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वसंत पंचमी महोत्सव में सीवान में भी कभी प्रचलित रहे प्राचीन होरी नृत्य की प्रस्तुति को देखना बना सुखद अनुभव - श्रीनारद मीडिया

वसंत पंचमी महोत्सव में सीवान में भी कभी प्रचलित रहे प्राचीन होरी नृत्य की प्रस्तुति को देखना बना सुखद अनुभव

वसंत पंचमी महोत्सव में सीवान में भी कभी प्रचलित रहे प्राचीन होरी नृत्य की प्रस्तुति को देखना बना सुखद अनुभव

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बिहार सरकार के कला, और युवा विभाग और जिला प्रशासन सीवान द्वारा आयोजित कार्यक्रम ने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में भी निभाई भूमिका

✍️ डॉक्टर गणेश दत्त पाठक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान में समाहरणालय के निकट स्थित आंबेडकर संवाद कक्ष में बिहार सरकार के कला, संस्कृति और युवा विभाग तथा जिला प्रशासन सीवान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित वसंत पंचमी महोत्सव 2025 के दौरान बिहार की प्राचीन होरी नृत्य को देखना एक शानदार अनुभव बना। इस नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति, शिष्या पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा नृत्य शिक्षिका श्वेता श्रीवास्तव के निर्देशन में दी गई। होरी नृत्य से राधे कृष्ण के स्नेह का प्रसंग जीवंत हो उठा। प्रस्तुति इतनी शानदार रही कि उपस्थित लोगों ने खूब तालियां बजाई। साथ ही सीवान के भी बेहद प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से साक्षात्कार का पल अविस्मरणीय बन गया।

जिला कला और संस्कृति पदाधिकारी डॉक्टर ऋचा वर्मा ने बताया कि बिहार में होली के दौरान होरी नृत्य की विशेष सांस्कृतिक परंपरा पाई जाती रही है। गौरतलब है कि होरी नृत्य एक पारंपरिक भारतीय नृत्य है, जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में विशेष तौर पर प्रचलित रहा है। यह बिहार की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा रहा है। यह नृत्य सीवान में भी पहले खासा प्रचलित रहा है लेकिन अब कहीं कहीं ही देखने को मिलता है। यह नृत्य होली के त्योहार के दौरान प्रस्तुत किया जाता है, जो रंगों और प्रेम का त्योहार माना जाता रहा है।

होरी नृत्य में नर्तकियाँ और नर्तक रंगीन वस्त्रों में सजे हुए होते हैं और वे होली के गीतों और संगीत के साथ सामूहिक नृत्य करते हैं। इस दौरान होली के प्रचलित गीतों का गायन किया जाता है।लोक इस नृत्य में विभिन्न मुद्राओं, हाव-भाव और गतियों का उपयोग किया जाता है, जो होली के त्योहार की मूल भावना का प्रकटीकरण भी करते हैं।

होली के त्योहार का मूल संदेश कई गहरे अर्थों और भावनाओं को समेटे हुए है। होली का त्योहार हिरण्यकश्यप और प्रहलाद की कहानी पर आधारित है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार प्रेम और एकता का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें प्रेम और सहानुभूति के साथ जोड़ता है।
होली के त्योहार में रंगों का भी बहुत महत्व होता है। रंगों का उपयोग जीवन की विविधता और सुंदरता को भी परिलक्षित करता है साथ ही नवीनता और सकारात्मकता का संदेश भी देता है। होरी नृत्य समवेत रूप से अपने प्रस्तुति के दौरान होली के विभिन्न आयामों को ही संदर्भित करता दिखता है।

सीवान जिला समाहरणालय के निकट स्थित आंबेडकर संवाद कक्ष में आयोजित वसंत पंचमी महोत्सव 2025 के दौरान उपस्थित जिले के नौनिहालों के बीच होरी नृत्य की प्रस्तुति ने एक शानदार संदेश दिया। उपस्थित बच्चों ने भी अपने सांस्कृतिक विरासत को संजीदगी से अनुभव किया होगा। यह प्रयास सिवान के प्राचीन होरी नृत्य के संरक्षण में भी कारगर साबित होगा।

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