राजनीतिक खिलाड़ी के रूप में काम करना चाहते हैं पश्चिमी मीडिया: एस जयशंकर
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वोटिंग प्रतिशत को लेकर काफी चर्चा हो रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस मुद्दे पर विदेशी मीडिया खासकर पश्चिमी देशों की मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। विदेशी मीडिया का कहना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है?
पश्चिमी मीडिया के ऐसे सवालों का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्री ने कहा,”वे (पश्चिमी मीडिया) जानकारी के अभाव की वजह से नहीं, बल्कि चुनावों को प्रभावित करने के मकसद ‘पॉलिटिकल प्लेयर’ के रूप में काम करने की कोशिश करते हैं।
मंगलवार (23-04-24) को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,”मुझे पश्चिमी प्रेस से इस तरह के बहुत सारे शोर मिलते हैं और अगर वे हमारे लोकतंत्र की आलोचना करते हैं, तो ऐसा इसलिए नहीं है, क्योंकि उनके पास जानकारी की कमी है। वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी हैं।”
एस जयशंकर ने आगे कहा,”मैंने भी पश्चिमी मीडिया के रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें लिखा गया कि भारत में गर्मी है, वहां इस समय चुनाव क्यों हो रहा है? इन सवालों पर मैं उन्हें कहना चाहूंगा कि इस गर्मी में भी हमारे देश का सबसे कम मतदान आपके सर्वोत्तम रिकॉर्ड में सबसे अधिक मतदान से अधिक है।”
विदेश मंत्री ने कहा,”वे (पश्चिमी मीडिया) आपकी चुनाव प्रणाली, आपकी ईवीएम, आपके चुनाव आयोग और यहां तक कि मौसम पर भी सवाल उठाएंगे क्योंकि वो सोचते हैं कि वो हमारे वोटिंग का हिस्सा हैं।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दावा किया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने 2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के बाद कुछ नहीं करने का फैसला किया। तत्कालीन सरकार का तर्क था कि पाकिस्तान पर हमला नहीं करने की तुलना में उसपर हमला करना अधिक महंगा साबित होगा।
भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ (करीब 125 देशों का समूह) की आवाज करार देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देश विश्व में अपने मुद्दों और स्थिति को लेकर भारत पर भरोसा करते हैं। जयशंकर ने यहां विदेश नीति पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया।
इजरायल को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जरा इजरायल जैसे देश के बारे में सोचें… इजरायल 1948 में स्वतंत्र हुआ। 1948 से 1992 तक, हमने इजरायल में एक राजदूत और एक दूतावास नहीं रखने का फैसला किया। क्यों? 1992 से, हमारे पास एक दूतावास था। 1992 से 2017 तक, भारत का कोई भी प्रधानमंत्री इजरायल नहीं गया, नरेंद्र मोदी इजरायल गए।
‘मोदी की गारंटी’ वैश्विक है
हैदराबाद में एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर कहा कि यह भी एक वैश्वीकृत दुनिया है, हमारे पास (भारत के बाहर) बहुत सारे भारतीय हैं… हमें उन चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना होगा। तथ्य यह है कि आज लगभग दो करोड़ भारतीय, भारतीय नागरिक और भारतीय पासपोर्ट धारक हैं जो भारत से बाहर रहते हैं और काम करते हैं। लगभग डेढ़ करोड़ दूसरे देशों के नागरिक हैं जिनसे हमारा जुड़ाव है। उस जिम्मेदारी को देखें जो यह हमें देता है… हमने इसे यूक्रेन, सूडान, इज़राइल में संघर्षों में देखा है… ‘मोदी की गारंटी’ भारत की सीमाओं पर नहीं रुकती। ‘मोदी की गारंटी’ वैश्विक है।
भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में रोडशो में भाग लिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तेलंगाना में भोनगिर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी बुरा नरसैया गौड़ के नामांकनपत्र भरने से पहले मंगलवार को रोडशो में भाग लिया। नरसैया को जनसेवा करने वाला अच्छा प्रत्याशी बताते हुए जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि मतदाता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को मजबूत करने के लिए उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।
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