जातियता सांप्रदायिकता व क्षेत्रियता की आड़ में वोट बैंक की राजनीति से देश को खतरा: डॉ० अशोक वर्मा
श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, सीवान (बिहार)
राष्ट्रीय सहयोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० अशोक वर्मा ने वर्तमान परिपेक्ष में राजनीति माहौल को लेकर कहा कि राजनीति का आधार शिक्षा व वैज्ञानिक सोच के साथ बराबरी का व्यवहार, जन कल्याण व सर्वांगीण विकास होना चाहिए, परन्तु आज के समय में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। डॉ० वर्मा ने देश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य ही है कि आजादी के पचहत्तर साल बाद भी धार्मिकता, जातीयता, सांप्रदायिकता और क्षेत्रीयता का ही बोलबाला है।
जात-पात, बैकवर्ड-फारवर्ड व धर्म को आधार बनाकर चुनाव लडऩा और जीतने के लिए धनबल व बाहुबल का दुरूपयोग भारतीय राजनीति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे देश के अधिकांश राजनीतिक दलों तथा उनके कर्णधारों के लिए देश की गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई से कोई मतलब नहीं होता। इनका मुख्य उद्देश्य किसी भी कीमत पर सत्ता पर कब्जा जमाए रखना है। देश की भोली-भाली जनता ऐसे दलों व उनके नेताओं के षड्यंत्रों में फंसकर अपने व अपने आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को गर्त में डुबोती आई है है।
उन्होंने लोगों से कहा है कि अब समय आ गया है जब समाज को तोड़ने वाली नकारात्मक राजनीति से हटकर समाज को जोड़ने वाली रचनात्मक राजनीति के प्रति समर्पित राष्ट्रीय सहयोग पार्टी को मजबूत किया जाए। डॉ वर्मा ने कहा है कि देश के अधिकांश राजनीतिक दलों के नेता धर्म, जाति, संप्रदाय और क्षेत्रीयता को अपना हथियार बनाकर सत्ता का सुख भोग रहे है।
समय रहते इस लोकतांत्रिक कुव्यवस्था में परिवर्तन आवश्यक है अन्यथा हमारी आजादी अधुरी रह जाएगी व जिसके जिम्मेदार हम खुद होंगे। पार्टी अध्यक्ष ने राष्ट्रीय सहयोग पार्टी से जुड़ने हेतु लोगों से आग्रह किया है ताकि देश में एक नई राजनीतिक व्यवस्था स्थापित की जा सके।
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