खेल संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु सरकार की क्या पहल हैं?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विभिन्न आयोजनों और गतिविधियों के माध्यम से भारत में खेल और शारीरिक स्वस्थता को बढ़ावा देने के लिये मेजर ध्यानचंद की जयंती पर 29 अगस्त, 2024 को राष्ट्रीय खेल दिवस (NSD) 2024 मनाया गया।
- NSD 2024 पर सरकार ने सेवानिवृत्त खिलाड़ी सशक्तीकरण प्रशिक्षण (Retired Sportsperson Empowerment Training- RESET) कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
NSD और RESET कार्यक्रम से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?
- परिचय: यह भारत में खेल के प्रति उत्साह को चिह्नित करने वाला एक विशेष अवसर है।
- इसका उद्देश्य सभी आयु वर्ग के व्यक्तियों को शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रेरित करना, खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और एथलीटों की उपलब्धियों का सम्मान करना है।
- राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्त्व: राष्ट्र के गौरव और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलीटों के योगदान का सम्मान करते हुए यह दिवस उनकी उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है।
- सरकार इस दिवस पर विभिन्न खेल योजनाओं का शुभारंभ करती है, जैसे कि वर्ष 2018 में खेलो इंडिया अभियान की शुरुआत की गई थी।
- भारत के राष्ट्रपति इस दिन प्रतिष्ठित खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं, जिनमें से एक मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार है।
- RESET कार्यक्रम:
- उद्देश्य: सेवानिवृत्त खिलाड़ियों को आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करके उन्हें अधिक रोज़गार योग्य बनाना।
- पात्रता: ऐसे सेवानिवृत्त एथलीट जिनकी आयु 20-50 वर्ष वर्ष के बीच है, जो अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता रहे हैं, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं या राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर प्राप्त हैं, RESET कार्यक्रम के तहत आवेदन करने के पात्र हैं।
- संरचना: यह शैक्षिक योग्यता के आधार पर दो स्तरों पर होगी अर्थात् कक्षा 12वीं और उससे ऊपर तथा कक्षा 11वीं और उससे नीचे।
- कार्यक्रम को लागू करने वाला अग्रणी संस्थान: लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (Lakshmibai National Institute of Physical Education- LNIPE), ग्वालियर।
मेजर ध्यानचंद के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- मेजर ध्यानचंद भारत के स्वतंत्रता-पूर्व के एक प्रमुख हॉकी खिलाड़ी थे।
- अपनी स्टिक वर्क और खेल की समझ के कारण वे “हॉकी के जादूगर” और “जादूगर” के नाम से प्रसिद्ध हैं।
- उन्होंने वर्ष 1928, 1932 और 1936 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत की पहली बार स्वर्ण पदक जीतने की हैट्रिक में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- वर्ष 1926 और 1948 के बीच उन्होंने भारत के लिये 185 मैच खेले और 400 से अधिक गोल किये।
- वह वर्ष 1956 में भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट में मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए।
- वह दिन में अपनी रेजिमेंट संबंधी ड्यूटी पूरी करते थे, इसलिये वह चाँदनी रात में अभ्यास करते थे, जिससे उन्हें चंद की उपाधि मिली।
- उन्हें 1956 में तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण मिला।
- वर्ष 2012 में भारत सरकार ने उनकी जयंती को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
- उन्हें सम्मानित करने के लिये भारत सरकार ने 2021 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया।
भारत में दिये जाने वाले विभिन्न खेल पुरस्कार कौन-कौन से हैं?
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार: इसे भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान माना जाता है। यह पुरस्कार चार साल की अवधि में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये दिया जाता है और विजेताओं को एक पदक, प्रमाण पत्र और नकद राशि मिलती है।
- अर्जुन पुरस्कार: यह विगत चार वर्षों की अवधि में अच्छे प्रदर्शन के लिये दिया जाता है। अर्जुन पुरस्कार के विजेताओं को अर्जुन की एक प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार दिया जाता है।
- द्रोणाचार्य पुरस्कार: यह प्रशिक्षकों के लिये भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। यह प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता तैयार करने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।
- मेजर ध्यानचंद पुरस्कार: यह भारत के हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाने वाला एक और पुरस्कार है। यह खेलों में आजीवन उपलब्धियों के लिये भारत का सर्वोच्च सम्मान है।
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी: यह किसी संस्था या विश्वविद्यालय को पिछले एक वर्ष की अवधि में अंतर-विश्वविद्यालयी टूर्नामेंट में शीर्ष प्रदर्शन के लिये दी जाती है।
- राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार: यह पुरस्कार पिछले तीन वर्षों में खेल के प्रचार तथा विकास के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संगठनों या कॉर्पोरेट्स (निजी और सार्वजनिक दोनों) तथा व्यक्तियों को दिया जाता है।
खेल संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु सरकार की क्या पहल हैं?
- फिट इंडिया मूवमेंट
- खेलो इंडिया
- SAI प्रशिक्षण केंद्र योजना
- खेल प्रतिभा खोज पोर्टल
- राष्ट्रीय खेल पुरस्कार योजना
- टारगेट ओलंपिक पोडियम
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