सन्नी देओल की फिल्म ‘इंडियन’ देख सिपाही से बन गया IPS अधिकारी
श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः
आज हम आपको एक ऐसे IPS अधिकारी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सनी देओल की फिल्म ‘इंडियन’ देखकर अपनी जिंदगी बदल डाली. जहां कुछ लोग फिल्मों से बुरी आदतें सीख लेते हैं, वहीं इन्हें फिल्म में सनी देओल का पुलिस अधिकारी वाले किरदार से प्रेरणा मिली. इसके बाद इन्होंने दिन रात मेहनत कर पुलिस अधिकारी की वर्दी जीत ली.
‘इंडियन’ फिल्म देखकर शख्स को IPS अधिकारी बनने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि बीच में मिली तीन सरकारी नौकरियों को भी इन्होंने छोड़ दिया और तब तक चैन की सांस नहीं ली, जब तक अपना लक्ष्य पा नहीं लिया. हम जिस IPS अधिकारी के जज्बे की कहानी आपको बता रहे हैं उनका नाम मनोज रावत है. वह राजस्थान के जयपुर के एक गांव श्यामपुरा के रहने वाले हैं.
19 साल की उम्र में मिली थी पुलिस की नौकरी
इस समय मनोज रावत IPS अधिकारी के पद पर तैनात हैं. मनोज रावत एक सामान्य परिवार में जन्मे थे. बचपन से ही उन्हें फिल्में देखने का बहुत शौक था. उन्हें सबसे ज्यादा पुलिस अधिकारी की फिल्में अपनी ओर आकर्षित करती थीं. हालांकि पढ़ाई के बाद उन्होंने अपना और अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए कॉन्सटेबल की नौकरी कर ली. मात्र 19 साल की उम्र में वह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए.
इसके बाद भी मनोज रावत ने अपनी पढ़ाई बंद नहीं की और उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से एमए किया. जैसे ही उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. वैसे ही पुलिस कांस्टेबल की नौकरी छोड़ उन्होंने कोर्ट में क्लर्क की नौकरी शुरू की. इसके बाद वह सिविल सर्विस की तैयारी के लिए उन्होंने क्लर्क की नौकरी भी छोड़ दी. सिविल सर्विस की तैयारी करते समय मनोज को CISF की नौकरी भी मिली, लेकिन उन्होंने यह नौकरी करने से भी इनकार कर दिया. क्योंकि मनोज रावत बस अब अपने लक्ष्य की ओर ही देख रहे थे.
पुलिस की नौकरी के दौरान देखी ‘इंडियन’ फिल्म
मनोज रावत बताते है कि जब वह कांस्टेबल की नौकरी कर रहे थे तो उन्होंने सनी देओल की फिल्म ‘इंडियन’ देखी थी. इसके बाद से ही उन्होंने ठान लिया था कि वह IPS अधिकारी बनकर रहेंगे. फिर वह अपने निश्चय पर डट गए और पूरे आत्मविश्वास के साथ मेहनत शुरू कर दिया. आखिरकार साल 2017 में मनोज रावत ने UPSC का एग्जाम क्लियर किया और देशभर में 824वां रैंक प्राप्त किया. उन्होंने 35 मिनट लंबा इंटरव्यू देकर IPS अधिकारी का पद अपने नाम कर लिया.
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