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हमको जातीय गणना पर विश्वास नहीं है-जीतनराम मांझी - श्रीनारद मीडिया

हमको जातीय गणना पर विश्वास नहीं है-जीतनराम मांझी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के सदन में पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने जब जातीय गणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमको जातीय गणना पर विश्वास नहीं है. जातीय गणना करने के लिए लोग घर-घर नहीं गये बल्कि टेबल पर बैठकर इसे तैयार कर दिया गया. ऐसा रिपोर्ट से अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का कभी उत्थान नहीं सकता, वो कल भी वंचित थे और आगे भी इस रिपोर्ट के कारण वंचित रह जाएंगे. इतना सुनते ही मुख्यमंत्री भड़क गये और कहने लगे कि इनकों कुछ आईडिया है. वो तो मेरी गलती थी कि इस आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया था. इस आदमी को कोई सेंस नहीं है ऐसे ही बोलते रहता है. यही जानकर हमने उधर भगा दिया.

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बीच नोकझोंक हो गयी. सदन में आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान मांझी ने जब आरक्षण के लाभ को लेकर टिप्पणी की तो तभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को जलील कर दिया. नीतीश कुमार काफी देर तक जीतन राम मांझी पर हमले करते रहे.

इस दौरान एक दो बार मांझी ने कुछ कहने की कोशिश की लेकिन वो कुछ बोल नहीं पाये. नीतीश कुमार माझी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग भी किया. नीतीश कुमार को सत्ता पक्ष के नेता समेत सभा अध्यक्ष बार बार बैठने का अनुरोध करते रहे, लेकिन वो अपनी बात कहते रहे.

इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि राजनीति में लोग एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं. नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को बिहार का सीएम बनाया था और उनके बेटे को भी मंत्री बनाने का काम किया था. यही बात वो सदन में भी कह रहे थे, उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है.

ऐतिहासिक दिन को दूसरे मुद्दों से ढकना चाहती है भाजपा

तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा इस ऐतिहासिक दिन को दूसरे मुद्दों से ढकना चाहती है. देश के इतिहास में पहली बार 75 फीसदी आरक्षण पारित किया गया. आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया है. यह ऐतिहासिक काम किया गया है. बीजेपी नहीं चाहती है कि इस तरह की खबरें जनता के बीच पहुंचे.

जनता के प्रति जो हमलोगों का प्रण था, उसे हमने पूरा किया है. मुख्यमंत्री के जुबान से दलित विरोधी शब्द नहीं निकला है. ऐसी भाषा तो भाजपा में ही ना देखने को मिलता है. हमारे पिता और परिवार के बारे में भाजपा के बड़े बड़े नेता अभ्रद्र भाषा का प्रयोग करते हैं. वो छिपाने वाली बात है क्या. पूरानी बातों को उजागर करने से क्या फायदा. राजनीति में आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं, लेकिन लोगों को सोचना चाहिए कि बेकार की बातों से दूर रहकर साकारात्मक काम में लगना चाहिए.

वहीं जेडीयू विधायक डॉ संजीव कुमार ने जीतनराम मांझी को गद्दार बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ भी गलत नहीं बोला है. मांझी को नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री बनाया था. अब उनको गवर्नर बनने की इच्छा है. इसलिए बीजेपी के साथ गये हैं. राजनीति में मुख्यमंत्री का कद बहुत ऊंचा है.

उम्र में भले छोटे हैं, यह अलग बात है. नीतीश कुमार 18 साल से मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में मंत्री रह चुके हैं. इसलिए वो अपनापन का भाव होता है, इसलिए ऐसा कहे होंगे. इसलिए ज्यादा इसकों तूल देने की बात नहीं है. संजीव कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने सही कहा है कि गद्दारी नहीं करना चाहिए. गद्दारी कोई करता है तो गुस्सा जरूर आएगा. मुख्यमंत्री के साथ मांझी ने गद्दारी की थी इसमें कोई दो मत नहीं है.

क्या कहा था सदन में माझी ने

सदन में पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने जब जातीय गणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमको जातीय गणना पर विश्वास नहीं है. जातीय गणना करने के लिए लोग घर-घर नहीं गये बल्कि टेबल पर बैठकर इसे तैयार कर दिया गया. ऐसा रिपोर्ट से अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का कभी उत्थान नहीं सकता, वो कल भी वंचित थे और आगे भी इस रिपोर्ट के कारण वंचित रह जाएंगे. इतना सुनते ही मुख्यमंत्री भड़क गये और कहने लगे कि इनकों कुछ आईडिया है. वो तो मेरी गलती थी कि इस आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया था. इस आदमी को कोई सेंस नहीं है ऐसे ही बोलते रहता है. यही जानकर हमने उधर भगा दिया.

 

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