कोरोना वायरस का नया XE वैरिएंट के क्या हैं लक्षण?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार आ रही कमी के बाद कई राज्यों में सभी पाबंदियों को हटा दिया गया है. महाराष्ट्र, दिल्ली समेत कई राज्यों में मास्क की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है. हालांकि बुधवार को आई खबर ने एक बार फिर सबकी टेंशन बढ़ा दी. मुंबई में कोरोना के ‘XE वैरिएंट’ की पुष्टि के बाद हर किसी के मन में यही सवाल है कि यह कितना घातक साबित हो सकता है?
WHO ने भी हाल में नए वेरिएंट को बेहद खतरनाक बताया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कहा गया था कि इस पर शोध अभी जारी है और ज्यादा जानकारी मिलने के बाद स्पष्टता आएगी. हालांकि हालांकि सरकारी सूत्रों ने इस बात से इनकार किया है कि ओमिक्रोन के नए XE वैरिएंट का कोई मामला सामने नहीं आया है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि नमूने की फास्ट क्यू फाइल, जिसे एक्सई वैरिएंट कहा जा रहा है, का विश्लेषण इंसाकाग (इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) द्वारा किया गया था, जिसमें यह अनुमान लगाया गया कि इस वैरिएंट की जीनोमिक बनावट एक्सई की जीनोमिक बनावट से मेल नहीं खाती है। इसलिए मौजूद साक्ष्य इसके एक्सई वैरिएंट होने की पुष्टि नहीं करते हैं। बता दें कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया था कि सीरो सर्वे के दौरान महानगर में कस्तूरबा अस्पताल के जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में 376 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई थी।
मुंबई में नए वैरिएंट का पहला मामला पाए जाने के बाद स्वास्थ्य हलकों में चिंता की लहर पैदा हो गई है, क्योंकि महाराष्ट्र अब रिकवरी की राह पर है और चल रही तीसरी लहर अपने अंतिम चरण में है, जो दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि बॉलीवुड हस्तियों के साथ काम करने वाली एक महिला कॉस्ट्यूम डिजाइनर कोविड एक्सई वैरिएंट से संक्रमित पाई गई हैं, जो कि देश में इस वैरिएंट का पहला मामला है।
नए वैरिएंट के मामले की पुष्टि हो या ना हो लेकिन इस वैरिएंट को लेकर चिंतित होना स्वभाविक है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सबसे संक्रामक वैरिएंट करार दिया है। अभी तक कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट में बीए.2 को सबसे ज्यादा संक्रामक पाया गया था। एक्सई ओमिक्रोन के बीए.1 और बीए.2 सब वैरिएंट में म्यूटेशन से बना है। इसे स्टील्थ वैरिएंट भी कहा जा रहा है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देने में सक्षम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे पहले के वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक बताया है। ऐसे में सावधान रहना और इस वैरिएंट के बारे में जानना आवश्यक हो जाता है।
ओमिक्रोन के XE वैरिएंट अब तक सामने आई जानकारी…
– एक्सई वैरिएंट ओमिक्रोन वैरिएंट के उपभेदों का एक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन ऑफ स्ट्रेन) है, जो दुनिया भर में फैला हुआ है। इसके बारे में पहली बार 19 जनवरी को यूके में पता चला था और तब से सैकड़ों रिपोर्ट और पुष्टि की जा चुकी है।
– शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह अन्य ओमिक्रोन म्यूटेशन की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैल सकता है।
– विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नया एक्सई वैरिएंट दो अन्य ओमिक्रोन वैरिएंट्स, बीए.1 और बीए.2 का एक म्यूटेंट हाईब्रिड है और वैश्विक स्तर पर फैल रहे मामलों के लिए जिम्मेदार है।
– विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि नया म्यूटेंट ओमिक्रोन के बीए.2 सब-वैरिएंट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक ट्रांसमिसिबल (तेजी से फैलने वाला) है।
– हालांकि दुनिया भर में एक्सई के फिलहाल कम ही मामले देखने को मिले हैं, मगर इसकी अत्यधिक उच्च संचरण क्षमता का मतलब यह हो सकता है कि यह निकट भविष्य में सबसे प्रभावशाली स्ट्रेन बन जाता है।
– हाल ही में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है, “एक्सई (बीए.1-बीए.2), पहली बार 19 जनवरी को यूके में पाया गया था और 600 से कम सीक्वेंस की रिपोर्ट और पुष्टि की गई है।”
– इसमें कहा गया है, “शुरूआती दिन के अनुमान बीए.2 की तुलना में सामुदायिक विकास दर में 10 प्रतिशत का संकेत देते हैं, हालांकि, इसके लिए और पुष्टि की आवश्यकता है।”
– यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है।
– एजेंसी ने कहा कि 22 मार्च तक इंग्लैंड में एक्सई के 637 मामलों का पता चला था।
– थाईलैंड और न्यूजीलैंड में भी एक्सई वैरिएंट का पता चला है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि म्यूटेशन के बारे में और कुछ कहने से पहले और डेटा पर गौर करने की आवश्यकता है।
– फोर्ब्स ने की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूकेएचएसए के मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुसान हॉपकिंस के अनुसार, एक संपूर्ण पुष्टि करने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है।
– हॉपकिंस ने कहा कि संक्रमण, इसकी गंभीरता या टीके की प्रभावशीलता पर कोई भी निष्कर्ष निकालने के लिए अभी अपर्याप्त सबूत हैं।
- यह भी पढ़े……
- रेलवे की नई नीति से राजस्व में होगी बढ़ोतरी,कैसे?
- केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए आवेदन प्रारम्भ.
- विश्व के शीर्ष 100 यूनिवर्सिटी में शामिल भारत के दो विश्वविद्यालयों ने बनाई जगह.