भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंध और चुनौतियाँ क्या है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
8वीं भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा नीति वार्ता (DPT) कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित की गई।
वार्ता के प्रमुख बिंदु:
- भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की तथा द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मज़बूत करने के लिये नई पहल की खोज की।
- दोनों पक्षों ने आपसी विश्वास एवं समझ, सामान्य हितों तथा साझा मूल्यों के आधार पर व्यापक रणनीतिक साझेदारी को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
- भारत ने अपने जहाज़ निर्माण तथा रखरखाव योजनाओं में ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों के साथ सहयोग करने की सामर्थ्य एवं क्षमता के साथ भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला।
- दोनों पक्ष हाइड्रोग्राफी समझौते (Hydrography Agreement) को शीघ्र अंतिम रूप देने पर सहमत हुए।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध:
- ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
- भारत और ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार स्वतंत्रता-पूर्व काल में राजनयिक संबंध स्थापित किये, जब वर्ष 1941 में सिडनी में भारत के महावाणिज्य दूतावास को व्यापार कार्यालय के रूप में खोला गया था।
- वर्ष 2014 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ यूरेनियम आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो भारत के “त्रुटिहीन” अप्रसार रिकॉर्ड की मान्यता में परमाणु अप्रसार संधि पर गैर-हस्ताक्षरकर्ता देश के साथ अपनी तरह का पहला समझौता था।
- रणनीतिक संबंध:
- वर्ष 2020 में भारत-ऑस्ट्रेलिया नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी से व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया।
- वर्ष 2022 और 2023 में भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन तथा विदेश मंत्रियों की बैठक सहित उच्च स्तरीय भागीदारी एवं मंत्रिस्तरीय यात्राओं की एक शृंखला शुरू हुई। दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान कई प्रमुख घोषणाएँ की गईं, जिनमें शामिल हैं:
- कौशल के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये प्रवासन तथा गतिशीलता साझेदारी व्यवस्था पर आशय पत्र।
- रक्षा सहयोग:
- पहली भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता सितंबर 2021 में नई दिल्ली में हुई।
- रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिये जून 2020 में वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट (MLSA) पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास:
- द्विपक्षीय:
- नौसेना अभ्यास काकाडू
- भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त नौसैनिक अभ्यास (AUSINDEX)
- पूर्व ऑस्ट्रिया हिंद (सेना)
- बहुपक्षीय अभ्यास:
- मालाबार: ऑस्ट्रेलिया अगस्त, 2023 में “मालाबार” अभ्यास की मेज़बानी करेगा, जिसमें भारत, जापान और अमेरिका की भागीदारी होगी।
- अभ्यास पिच ब्लैक 22।
- द्विपक्षीय:
- चाइना फैक्टर:
- ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंध कई कारणों से तनावपूर्ण हो गए, जिनमें ऑस्ट्रेलिया द्वारा 5G नेटवर्क से हुआवेई पर प्रतिबंध लगाना, कोविड-19 की उत्पत्ति की जाँच करना और शिनजियांग एवं हॉन्गकॉन्ग में चीन के मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करना शामिल है।
- चीन ने ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाकर सभी मंत्रिस्तरीय संपर्क समाप्त कर दिये।
- भारत को सीमा पर चीनी आक्रामकता का सामना करना पड़ रहा है जो गलवान घाटी में होने वाली झड़प जैसी घटनाओं से उजागर हुआ है।
- ऑस्ट्रेलिया तथा भारत दोनों नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं, वे इंडो-पैसिफिक में क्षेत्रीय पहुँच बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो समावेशी हो, अग्रिम आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा दें।
- क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान) में देशों की भागीदारी साझा चिंताओं के आधार पर उनके हितों के अभिसरण का एक उदाहरण है।
- बहुपक्षीय सहयोग:
- दोनों क्वाड, कॉमनवेल्थ, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), आसियान क्षेत्रीय फोरम, जलवायु तथा स्वच्छ विकास पर एशिया प्रशांत साझेदारी, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम (IPEF) के सदस्य हैं और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग ले चुके हैं।
- दोनों देश विश्व व्यापार संगठन के संदर्भ में पाँच इच्छुक पार्टियों (FIP) के सदस्यों के रूप में भी सहयोग करते रहे हैं।
- ऑस्ट्रेलिया, एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) में एक महत्त्वपूर्ण देश है और संगठन में भारत की सदस्यता का समर्थन करता है।
- आर्थिक सहयोग:
- आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA):
- यह एक दशक में विकसित देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला मुक्त व्यापार समझौता है जो दिसंबर 2022 में लागू हुआ।
- सप्लाई चेन रेज़ीलियेंस इनीशिएटिव (SCRI):
- भारत और ऑस्ट्रेलिया जापान के साथ त्रिपक्षीय व्यवस्था में भागीदार हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाना चाहता है।
- द्विपक्षीय व्यापार:
- ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत, ऑस्ट्रेलिया का 9वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य द्विपक्षीय व्यापार (अप्रैल-नवंबर 2022) 18,903 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा है।
- अप्रैल 2000 से सितंबर 2022 तक 1,060.27 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संचित FDI राशि के साथ ऑस्ट्रेलिया भारत में FDI इक्विटी प्रवाह में 29वें स्थान पर है।
- आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA):
- शिक्षा क्षेत्र में सहयोग:
- मार्च 2023 में शैक्षिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता ( Mutual Recognition of Educational Qualifications- MREQ) के लिये सहयोग पर हस्ताक्षर किये गए थे। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच छात्रों की गतिशीलता को सुविधाजनक बनाएगा।
- डीकिन विश्वविद्यालय और वोलोंगोंग विश्वविद्यालय भारत में परिसर खोलने की योजना बना रहे हैं।
- 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं, जिससे ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्र विदेशी छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बनकर उभरा है।
- स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग:
- वर्ष 2022 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर कर देशों ने अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों जैसे- अल्ट्रा लो-कॉस्ट सौर एवं स्वच्छ हाइड्रोजन की लागत को न्यूनतम करने के लिये साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की।
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के तहत प्रशांत महाद्वीपीय देशों को 10 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (AUD) की सहायता प्रदान करने की घोषणा की।
- दोनों देशों ने तीन वर्ष की भारत-ऑस्ट्रेलिया दुर्लभ खनिज निवेश साझेदारी के लिये 5.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करने का वचन दिया।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को लेकर चुनौतियाँ:
- ऑस्ट्रेलिया में अडानी कोयला खदान परियोजना पर विवाद था, हालाँकि कुछ कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया, जिससे दोनों देशों के आपसी संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया।
- ऑस्ट्रेलिया में काम करने के इच्छुक भारतीय कामगारों और छात्रों के लिये वीज़ा प्रतिबंधों को लेकर चिंता व्यक्त की गई है।
- खालिस्तान समर्थकों द्वारा हाल ही में भारतीय प्रवासियों और मंदिरों पर किये गए हमलों ने तनाव उत्पन्न कर दिया है।
आगे की राह
- साझा मूल्यों, विभिन्न प्रकार की रुचियों, भौगोलिक उद्देश्यों के कारण हाल के वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध मज़बूत हुए हैं।
- दोनों देश एक ऐसा हिंद-प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं जो मुक्त, खुला, समावेशी और नियम पूर्वक शासित हो; किसी भी विवाद को बिना किसी दबाव या एकतरफा कार्रवाई के सुलझाया जाना चाहिये।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन जैसी पहल, भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नए सिरे से संबंध, इंडो-पैसिफिक में नियम-आधारित आदेश सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिये दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करने का अवसर प्रदान करते हैं।
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