के के पाठक ने शिक्षकों की टाइमिंग पर अब क्या कहा?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के विद्यालय आने-जाने का समय क्या होगा, इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा है. विधानसभा और विधान परिषद में भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है. सीएम नीतीश कुमार के द्वारा विधानसभा में की गयी घोषणा के बाद शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश को लेकर विवाद गहराया हुआ है. अपर मुख्य सचिव के के पाठक अपने आदेश को लेकर राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक शुक्रवार को कटिहार से स्कूलों का औचक निरीक्षण करके लौटे. कटिहार से लौटने के क्रम में भागलपुर जिला अंतर्गत गोपालपुर के भी कई स्कूलों का उन्होंने निरीक्षण किया. इस क्रम रंगरा के डुमरिया में अनुसूचित जाति प्राथमिक विद्यालय में निरीक्षण के दौरान प्रधानाध्यापक के खिलाफ के के पाठक ने कार्रवाई के निर्देश दिए.

वहीं के के पाठक के आने की जानकारी मिलने पर गांव के लोग भी स्कूल के सामने जुट गए. के के पाठक की एक झलक देखने के लिए लोग खड़े रहे. इस दौरान कक्षाओं में जाकर बच्चों से अपर मुख्य सचिव ने बातचीत भी की. के के पाठक ने रंगरा में निरीक्षण के दौरान भी शिक्षकों से विद्यालय आने और कक्षा संपन्न होने के बाद जाने के समय को लेकर जारी किए गए निर्देश को याद दिलाया.

के के पाठक ने शिक्षकों की टाइमिंग पर अब क्या कहा..

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कटिहार में भ्रमण के दौरान एक शिक्षण संस्थान में कहा है कि आप लोग स्कूल सुबह दस बजे से कुछ पहले आइए और चार बजे के बाद कुछ देर रुककर चले जाइए . वह शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे. उनका यह संबोधित ट्विटर हैंडल पर खूब वायरल हो रहा है. अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने शिक्षकों को बिताया कि चूंकि कमजोर बच्चे हैं. उन्हें पढ़ाना है. निरीक्षण में पाया कि आठवीं का बच्चा हिंदी नहीं पढ़ पा रहा है. दूसरे विषयों की बात तो दूर की बात है. हमें ऐसे बच्चों के लिए कुछ रुक कर पढ़ाना है. इस तरह साफ हो गया कि शिक्षको को नौ बजे से पहले आने की दिक्कत से राहत मिल गयी है.

सदन में शिक्षा मंत्री बोले..

स्कूलों के खुलने और बंद होन के संबंध में सदन में मुख्यमंत्री की घोषणा का अनुपालन सरकार सुनिश्चित करेगी. उन्होंने कहा है कि सरकार किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं होने देगी. यह जानकारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधान परिषद की पहली पाली में जदयू के डॉ संजीव कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न सहित कई अन्य सदस्यों के ध्यानाकर्षण के उत्तर में दी है.

स्कूलों की टाइमिंग का मामला उठा..

डॉ संजीव कुमार सिंह ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से कई शिक्षकों की वेतन कटौती और निलंबन का मामला उठाते हुये इसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया था. चर्चा के दौरान स्कूलों की टाइमिंग का मामला भी उठा. इस दौरान राजद के रामंचद्र पूर्वे ने कहा कि सदन की घोषणा एक्सक्यूटिव ऑर्डर होता है. वहीं महेश्वर सिंह ने कहा कि इससे आम जनता में क्या संदेश जा रहा है? इस दौरान चर्चा में भाजपा के नवल किशोर यादव और भाकपा के संजय कुमार सिंह शामिल हुए.

पूर्व सीएम राबड़ी देवी बोलीं..

बिहार विधान परिषद के बाहर नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि उनके बार बार इधर- उधर पलटने के कारण अधिकारी बात नहीं सुन रहे हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक मुख्यमंत्री की भी बात नहीं सुनते हैं. शिक्षकों का वेतन काटा जा रहा है. राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री का आदेश है कि 10 बजे से क्लास शुरू होगा और शिक्षक 15 मिनट पहले स्कूल पहुंचेंगे,लेकिन उनके आदेश का अगर पालन नहीं हो रहा है, तो यह बहुत बड़ी विडंबना है. पाठक शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री राजनीति में रिकॉर्ड बनाने के लिए आए हुए हैं .इस कारण वह इधर-उधर करते हुए बार-बार शपथ लेते हैं. उन्हें कहां जनता से मतलब है.

जदयू MLC ने कहा- सीएम ने जो कहा वही ब्रह्म वाक्य..

भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि शिक्षक परेशान हो रहे हैं. सरकार और विभाग को एक सही जानकारी शिक्षकों को देनी चाहिए कि आखिर शिक्षकों को स्कूल कब आना है. इसको लेकर आज भी वाम दल ने परिसर में प्रदर्शन किया. एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि जो लेटर जारी हुआ है वह गलत है, जो मुख्यमंत्री ने कहा है वह ब्रह्म वाक्य है और वह लागू होगा.

 

 

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