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हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे- अमित शाह - श्रीनारद मीडिया

हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे- अमित शाह

हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे- अमित शाह

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के इसी सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। अगस्त 2024 में इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था। चार अप्रैल को समाप्त होने वाले मौजूदा बजट सत्र में अब केवल चार कार्यदिवस बचे हैं।

विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है- शाह

अमित शाह ने एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे। प्रस्तावित कानून से किसी को डरना नहीं चाहिए, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में रहकर वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है। विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। मुसलमानों के किसी भी अधिकार पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा। विपक्ष सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहा है।

हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है- अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन इसलिए लाना पड़ा, क्योंकि मूल कानून तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। कांग्रेस ने वक्फ एक्ट में ऐसे नियम बनाए जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं थे। हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।

अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में 123 प्रमुख स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित कर रखा है। प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क (जहां आजाद ने अपना बलिदान दिया था) को भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। इस विधेयक को अगस्त 2024 में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था। मौजूदा बजट सत्र के 4 अप्रैल को समाप्त होने में केवल चार कार्य दिवस शेष रह गए हैं। शाह ने टाइम्स नाउ समिट 2025 में कहा, ‘हम इसी सत्र में संसद में वक्फ विधेयक पेश करेंगे।’
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून से किसी को डरना नहीं चाहिए क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार संविधान के दायरे में वक्फ अधिनियम में संशोधन कर रही है। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। मुसलमानों के किसी भी अधिकार पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा। वे सिर्फ झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।’

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार को मौजूदा कानून में संशोधन विधेयक लाना पड़ा क्योंकि मूल कानून तुष्टीकरण की राजनीति के कारण बनाया गया था। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने वक्फ अधिनियम में ऐसे नियम बनाए जो संविधान की भावना के अनुरूप नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘हमने वक्फ विधेयक को संविधान के दायरे में रखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए कानून को तोड़-मरोड़ कर पेश किया था।’ शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने दिल्ली में 123 प्रमुख स्थानों को वक्फ संपत्ति घोषित किया है और प्रयागराज में ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क को भी वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है।

विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन पर क्या बोले अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की ओर से बनाए गए मौजूदा कानून के अनुसार इन फैसलों को अदालतों में चुनौती भी नहीं दी जा सकती। विधेयक के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर गृह मंत्री ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है। किसी भी विवाद को अदालत में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘वे विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि विधेयक संविधान के दायरे में नहीं है, तो इसे अदालतों में चुनौती दी जा सकती है।’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें जेपीसी की ओर से अनुशंसित बदलावों को शामिल किया गया है। इससे इसे चर्चा और पारित करने के लिए संसद में पेश करने का रास्ता साफ हो गया है।

केंद्र सरकार वर्तमान सत्र में ही वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार वक्फ विधेयक को संविधान की भावना के अनुरूप लेकर आई है।

गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक ‘रेट्रोस्पेक्टिव’ नहीं है। इसमें किसी भी पहले से तय वक्फ संपत्ति को लेकर कोई प्रावधान नहीं है बल्कि नए विधेयक में केवल विवादित विषयों पर ही कोर्ट को विचार का अधिकार होगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की 123 प्राइम लोकेशन को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर दिया। प्रयागराज का ऐतिहासिक चंद्रशेखर आजाद पार्क, जहां वीर आजाद ने अपने प्राण न्योछावर किए, उसे भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया।

अमित शाह ने कहा कि 2013 में कांग्रेस पार्टी ने संसद के अंतिम सत्र में बिना किसी लंबी बहस के वक्फ विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक को पारित कर पार्टी ने अपनी तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ाने और वोट बैंक तैयार करने के लिए ढेर सारे प्रावधान किए हैं। यह कानून संविधान से मेल नहीं खाता।

अमित शाह ने राहुल गांधी को संसद में बोलने का अवसर नहीं दिये जाने के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि संसद में होने वाली चर्चाओं में उनकी पार्टी को समय दिया जाता है। बजट पर कांग्रेस को 45 प्रतिशत समय दिया गया। यह उन्हें तय करना है कि किसे बोलना है। हम इसे रोक नहीं सकते लेकिन वह इस दौरान वियतनाम में थे।

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