भारतीय मानसून का पूर्वानुमान का क्या निष्कर्ष हैं?

भारतीय मानसून का पूर्वानुमान का क्या निष्कर्ष हैं?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) ने एक अध्ययन किया जिसके अनुसार मानसूनी मेघ पट्टिकाओं अथवा क्लाउड बैंड की प्रबलता की भारतीय उपमहाद्वीप में इसकी गति और वर्षा की तीव्रता के निर्धारण में अहम भूमिका है।

मानसून क्लाउड बैंड पर किये गए अध्ययन के निष्कर्ष क्या हैं?

  • मेघों की प्रबलता: केवल प्रबल भूमध्यरेखीय क्लाउड बैंड ही उत्तर की ओर गमन कर सकते हैं और भारत में आद्र वेला ला सकते हैं। मंद बैंड प्रसारित होने में विफल हो जाते हैं, जो पूर्व के अनुमानित मॉडल के विपरीत है, जिसमें बैंड की प्रबलता को महत्त्वपूर्ण न मानते हुए इसके निरंतर प्रसारित होने की कल्पना की गई थी।
    • अध्ययन के अनुसार वर्षा की अवधि और तीव्रता रेन बैंड के आकार और प्रबलता पर निर्भर करती है तथा बोरियल समर इंट्रासीज़नल ऑसिलेशन (BSISO) के कारण रेन बैंड का भूमध्य रेखा से भारतीय उपमहाद्वीप की ओर गमन होता है जिससे मानसून की वर्षा और शुष्कता प्रभावित होती है।
  • वायु समुद्र अंतःक्रिया: भूमध्यरेखीय हिंद महासागर में आद्रता वर्द्धन और वायु प्रबलता की दृष्टि से वायु समुद्र अंतःक्रिया महत्त्वपूर्ण हैं। इसके प्रबल युग्मन से वायुमंडलीय आद्रता बढ़ती है, जिससे मानसून तीव्रकर होता है।
  • जलवायु परिवर्तन प्रभाव: वायुमंडल के अधिक ऊष्ण होने से पृष्ठभूमि में आद्रता बढ़ेगी, जिससे वर्षा की तीव्रता बढ़ेगी।
    • भविष्य में भारत और समीपवर्ती समुद्रों में वर्षा के दौरान वर्षा में 42% से 63% की वृद्धि होने का अनुमान है।
  • जलवायु मॉडल में सुधार: निष्कर्षों से मौसमी और उप-मौसमी मानसून पूर्वानुमान मॉडल की प्रभावकारिता में सुधार करने में मदद मिलेगी।

बोरियल समर इंट्रासीज़नल ऑसिलेशन

  • BSISO एक मानसून प्रतिरूप है जो जून-सितंबर के दौरान हिंद महासागर से पश्चिमी प्रशांत महासागर की ओर संवहन (उष्णता और मेघ सक्रियता) को स्थानांतरित करता है।
    • यह मानसून के ‘सक्रिय’ (वर्षा) और ‘ब्रेक’ (शुष्क) चरणों को नियंत्रित करता है, जो वर्षा, वायु पैटर्न और समुद्री तरंगों को प्रभावित करते हैं।
  • सटीक BSISO भविष्यवाणियाँ तटीय प्रबंधन और जलवायु पूर्वानुमान में मदद करती हैं। इसकी शक्ति और गति अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) द्वारा नियंत्रित होती है, जिसमें ला नीना उत्तर दिशा में प्रसार को बढ़ाता है तथा अल नीनो इसे कमज़ोर करता है।

भारत के मानसून के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • व्युत्पत्ति: शब्द “मानसून” अरबी शब्द “मौसिम” से लिया गया है, जिसका अर्थ है मौसम।
  • भारत में मानसून के प्रकार: 
    • दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून-सितंबर): इसे ” मानसून आगमन” भी कहा जाता है, यह हिंद महासागर से नमी युक्त पवनें लाता है।
      • तिब्बत पर कम दाब और हिंद महासागर पर उच्च दाब के कारण भारत के अधिकांश भागों में अत्यधिक वर्षा होती है।
    • पूर्वोत्तर मानसून (अक्तूबर-दिसंबर): इसे “मानसून निवर्तन” के रूप में भी जाना जाता है, यह मानसून गर्त के दक्षिण की ओर बढ़ने और दक्षिण-पश्चिम मानसून के निवर्तन के परिणामस्वरूप होता है।
      • दक्षिण-पूर्वी भारत, विशेषकर तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में वर्षा लाता है।
  • भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारक: अंतर -उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) गर्मियों में उत्तर की ओर स्थानांतरित हो जाता है, जिससे भारत पर निम्न दाब बनता है। तिब्बत का पठार अत्यधिक गर्म हो जाता है, जिससे उष्णकटिबंधीय पूर्वी जेट उत्पन्न होती है।
    • ये संयुक्त कारक हिंद महासागर से नमीयुक्त पवनों को आकर्षित करते हैं, जिससे दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो जाता है
    • उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम (जो उत्तर-पूर्वी मानसून से जुड़ी है) भी मानसून की तीव्रता को नियंत्रित करती है। इसके अतिरिक्त, सोमाली जेट दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी पवनों को मज़बूत बनाती है।
    • हिंद महासागर द्विध्रुव (IOD) पश्चिमी और पूर्वी हिंद महासागर के बीच एक तापमान विसंगति है; सकारात्मक IOD (उष्ण पश्चिम) मानसून को बढ़ाता है और नकारात्मक IOD इसे कमज़ोर करता है।
    • अल नीनो को प्रायः भारत में कमज़ोर मानसून और सूखे से जोड़कर देखा जाता है। ला नीना का संबंध सकारात्मक मानसून से है।
  • यह भी पढ़े……………
  • श्राद्ध के भोज में खाना बनाने जा रहे बाइक सवार हलुआई पिक अप की टक्कर से घायल
  • सांसदों के वेतन में वृद्धि और कर्मचारियों के वेतन में स्थिरता

Leave a Reply

error: Content is protected !!