हम अनुगामी उन पावों के,
आदर्श लिए जो बड़े चले…
बाधाएं जिन्हें डिगा न सकी,
जो संघर्षों में डटे रहे !
वनवासी संथाल की बेटी देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने जा रही है स्वागत करिये..
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हम अनुगामी उन पावों के,
आदर्श लिए जो बड़े चले…
बाधाएं जिन्हें डिगा न सकी,
जो संघर्षों में डटे रहे !
पति और दो बेटों के निधन के बाद पढ़ाई करना।
वह भी अपने बच्चों के उम्र के साथ के लोगों के बीच में बैठकर परीक्षाएं पास करते-करते ग्रेजुएट होना।
सरकारी नौकरी प्राप्त करना।
दो बेटों और पति का निधन के बाद खुद और बेटियों तथा परिवार को संभालना।
उसके बाद छोटी नौकरी से शुरुआत करते हुए परीक्षा देते देते क्लास टू की पोस्ट तक जाना।
फिर राजनीति में आना पार्षद, विधायक बनना।
उड़ीसा में मंत्री बनना फिर केंद्र में मंत्री बनना,राज्यपाल बनना।
द्रौपदी मुर्मू जी पंचायत सदस्य से विधायक फिर मंत्री और राज्यपाल रह चुकी हैं..राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव है..सामान्य परिवेश से संघर्ष कर आगे बढ़ी हैं उसका भी अनुभव है..कभी विवादों में नही रही..उनका जन्म उस संथाल वनवासी समुदाय में हुआ जिनका देश के आजादी में अहम योगदान रहा है..ऐसा समुदाय जिसे आज तक उचित प्रतिनिधित्व नही मिला..कर्ज उतारने का समय है ..ऐसे वनवासी संथाल की बेटी देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने जा रही है स्वागत करिये..
एनडीए एवं यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा कर दी गयी है. झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है, वहीं विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये गये हैं. इन दोनों का झारखंड से रिश्ता रहा है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रही हैं, वहीं पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा हजारीबाग से सांसद रहे हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त और विदेश मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी संभाल चुके यशवंत सिन्हा विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाये गये हैं. कांग्रेस के सीनियर लीडर जयराम रमेश ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद इसका ऐलान किया. 27 जून को 11:30 बजे वे राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. भारतीय प्रशासनिक सेवा से ये राजनीति में आये. 6 नवंबर 1937 को पटना में जन्मे यशवंत सिन्हा का लंबा वक्त भारतीय जनता पार्टी के साथ बीता. भाजपा छोड़ने के बाद कई मंच से जुड़े और इस वक्त वह पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस में हैं.
यशवंत सिन्हा को जून 1996 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया. मार्च 1998 में यशवंत सिन्हा को अटल बिहारी वाजपेयी ने देश का वित्त मंत्री बनाया. 22 मई 2004 तक संसदीय चुनावों के बाद नयी सरकार के गठन तक वे विदेश मंत्री रहे. हजारीबाग लोकसभा सीट से वह सांसद भी बने. 2004 में वह हजारीबाग सीट से हार गये. वर्ष 2005 में वह फिर संसद पहुंचे. 13 जून 2009 को उन्होंने भाजपा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार की रात को इसका ऐलान किया. भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद जगत प्रकाश नड्डा ने इसका ऐलान किया. श्री नड्डा ने कहा कि संसदीय दल की बैठक में इस बात का फैसला किया गया कि किसी आदिवासी को इस बार राष्ट्रपति बनाया जाये. इसलिए संसदीय दल ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया.
मूल रूप से ओड़िशा की रहने वाली दो बार विधायक व एक बार राज्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुकीं द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में 18 मई 2015 को शपथ ली थीं. पांच वर्ष का कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण राष्ट्रपति द्वारा नयी नियुक्ति नहीं किये जाने के कारण श्रीमती मुर्मू का कार्यकाल का स्वत: विस्तार हो गया था. छह जुलाई को नये राज्यपाल की अधिसूचना जारी होने तक श्रीमती मुर्मू का कार्यकाल छह वर्ष एक माह 18 दिन का रहा. अपने पूरे कार्यकाल में कभी विवादों में नहीं रहीं. बल्कि हमेशा जनजातीय मामलों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य को लेकर सजग रहीं.
वर्ष 2017 में दीपावली पर्व के ठीक एक दिन पहले झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू आंजनधाम पहुंच कर माता अंजनी की पूजा-अर्चना की थी. इस यात्रा को याद करते हुए शिक्षक दीप ज्योति गोप ने बताया कि उन्होंने हनुमान जन्म पर आधारित गीत की प्रति राज्यपाल को सौंपा था. यहां पूजा अर्चना के समय शिक्षक दीप ज्योति ने राज्यपाल का सहयोग करते हुए पूजन की थाली को संभाले रखा था.
बैगा, पहान और पुजार ने मां अंजना से की थी याचना
बैगा, पहान और पुजार ने मां अंजना से याचना करते हुए राज्यपाल के लिए कहा था कि मां इन्हें पूरे देश की महारानी बना देना. इस वाक्य को सुनकर शिक्षक ज्योति के मन में आया कि भवावेश में यह बात बैगा, पाहन, पुजारी के मुंह से निकल गयी होगी, लेकिन जब NDA द्वारा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया, तो पाहन, पुजारी की बातों की चर्चा तेज हाे गयी है.
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