Breaking

मई माह में मौसम अब तक क्या-क्या बना चुका है रिकॉर्ड.

मई माह में मौसम अब तक क्या-क्या बना चुका है रिकॉर्ड.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पसीने में तरबतर कर देने वाली गर्मी के लिए मशहूर मई का महीना इस बार कई दशक में सबसे ठंडा होने जा रहा है। चाहे बारिश हो या तापमान और चाहे लू.. हर मामले में ही यह माह रिकार्ड बना चुका है। माह का औसत तापमान भी सामान्य से कम चल रहा है और अंतिम सप्ताह भी ऐसा ही रहने का पूर्वानुमान है। मई में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री तक पहुंचता है। तीन से चार बार लू का प्रकोप भी देखने को मिल जाता है। इस बार दिल्ली एनसीआर में स्थिति एकदम विपरीत है। 22 मई तक ज्यादातर दिन अधिकतम तापमान सामान्य से कम ही दर्ज हुआ है।

मासिक बारिश में एक दशक का रिकार्ड बन चुका है तो 24 घंटे से अधिक लगातार बारिश से आल टाइम रिकार्ड भी इसी माह के नाम हो गया है। सामान्य से 16 डिग्री कम अधिकतम तापमान ने सात दशक का रिकार्ड तोड़ दिया है। लू को लेकर एक दशक का रिकार्ड तो पहले ही टूट चुका है। मौसम विभाग का अनुमान यदि सही साबित हुआ तो मई में एक बार भी लू नहीं चलने का रिकार्ड भी इस साल बन सकता है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मई में अमूमन दो पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, लेकिन इस साल एक के बाद एक आते जा रहे हैं।

यही वजह है कि लू और गर्मी दोनों का प्रकोप नहीं रहा। टाक्टे तूफान ने गर्मी पड़ने की संभावनाओं को और भी क्षीण कर दिया। अंतिम सप्ताह में भी तापमान 40 डिग्री से नीचे रहने का पूर्वानुमान है।

1 मई में ये प्रमुख रिकार्ड बने

– 24 घंटे की अब तक की सबसे अधिक बारिश : 119 मिमी

-1951 के बाद से सबसे कम अधिकतम तापमान : 23.8 डिग्री सेल्सियस

– पिछले 10 वर्षों में सबसे कम न्यूनतम तापमान : 19.3 डिग्री सेल्सियस

– तापमान में सबसे कम अंतर 19 मई को रहा : 2.4 डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम तापमान: 21.4 और अधिकतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस)

– 10 वर्षों में अब तक की सबसे अधिक मासिक वर्षा : 123 मिमी

– अधिकतम तापमान का न्यूनतम औसत 01-22 मई तक : सामान्य 39.5 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 37.7 डिग्री सेल्सियस

इस बार मई में लू और भीषण गर्मी के अभाव की प्रमुख वजह पश्चिमी विक्षोभ की अधिकता है। ऐसा क्यों हुआ इस बारे में कुछ भी कह पाना मुश्किल है। इसे लेकर शोध किए जाने की जरूरत है। हालांकि, मई के मौसम में बदलाव की एक बड़ी वजह टाक्टे तूफान भी है ।-डा. एम महापात्रा, महानिदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग

इस बार मई ही नहीं, मार्च और अप्रैल में भी लू नहीं चली। 31 मार्च को अवश्य ही अधिकतम तापमान ने 76 साल का रिकार्ड तोड़ा था, लेकिन उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ की अधिकता ने गर्मी को चरम पर पहुंचने का मौका ही नहीं दिया। टाक्टे तूफान और एनसीआर सहित आसपास के राज्यों में पिछले एक डेढ़ माह से चल रहा लाकडाउन भी गर्मी न बढ़ने के लिए मददगार साबित हुआ है।

ये भी पढ़े…

ये भी पढ़े….

Leave a Reply

error: Content is protected !!