बुक्सा टाइगर रिज़र्व के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिम बंगाल के बुक्सा टाइगर रिज़र्व (Buxa Tiger Reserve- BTR) में 23 साल के अंतराल के बाद दो सालों में दूसरी बार बाघ (Tiger) की वापसी देखी गई, जिससे एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र और बाघों की आबादी में वृद्धि होने की उम्मीद है।
बुक्सा टाइगर रिज़र्व के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय:
- बुक्सा टाइगर रिज़र्व और नेशनल पार्क 760 वर्ग किलोमीटर में फैला है तथा उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार ज़िले में स्थित है।
- बुक्सा टाइगर रिज़र्व की उत्तरी सीमा भूटान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ लगती है। सिंचुला पहाड़ी शृंखला बुक्सा राष्ट्रीय उद्यान के उत्तरी किनारे पर स्थित है तथा पूर्वी सीमा असम राज्य को स्पर्श करती है।
- टाइगर रिज़र्व में बहने वाली मुख्य नदियाँ- संकोश, रैदक, जयंती, चुर्निया, तुरतुरी, फशखवा, दीमा और नोनानी हैं।
- गलियारा कनेक्टिविटी:
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) के अनुसार, बुक्सा टाइगर रिज़र्व की कॉरिडोर कनेक्टिविटी की सीमाएँ उत्तर में भूटान के जंगलों को, पूर्व में कोचुगाँव के जंगलों और मानस टाइगर रिज़र्व तथा पश्चिम में जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान को स्पर्श करती हैं।
- रिज़र्व की कनेक्टिविटी बंगाल बाघों के प्रवासन तथा आनुवंशिक विविधता को बढ़ावा देने में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती है।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) के अनुसार, बुक्सा टाइगर रिज़र्व की कॉरिडोर कनेक्टिविटी की सीमाएँ उत्तर में भूटान के जंगलों को, पूर्व में कोचुगाँव के जंगलों और मानस टाइगर रिज़र्व तथा पश्चिम में जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान को स्पर्श करती हैं।
- वनस्पतिजात:
- इसके प्रमुख वृक्ष प्रजातियों में साल, चैंप, गमर, सिमुल तथा चिक्रासी शामिल हैं, जो रिज़र्व के विविध एवं जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देते हैं।
- प्राणिजात:
- इसकी प्राथमिक वन्यजीव प्रजातियों में एशियाई हाथी, बाघ, गौर (भारतीय बाइसन), जंगली सूअर, साम्भर तथा जंगली कुत्ता (ढोल) शामिल हैं।
- बक्सा टाइगर रिज़र्व में संकटग्रस्त जातियों में तेंदुआ बिल्ली (Leopard cat), बंगाल फ्लोरिकन, रीगल अजगर, चीनी पैंगोलिन, हिस्पिड खरगोश तथा हॉग हिरण शामिल हैं।
- संरक्षण पहल:
- बाघों के शिकार आधार को बढ़ाने, उनकी वापसी के लिये अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा देने एवं सफल संरक्षण प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिये रिज़र्व में चीतल (चित्तीदार हिरण) की संख्या में वृद्धि करना।
- बाघों तथा अन्य वन्यजीवों के लिये एक आदर्श आवास बनाने के लिये घासस्थल का विस्तार करने हेतु सक्रिय उपाय किये गए हैं।
- मानव व वन्यजीवों के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व में सरलता लाने हेतु मानव हस्तक्षेप कम करने, घुसपैठ पर अंकुश लगाने तथा अतिक्रमण को नियंत्रित करने के लिये केंद्रित पहल की शुरुआत की गई है।
- टाइगर ऑग्मेंटेशन प्रोजेक्ट वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था, इस सहयोगी परियोजना में राज्य वन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान और NTCA शामिल हैं, जो बाघों की जीवसंख्या की निगरानी तथा इनकी वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
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