सीवान में पानी गिराने को लेकर हुआ हिंसक झड़प

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बारिश के बाद 30 फीसदी आम और लीची को नुकसान

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में सीवान के मदारपुर गांव में दो पक्षों के बीच पानी गिराने के विवाद में तनाव बढ़ गया। इस मामले में दोनों पक्षों में तनाव बढ़ा और अंततः तनाव के चलते चार मंजिला मकान के ऊपर से ईट पत्थर फेंकने की घटना देखी गई। इस पत्थरबाजी में दो लोगों को गंभीर रूप से घायल हो गया। घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।

जमकर चले ईंट-पत्थर

चार मंजिला मकान के ऊपर से ईंट, पत्थर फेंकने की तस्वीर भी कैद हुई है। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर जमीन कब्जा करने के लिए दबंगई करने का आरोप लगाया है, वहीं दूसरे पक्ष ने अपने ऊपर लगे आरोप को गलत ठहराया है। घटना लकड़ी नबीगंज प्रखंड क्षेत्र के मदारपुर गांव की है। बताया जा रहा है कि शाहिद अली शेख और सीताराम साह के बीच कई सालों से जमीनी विवाद चल रही थी। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि वर्षा का पानी शाहिद अली शेख के चार मंजिला छत से दरवाजे पर गिर रहा था। जिसे लेकर परिजनों ने मना किया कि दरवाजे पर पानी लग जा रहा है, जिसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई।

वहीं देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि 4 मंजिला मकान के ऊपर से ईट पत्थरों की बारिश होने लगी। इस पत्थरबाजी में दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। वही पीड़ित पक्ष का करकट नुमा मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। दोनों घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां दोनों को प्राथमिक उपचार करने के बाद वापस भेज दिया गया। सीताराम शाह का कहना है कि जिस जमीन पर मेरा घर है उस जमीन को शाहिद अली खरीदना चाहते हैं,

जिसकी कीमत उन्होंने पहले भी लगा भी चुके हैं, लेकिन मैं उसे बेचना नहीं चाहता। इसलिए वह किसी तरह मुझे वहां से भगाना चाहते हैं । वहीं शाहिद अली का कहना है कि सारी बातें गलत है ऐसी कोई बात नहीं है सारे आरोप निराधार है।फिलहाल पुलिस पीड़ित के द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर घटना की जांच में जुटी हुई है।

बारिश के बाद 30 फीसदी आम और लीची को नुकसान

बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी। इसमें सबसे भारी क्षति गेहूं, आम व लीची उपजाने वाले किसानों को हुई है। बता दें कि शनिवार की शाम को प्रखंड क्षेत्र में अचानक मौसम का रुख बदला और हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। लगभग पौन घंटे तक लगातार बारिश हुई। इसके बाद लगभग एक घंटा तक बूंदाबांदी होती रही। इससे सब्जी की फसलों को फायदा हुआ, लेकिन आम, लीची एवं अन्य फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।

आम व लीची के बौर काफी मात्रा में झड़ गये हैं। इसके अलावा क्षेत्र की सभी गड्ढेदार सड़कों पर जलजमाव से सड़कें पूरी तरह से कीचड़युक्त हो गई हैं। बता दें कि विगत वर्ष औसतन बारिश बहुत कम हुई, जिससे गेहूं की बुआई के समय खेतों में पर्याप्त नमी नहीं थी। ऐसे में किसानों द्वारा खाली खेतों की सिंचाई करने के बाद खेतों में गेहूं की बुआई की गई। गेहूं की बुआई के बाद से लेकर फ़सल पकने के पूर्व तक भी, एक बार भी बारिश नहीं हुई।

लेकिन अब गेहूं की आधी से ज्यादा फसलें पक गईं हैं, तो फिर बारिश इन फसलों पर कहर बरपा रही है। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि निचले क्षेत्रों में गेहूं की फसलें इस बार बहुत अच्छी हैं, जहां ज्यादा बरसात होने पर गेहूं की बुआई नहीं हो पाती है। बहरहाल मौसम के बदलते रुख से किसानों को बहुत ही बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

सरसो और सब्जी की फसल को भी हुई क्षति, 20 और 21 मार्च को भी बारिश होने की है आशंका

सीवान में तेज हवा के साथ बेमौसम बरसात और तेज हवा से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल गिर गई तो सरसों की फलियां टूट गई हैं। आलू खेत की खुदाई प्रभावित हुई है। बताया गया कि 20 और 21 मार्च को भी भारी बरसात की आशंका है। बारिश के कारण जिले में 30 फीसदी फसलों का नुकसान हुआ है।

किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल पकने को तैयार है। सरसों भी इसी स्थिति में है। बारिश ने दोनों को बर्बाद कर दिया। क्षेत्र में आलू की खुदाई भी चल रही है। ज्ञात हो कि शनिवार की रात करीब 8 बजे हवा के साथ बारिश होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई । गेहूं और सरसों की फसलों के साथ सब्जियों को नुकसान हुआ है। आम के बोर भी खराब होने काे हैं। गेहूं में बालियां आई हुई हैं।

किसानों की पीड़ा : गिरीं बालियों के दाने रह जाएंगे छोटे, बाजार में नहीं मिलेगा उनका दाम

दरौली| शनिवार की रात आंधी-तूफान के साथ-साथ हुई तेज बारिश से खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई। किसानों की मानें तो आंधी-तूफान और बारिश ने फसलों को 30 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है। प्रखंड क्षेत्र के हरेराम यादव, प्रमोद यादव, राजेन्द्र चौधरी, राजा राम यादव, रामा जी यादव, विनोद पाण्डेय, राज किशोरा पाण्डेय, राम बाबू पाण्डेय, सुरेन्द्र पाण्डेय आदि किसानों ने बताया कि गिरी हुई फसल का दाना अब छोटा रह जाएगा।

मंडी में इसका भाव भी कम मिलेगा। वर्तमान में पूरी की पूरी गेहूं की फसल अब खेत में है। 15 से 20 दिन बाद ही इसकी कटाई शुरू हो पाएगी। मौसम के बिगड़े तेवर की मार फसल पर पड़ना तय है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आनेवाले 24 घंटे तक बादल छाए रहने और कहीं-कहीं पर हल्की बारिश की संभावना है। इसके बाद मौसम में कुछ राहत मिलेगी।

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