हम तो उस समय नहीं लाए अविश्वास प्रस्ताव- मुख्तार अब्बास नकवी

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आईएनडीआईए में चल रही कुश्ती, अराजकता हावी- नकवी

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

राज्यसभा में विपक्ष ने सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इस आरोप के साथ दिया है कि उनका व्यवहार पक्षपाती है। सरकार को मदद पहुंचाते हैं और विपक्ष को अवसर नहीं देते। इसी परिप्रेक्ष्य में पूर्व संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस को तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के समय की याद दिलाई है।

मनमोहन सिंह पर भरोसा नहीं

नकवी का साफ कहना है कि तब अंसारी का सरकार के खिलाफ पक्षपाती रवैया था। सरकार के कामकाज भी प्रभावित किए जाते थे। लेकिन फिर भी तब भाजपा कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाई थी। सांसद सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि जिस कांग्रेस पार्टी को अपने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भरोसा नहीं रहा हो, उससे उम्मीद ही क्या की जा सकती है।

उपसभापति भी कांग्रेस के ही रहमान

गौरतलब है कि हामिद अंसारी मोदी सरकार के कार्यकाल में तीन साल तक उपराष्ट्रपति रहे थे। वह अगस्त 2017 में रिटायर हुए थे। नकवी तब संसदीय कार्य मंत्रालय का भी जिम्मा संभाल रहे थे। उस वक्त के माहौल को याद करते हुए नकवी कहते हैं कि उस समय अंसारी का व्यवहार भी असहयोगात्मक था और उपसभापति भी कांग्रेस के ही रहमान खान थे।

भाजपा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाई

नकवी कहते हैं कि उस वक्त राज्यसभा में आने वाले अधिकतर बिल अटक जाया करते थे। क्योंकि विपक्ष शोर करता था और अंसारी का कहना था कि वह शोर शराबे में विधेयक पास नहीं कराएंगे। जबकि उसके पहले कांग्रेस काल में शोर शराबे में कई विधेयक पारित कराए गए थे। लेकिन भाजपा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाई।

नेता चेयर पर किताब फेंकते हैं

जबकि सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर ही सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि धनखड़ के कार्यकाल से पहले विपक्षी सदस्यों का रवैया कभी इतना खराब भी नहीं रहा था। इसी काल में यह देखा गया कि विपक्ष के नेता चेयर पर किताब फेंकते हैं।

गठबंधन में मचा तूफान

इसी कार्यकाल में कुछ विपक्षी सदस्यों ने माइक तक तोड़कर चेयर की ओर फेंकी। सदन की मेज पर चढ़े और वह चाहते हैं कि कार्रवाई भी न हो। सच्चाई यह है कि इंडी गठबंधन में मचे तूफान के बाद आपसी होड़ के लिए यह मुद्दा लाया गया है जो टिकेगा नहीं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष पर तीखा वार करते हुए कहा कि आईएनडीआईए में कुश्ती चल रही है। उसमें अराजकता हावी है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के डीएनए की बात करने वाले विपक्षी नेताओं को कठघरे में खड़ा किया।
मुख्तार अब्बास बोले, उनकी नीयत में खोट है। योगी का डीएनए तो दंगाइयों की ठुकाई, बलवाइयों की कुटाई और समाज की सुरक्षा और भलाई है। जो लोग बाहुबलियों और दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई पर रोते हैं, वे इस डीएनए को कभी नहीं समझ सकते। योगी जी ने हमेशा कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने का काम किया है। जबसे उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनी है। तब से कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। दंगों पर रोक लगी है, लेकिन कुछ ताकतें सांप्रदायिक फसाद में सियासी मफाद तलाश रही हैं। देश में सामाजिक सदभाव की ताकत से मजबूती लाना वक्त की जरूरत है।

जनता सिखाएगी सबक

विदेश आक्रमणकारियों की क्रूर करतूत के कलंक को वर्तमान पीढ़ी की सुरक्षा, समुद्धि, सौहार्द का कंटक संकट नहीं बनने देना है। आजादी के अमृतकाल से सदभाव का अमृत निकालना चाहिए, सांप्रदायिकता का विष नहीं। सपा पर हमलावर होते हुए कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी सुल्तानों और सांप्रदायिक चैंपियनों को बाहर कर दिया जाएगा। जनता उन्हें सबक सिखाएगी।

विपक्ष में रहकर नो बाल फेंकने का रिकॉर्ड बना रही कांग्रेस

नकवी ने कांग्रेस के बारे में कहा वह सत्ता में रहते हिट विकेट होती थी, अब विपक्ष में रहकर नो बाल फेंकने का रिकॉर्ड बना रही है। रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए नकवी ने बांग्लादेश के हालात के बारे में कहा कि वहां हिंदुओं पर जुल्म की पराकष्ठा हो गई है। कुछ कठमुल्लाओं ने देश को कैद कर लिया है, जो उसे आतंकवाद के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं। हिंदुस्तान में भी कुछ सांप्रदायिक ताकतें माहौल खराब करना चाहती हैं, लेकिन भाजपा सरकार ऐसा नहीं होने देगी।

भाजपा हमेशा सबका साथ, सबका विकास की नीति पर करती है काम

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास ने कहा, कि भाजपा ने हमेशा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर काम किया है। सामाजिक सद्भाव की शक्ति से सांप्रदायिक उन्माद को परास्त करके देश और मानवता को सुरक्षित रखना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य और समय की मांग है। हमें विदेशी आक्रमणकारियों के आपराधिक, सांप्रदायिक को वर्तमान पीढ़ी की सुरक्षा, संरक्षा और समृद्धि पर हावी नहीं होने देना चाहिए।

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