क्या भारत में मिला मंकी पॉक्स का संदिग्ध मरीज?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कई देशों में कहर बरपा चुके मंकी पॉक्स का एक संदिग्ध मामला भारत में भी मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि एमपॉक्स ट्रांसमिशन से पीड़ित देश से हाल ही में यात्रा करने वाले एक व्यक्ति की पहचान इस बीमारी के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मंत्रालय ने बयान में कहा है कि मरीज को एक अस्पताल में अलग कर दिया गया है और वर्तमान में उसकी हालत स्थिर है, चिंता का कोई कारण नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि आदमी से नमूने एकत्र किए गए हैं और एमपॉक्स की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए परीक्षण किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान में बताया कि विदेश से लौटे एक शख्स को मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) वायरस के संदेह पर अस्पताल में आइसोलेट किया गया है. मंत्रालय के मुताबिक, शख्स की हालत इस समय स्थिर है और उसके नमूनों की जांच की जा रही है ताकि एमपॉक्स वायरस के बारे में पुष्टि की जा सके.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मामले को निर्धारित प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रबंधित किया जा रहा है और संपर्क ट्रेसिंग भी की जा रही है ताकि संभावित सोर्स का पता लगाया जा सके और इस मामले का आगे पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जा सके.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा हैरानी की बात नहीं
मंत्रालय ने कहा कि इस मामले को लेकर “अतिरिक्त चिंता” की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह मामला नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) इस मामले को देख रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि देश ट्रैवल रिलेटेड ऐसे मामलों से निपटने के लिए तैयार है. साथ ही ऐसे मामलों की पहचान के लिए ट्रेसिंग चैनल स्थापित किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अलर्ट
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल के वायरस के प्रकोप को, अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में चिन्हित किया है. संगठन ने 14 अगस्त को इसका किया था. स्वास्थ्य संगठन ने इसका ऐलान तब किया है जब हाल ही में इस वायरस के नए वैरिएंट की पहचान की गई थी.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में मंकीपॉक्स के इस नए मामले को लेकर जनता में जागरूकता फैलाना और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की जरूरत है. सभी संबंधित विभाग और एजेंसियां अलर्ट पर हैं और हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है.
भारत में मंकीपॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी का खतरा बहुत कम है और घबराने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ये जानकारी दी है. हालांकि, WHO ने इस बीमारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चिंता बताया है और पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है. अधिकारी सूत्रों के अनुसार, भारत में आखिरी मंकीपॉक्स का मामला इस साल मार्च में केरल से रिपोर्ट हुआ था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2022 से भारत में कुल 30 लैब-कन्फर्म्ड मंकीपॉक्स केस रिपोर्ट किए गए हैं.