गंडक में जलस्तर में हुई कमी लेकिन परेशानी बरकरार
क्षतिग्रस्त फसलों के लिए सरकार पीड़ित किसानों को दे मुआवजा -जनक सिंह
श्रीनारद मीडिया, रमेश मिश्रा, पानापुर, छपरा, (सारण)
नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से छोड़े गए पानी मे कमी के बावजूद सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे लोगो की परेशानी कम होने का नाम नही ले रही है . पानी की तेज धारा के कारण सोमवार को सारण तटबंध से रामपुररुद्र 161 एवं सीमावर्ती तरैया प्रखंड के सगुनी गांव को जोड़ने वाला सड़क क्षतिग्रस्त हो गया है जिस कारण इन गांवों के लोगो का सड़क संपर्क टूट गया है .
इन गांव के लोगो के लिए अब नाव ही सहारा है .असमय आयी बाढ़ के कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों के सैकड़ों एकड़ में लगी धान की तैयार फसलों के अलावे मक्के ,अरहर एवं सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गयी है जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गये हैं .
किसानों का कहना था कि असमय आयी बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है . जल संसाधन विभाग के कनीय अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज लेवल में लगातार कमी हो रही है . सोमवार की सुबह पानी का डिस्चार्ज लेवल एक लाख इकतीस हजार क्यूसेक पर आ गया है . ऐसे में लोगो को घबराने की जरूरत नही है .
क्षतिग्रस्त फसलों के लिए सरकार पीड़ित किसानों को दे मुआवजा -जनक सिंह
सारण जिले के तरैया विधायक जनक सिंह ने रविवार को बाढ़ प्रभावित पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,सोनवर्षा ,बसहिया ,रामपुररुद्र 161 एवं सारंगपुर गांवो का दौरा किया एवं बाढ़पीड़ितों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया .उन्होंने असमय आयी बाढ़ के लिए नीतीश सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सरकार ने मांग किया कि बाढ़ से बर्बाद फसलों के लिए सरकार पीड़ित किसानों को अविलंब मुआवजे की घोषणा करें .
उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसानों की कृषियुक्त जमीन नदी में विलीन होते जा रही है .आपदा विभाग की रिपोर्ट के बावजूद सरकार इस मामले की अनदेखी कर रही है जिससे किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है .उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों की रिपोर्ट के बावजूद सरकार इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है जो चिंता का विषय है .
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