भारत और नीदरलैंड संबंध को प्रभावित करने वाले समझौते क्या है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के प्रतिनिधियों ने नीदरलैंड का दौरा किया, जहाँ दोनों पक्षों ने चिकित्सा उत्पाद विनियमन पर सहयोग करने तथा दोनों देशों के लिये चिकित्सा उत्पादों एवं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये एक आशय पत्र (MoI) पर हस्ताक्षर किये।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हेग में दूसरे विश्व स्थानीय उत्पादन मंच (WLPF) की बैठक में भाग लिया।

  • WLPF विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) द्वारा दवाओं एवं स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों तक पहुँच बढ़ाने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया एक मंच है।

नीदरलैंड के बारे में प्रमुख तथ्य:

  • सीमाएँ: पूर्व में जर्मनी, दक्षिण में बेल्ज़ियम और उत्तर-पश्चिम में उत्तरी सागर।
  • राजधानी: एम्स्टर्डम (आधिकारिक), हेग (सरकार की सीट)।
  • सरकार: संसदीय प्रणाली के साथ संवैधानिक राजतंत्र।
  • प्रमुख नदियाँ: राइन, म्यूज़ और शेल्ड्ट।

भारत-नीदरलैंड संबंध कैसे रहे हैं?

  • राजनयिक गठबंधन:
    • भारत और नीदरलैंड ने वर्ष 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किये। वर्ष 2022 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे किये।
    • वर्तमान में दोनों देशों के बीच मज़बूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध हैं।
    • उच्च स्तरीय आपसी आदान-प्रदान ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को गति प्रदान की है।
  • द्विपक्षीय व्यापार और निवेश:
    • नीदरलैंड यूरोप में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है (अप्रैल 2000-मार्च 2023 तक)। यह भारत में चौथा सबसे बड़ा निवेशक भी है।
    • वर्ष 2022-23 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 27.58 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया।
    • अप्रैल 2000-मार्च 2023 तक नीदरलैंड से भारत में संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment- FDI) का प्रवाह 43.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • भारत से नीदरलैंड को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएँ:
    • भारत ने FY22 में नीदरलैंड को 4,610 वस्तुओं का निर्यात किया।
    • अप्रैल-मई 2023-24 तक नीदरलैंड को भारत का निर्यात 3.29 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
    • अप्रैल-मई 2023-24 के दौरान भारत से नीदरलैंड को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में पेट्रोलियम उत्पाद, दूरसंचार उपकरण, एल्युमीनियम और एल्युमीनियम उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लोहा तथा इस्पात आदि शामिल हैं।
  • हालिया विकास:
    • भारत में डच कंपनियों ने निवेश की सुविधा के लिये भारत व नीदरलैंड के बीच औपचारिक रूप से एक द्विपक्षीय फास्ट-ट्रैक तंत्र (FTM) स्थापित करने के लिये उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) एवं नीदरलैंड के दूतावास के माध्यम से सितंबर 2022 में एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किये।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग:
    • नीदरलैंड्स ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर साइंटिफिक रिसर्च (NWO) भारत सरकार के विभिन्न विभागों के साथ सहयोग करता है।
    • उदाहरण के लिये “स्‍वस्‍थ्‍य पुन: उपयोग सयंत्र के लिये शहरी सीवेज स्ट्रीम के स्‍थानीय उपचार (Local Treatment of Urban Sewage Streams for Healthy Reuse, LOTUS-HR)” शीर्षक से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
      • LOTUS-HR परियोजना भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग एवं डच NWO-TTW द्वारा वित्तपोषित विश्वविद्यालयों एवं  कंपनियों का भारत-नीदरलैंड संयुक्त सहयोग है।
  • जल प्रबंधन में सहयोग:
    • डच इंडो वाटर अलायंस लीडरशिप इनिशिएटिव (DIWALI) नामक एक मंच विकसित किया गया है जिसमें भारत तथा नीदरलैंड जल संबंधी चुनौतियों के समाधानों की रूपरेखा तैयार करने हेतु भाग ले सकते हैं।
  • कृषि क्षेत्र में सहयोग:
    • भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिये नीदरलैंड द्वारा पहचाने गए प्रमुख क्षेत्रों में से एक कृषि है।
    • कृषि पर 5वीं संयुक्त कृषि कार्य समूह (Joint Agriculture Working Group- JAWG) की बैठक वर्ष 2018 में नई दिल्ली में हुई।
    • JAWG के तहत एक कार्य योजना पर हस्ताक्षर किये गए जिसमें बागवानी, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्यपालन तथा खाद्य प्रसंस्करण में उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करने में सहयोग की परिकल्पना की गई है।
    • इसके अतिरिक्त कोल्ड चेन, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन आदि के क्षेत्र में कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण में सहयोग करना शामिल है।
  • स्वास्थ्य सेवा सहयोग:
    • संचारी रोगों और रोगाणुरोधी प्रतिरोध से जुड़ी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों में अधिक अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने हेतु जनवरी 2014 में स्वास्थ्य देखभाल एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए थे।

निष्कर्ष:

  • भारत और नीदरलैंड के बीच संबंध 17वीं शताब्दी की शुरुआत से हैं।
  • लंबे समय से प्रशंसनीय यह ऐतिहासिक संबंध दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों, कानून का शासन, बहुलवाद और लोगों से लोगों के बीच संबंध पर आधारित है।
  • विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सहयोग ने निस्संदेह नीदरलैंड और भारत को करीब ला दिया है।
  • दोनों देश व्यापार और अर्थव्यवस्था, ऊर्जा परिवर्तन, स्मार्ट शहर और शहरी गतिशीलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग, जल प्रबंधन तथा कृषि क्षेत्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल एवं संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग स्थापित कर वैश्विक चुनौतियों को मिलकर हल करने के लिये मज़बूती से प्रयास कर रहे हैं।
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