा जा सकता है, मणिपुर के आठ नागा विधायकों ने खुद को भ्रमित लोगों के रूप में साबित कर दिया है जो यह नहीं जानते कि वे कौन हैं और मणिपुर विधान सभा में किसका प्रतिनिधित्व करते हैं।”

मणिपुर में हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मदद की पेशकश की है। एसबीआई ने कहा कि मणिपुर में जो लोग हिंसा से प्रभावित हैं उन्हें ऋण पर राहत दी जाएगी। एसबीआई ने ये कदम हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए उठाया है।

एसबीआई ने मदद की पेशकश की

इस संबंध में एसबीआई मणिपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि राहत पैकेज में समान मासिक किश्तों (ईएमआई), ब्याज भुगतान और अन्य किश्तों पर 12 महीने तक की छूट शामिल हैं। बताया गया कि यह सुविधा उन उधारकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगी, जिनके खाते तीन मई, 2023 तक गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) में नहीं बदल गए थे।

क्या है एसबीआई की राहत?

बैंक के एक अधिकारी ने कहा एसबीआई का राहत पैकेज मणिपुर में उन उधारकर्ताओं के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, जो अशांति से प्रभावित हुए हैं। ईएमआई और ब्याज भुगतान पर रोक से उन्हें बहुत जरूरी राहत मिलेगी और उन्हें सामान्य जीवन व आर्थिक रूप से अपने वित्त का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।

कैसे मिलेंगे लाभ?

बता दें कि पैकेज को चार मई, 2023 की मूल्यांकन तिथि के आधार पर लागू किया जाएगा। बैंक ने कहा कि जो उधारकर्ता राहत प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उन्हें 31 अगस्त, 2023 तक अपनी घरेलू शाखाओं या किसी नजदीकी एसबीआई शाखा से संपर्क करना होगा।

एसबीआई ने बताया कि वह इस समय मणिपुर में व्यक्तियों और व्यवसायों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझता है और राहत पैकेज का उद्देश्य उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करना है।

मणिपुर में हिंसा कब हुई थी शुरू?

बता दें कि मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू हुई। मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा में अब तक 150 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से राज्य में अशांति की खबरें सामने नहीं आई है।

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