Breaking

हम विदेश नीति में दखल नहीं दे सकते है- सुप्रीम कोर्ट

हम विदेश नीति में दखल नहीं दे सकते है- सुप्रीम कोर्ट

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत द्वारा इजरायल को निर्यात किए जा रहे हथियारों और सैन्य उपकरणों पर रोक लगाने के लिए बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। कोर्ट से केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी कि इस पर रोक लगा दी जाए। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दे दिया है।

कोर्ट ने क्या कहा?

दरअसल, इजरायल गाजा में फलस्तीनी लड़ाकों के साथ युद्ध लड़ रहा है। इजरायल को भारतीय कंपनियां अपने हथियार बेच रही है। मामले में दाखिल जनहित याचिका पर आज कोर्ट ने कहा कि हम देश की विदेश नीति में दखल नहीं दे सकते हैं। कोर्ट ने इसी के साथ याचिका खारिज कर दी।

 सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भारत और भारतीय कंपनियों को गाजा में युद्ध के लिए इजरायल को हथियार और सैन्य सहायता देने से रोकने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देश की विदेश नीति के क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकती. कोर्ट ने कहा, “अगर इजरायल निर्यात पर रोक लगाता है तो इजरायल को हथियारों के निर्यात में शामिल भारतीय फर्मों पर कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े दायित्वों के उल्लंघन का मुकदमा चलाया जा सकता है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की सुप्रीम कोर्ट की पीठ अशोक कुमार शर्मा और अन्य द्वारा वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह इजरायल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण निर्यात करने वाली भारतीय फर्मों को लाइसेंस रद्द करे. इसके साथ ही उन्हें नए लाइसेंस न दे.

इजरायल गाजा में कर रहा नरसंहार 

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इजरायल गाजा में नरसंहार कर रहा है. इसलिए भारतीय हथियारों का निर्यात नरसंहार अपराध की रोकथाम और दंड संबंधी कन्वेंशन का उल्लंघन होगा.

जानें सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि विदेश से जुड़े मामलों के लिए केंद्र सरकार के पास अधिकार क्षेत्र है. इसने यह भी देखा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा मांगी गई राहत देने के लिए, सुप्रीम कोर्ट को इजरायल के खिलाफ आरोपों पर निष्कर्ष निकालना होगा, जो एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र है और भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र के अधीन नहीं है.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “क्या हम निर्देश दे सकते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के नरसंहार सम्मेलन के तहत आप इजरायल को निर्यात पर प्रतिबंध लगा दें. यह प्रतिबंध क्यों है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह विदेश नीति को प्रभावित करता है और हम नहीं जानते कि इसका क्या प्रभाव होगा.

भारत-इज़रायल घनिष्ठ रणनीतिक साझेदार

भारत और इजराइल घनिष्ठ रणनीतिक साझेदार हैं, जिनके बीच अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों और सैन्य हार्डवेयर में सहयोग बढ़ रहा है. जहां इजराइल भारत को निगरानी और साइबर सुरक्षा प्रणालियों सहित आतंकवाद-रोधी उपकरण दे रहा है.

Leave a Reply

error: Content is protected !!