मरम्मत के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिये क्या पहल की गई है?

मरम्मत के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिये क्या पहल की गई है?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs- DoCA) ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों के लिये मरम्मत के अधिकार की रूपरेखा पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

  • इसमें मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिये “मरम्मत सूचकांक” शुरू करने पर चर्चा की गई ताकि उपभोक्ताओं को उन्हें खरीदने से पहले उचित निर्णय लेने में मदद मिल सके।
  • इस पहल का उद्देश्य बढ़ती ई-अपशिष्ट की समस्या का समाधान करना तथा निर्माताओं को आसानी से मरम्मत योग्य वस्तुओं का उत्पादन करने के लिये प्रोत्साहित करना है।
  • मरम्मत योग्यता सूचकांक के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

    • परिभाषा: मरम्मत योग्यता सूचकांक एक अनिवार्य लेबल है, जिसे निर्माता उत्पाद की मरम्मत योग्यता के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रदर्शित करते हैं।
    • उत्पादों की रेटिंग के लिये मानदंड: मरम्मत योग्यता सूचकांक निम्नलिखित के आधार पर उत्पादों का मूल्यांकन करेगा:
      • तकनीकी दस्तावेज़ों की उपलब्धता: उत्पाद की मरम्मत में सहायता करने वाले मैनुअल और गाइड तक पहुँच।
      • वियोजन में आसानी: किसी उत्पाद को कितनी आसानी से अलग किया जा सकता है ताकि उसके घटकों तक पहुँचा जा सके और उनकी मरम्मत की जा सके।
      • स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण: स्पेयर पार्ट्स कितनी आसानी से उपलब्ध हैं और उपभोक्ताओं के लिये उनकी लागत कितनी है।
    • मरम्मत योग्यता सूचकांक की स्कोरिंग प्रणाली: उत्पादों को 1 से 5 के पैमाने पर स्कोर किया जाएगा।
      • 1 का स्कोर: ऐसे उत्पाद जिनमें क्षति का उच्च जोखिम होता है तथा जिनके एक भाग तक पहुँचने के लिये कई घटकों को तोड़ना पड़ता है।
      • 5 का स्कोर: ऐसे उत्पाद जिनकी मरम्मत आसान है तथा बैटरी या डिस्प्ले जैसे प्रमुख भागों तक सीधी पहुँच है एवं उन्हें अनावश्यक रूप से अलग नहीं किया जा सकता।

    राईट टू रिपेयर क्या है?

    • परिचय: उपभोक्ता वस्तुओं के लिये ‘राईट टू रिपेयर’ अंतिम उपभोक्ताओं, उपभोक्ताओं तथा सभी व्यवसायों को बिना किसी निर्माता या तकनीकी प्रतिबंध के अपने स्वामित्व वाले या सेवा वाले उपकरणों की मरम्मत करने की अनुमति देता है।
      • यह निर्माताओं को उपकरण, पार्ट्स और दस्तावेज़ों तक पहुँच को सीमित करके रिपेयर को उनकी अधिकृत सेवाओं तक सीमित करने से प्रतिबंधित करता है।
    • राईट टू रिपेयर की विशेषताएँ:
      • सूचना तक पहुँच: उपभोक्ताओं को रिपेयर मैनुअल, व्यवस्था (स्कीमैटिक्स) और सॉफ्टवेयर अपडेट तक पहुँच होनी चाहिये।
      • पुर्ज़ों और उपकरणों की उपलब्धता: थर्ड पार्टी और व्यक्तियों को रिपेयर के लिये आवश्यक भागों एवं उपकरणों तक पहुँच में सक्षम होना चाहिये।
      • लीगल अनलॉकिंग: उपभोक्ताओं को डिवाइस को अनलॉक या संशोधित करने की अनुमति दी जानी चाहिये जैसे कि कस्टम सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना।
      • मरम्मत के अनुकूल डिज़ाइन: डिवाइस को आसान रिपेयर के लिये डिज़ाइन किया जाना चाहिये।
    • राईट टू रिपेयर की आवश्यकता:
      • बढ़ता ई-अपशिष्ट: उपकरणों की मरम्मत में कठिनाई से इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट में वृद्धि होती है।
        • भारत ई-अपशिष्ट में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता है, जहाँ प्रत्येक वर्ष लगभग 3.2 मिलियन मीट्रिक टन ई-अपशिष्ट उत्पन्न होता है, जो केवल चीन एवं संयुक्त राज्य अमेरिका से पीछे है।
      • रिपेयर का एकाधिकार: निर्माता प्रायः थर्ड पार्टी रिपेयर में बाधाएँ उत्पन्न करते हैं, जो उपभोक्ता की पसंद को सीमित करता है और लागत बढ़ाता है।
      • नियोजित अप्रचलन: कंपनियाँ बार-बार प्रतिस्थापन को प्रोत्साहित करने के लिये सीमित जीवनकाल वाले उत्पाद डिज़ाइन करती हैं।
      • स्थायित्व: यह उपकरणों के जीवन को बढ़ाकर और उनके रखरखाव, पुन: उपयोग, उन्नयन, पुनर्चक्रण तथा अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करके परिपत्र अर्थव्यवस्था लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
      • रिपेयर उपकरणों और सूचना तक उचित पहुँच: निर्माताओं को प्रमाणित स्वतंत्र मरम्मत दुकानों के लिये मरम्मत मैनुअल, नैदानिक ​​उपकरण और स्पेयर पार्ट्स को आसानी से उपलब्ध कराने के लिये प्रोत्साहित किया जा सकता है या उनसे यह अपेक्षा की जा सकती है।
        • इससे उपभोक्ताओं को रिपेयर के लिये आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में भी सहायता मिलेगी।
      • उत्पाद डिज़ाइन में दक्षता और रिपेयर योग्यता के बीच संतुलन: निर्माताओं को उत्पाद दक्षता और रिपेयर योग्यता के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का लक्ष्य रखना चाहिये।
        • यह कार्य ऐसे मॉड्यूलर घटकों को डिज़ाइन करके प्राप्त किया जा सकता है, जिन्हें रिपेयर या प्रतिस्थापन आसान हो और जो डिवाइस के समग्र प्रदर्शन को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित न करें।
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