विश्व स्तनपान सप्ताह का क्या तात्पर्य है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

विश्व स्तनपान सप्ताह संयुक्त राष्ट्र बाल कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग रेट (छह माह तक के बच्चों को सिर्फ स्तनपान) में वृद्धि करने में कई देशों द्वारा की गई प्रगति की सराहना की है। साथ ही इसे समर्थन (विशेष रूप से कार्यस्थल पर स्तनपान) प्रदान करने से इसमें और प्रगति की संभावना पर भी प्रकाश डाला।

  • वर्ष 1990 की इनोसेंटी घोषणा (Innocenti Declaration) के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।
    • स्तनपान को प्रोत्साहित और समर्थन प्रदान करने के लिये वर्ष 1990 में सरकारी नीति निर्माताओं, संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसियों और अन्य संगठनों द्वारा इनोसेंटी घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • वर्ष 1991 में वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) का गठन एक वैश्विक नेटवर्क के रूप में किया गया था, जिसके पश्चात् वर्ष 1992 से विश्व भर में प्रतिवर्ष स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है।
    • वर्ष 2016 से विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week- WBW) को सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ जोड़ा गया है।
      • 17 सतत् विकास लक्ष्यों में से कई लक्ष्यों को हासिल करने में स्तनपान सहायक हो सकता है, जिसमें निर्धनता, भुखमरी को समाप्त करना, स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता और सतत् उपभोग जैसे लक्ष्य शामिल हैं।
  • थीम 2023: “लेट्स मेक ब्रेस्टीफीडिंग एंड वर्क, वर्क”।
    • यूनिसेफ तथा WHO ने महिलाओं और परिवारों के समक्ष स्तनपान लक्ष्यों को प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायता के लिये सरकारों, दानदाताओं, नागरिक समाज एवं निजी क्षेत्र से अपने प्रयासों में वृद्धि करने का आग्रह किया है ताकि वैश्विक स्तर पर वर्ष 2030 तक 70% स्तनपान के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग रेट (स्तनपान) में प्रगति: 

  • स्तनपान में बच्चों को केवल माँ के दूध का सेवन कराना अनिवार्य है, जबकि आवश्यक दवाओं, विटामिन और खनिज सप्लीमेंट्स को छोड़कर अन्य सभी खाद्य पदार्थ, तरल पदार्थ, शिशु सूत्र (infant formula) एवं जल को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
  • केवल स्तनपान का अभ्यास शिशुओं को महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, जिसमें सामान्य संक्रामक रोगों से सुरक्षा और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करना शामिल है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें इष्टतम वृद्धि और विकास के लिये आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त हों।
    • वैश्विक स्तर पर पिछले एक दशक में स्तनपान की दर में उल्लेखनीय 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब यह 48 प्रतिशत तक पहुँच गई है।

स्तनपान से संबंधित भारत सरकार की पहल:

  • माँ (Mothers Absolute Affection- MAA):
    • यह देश में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही योजना है।
  • वात्सल्य- मातृ अमृत कोष (Vatsalya- Maatri Amrit Kosh):
    • इसके तहत नॉर्वे सरकार की मदद से नेशनल ह्यूमन मिल्क बैंक तथा स्तनपान परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है।

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