विष्णुदेव साय को मिली छत्तीसगढ़ की कमान,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत तो दर्ज कर ली थी लेकिन मुख्यमंत्री के ऐलान में उसने एक सप्ताह का वक्त ले लिया. जी हां…आखिरकार बीजेपी ने आदिवासी चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनने के लिए बीजेपी के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की रविवार को अहम बैठक हुई जिसमें विष्णुदेव साय को प्रदेश का सीएम बनाने पर सहमति बनी. सीएम पद की रेस में आदिवासी समाज से आने वाले विष्णुदेव साय का नाम आगे चल रहा था जिसपर सभी विधायकों ने हामी भर दी.

विष्णुदेव साय रायगढ़ से 4 बार (1999-2014) सांसद चुने गए. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें बीजेपी ने मैदान में नहीं उतारा था, क्योंकि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव हारने के बाद अपने किसी भी मौजूदा सांसद को नहीं दोहराने का फैसला किया था. इसके साथ ही विष्णुदेव साय प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष भी हैं. जून 2020 में भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था. वह अगस्त 2022 तक प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के पद पर रहे.

उनके दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक विधायक रहे थे. उनके ‘बड़े पिता जी’ (उनके पिता के बड़े भाई) स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय जनसंघ के सदस्य थे और 2 बार विधायक ( 1962-67 और 1972-77) रहे. जबति एक बार सांसद (1977-79) के रूप में चुने गए और जनता पार्टी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. उनके पिता स्वर्गीय केदारनाथ साई के एक और बड़े भाई भी जनसंघ के सदस्य थे और तपकारा से विधायक (1967-72) रहे थे.

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