हिमस्खलन क्या है,यह क्यों आता है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सिक्किम के नाथू ला में भीषण हिमस्खलन (Avalanche) की घटना हुई।
हिमस्खलन:
- परिचय:
- हिमस्खलन का आशय पर्वत या ढलान से नीचे अचानक हिम, बर्फ और मलबे का तीव्र प्रवाह से है।
- यह भारी बर्फबारी, तीव्र तापमान परिवर्तन या मानव गतिविधि जैसे विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है।
- हिमस्खलन की संभावना वाले कई क्षेत्रों में विशेषज्ञ दल मौजूद होते हैं जो विभिन्न तरीकों जैसे- विस्फोटक, बर्फ अवरोधक और अन्य सुरक्षा उपायों का उपयोग करके हिमस्खलन के जोखिमों की निगरानी एवं नियंत्रण करते हैं।
- प्रकार:
- चट्टानी हिमस्खलन (जिसमें टूटे हुए चट्टान के बड़े खंड होते हैं),
- हिमस्खलन (जो सामान्यतः ग्लेशियर के आसपास के क्षेत्र में होता है),
- मलबा हिमस्खलन (जिसमें कई प्रकार की असंबद्ध सामग्री होती है, जैसे चट्टान और मृदा)।
- कारण:
- मौसम की स्थिति: भारी बर्फबारी, तेज़ी से तापमान परिवर्तन, तीव्र हवाएँ और बारिश सभी हिमस्खलन की स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं।
- ढलान की स्थिति: ढलान की तीव्रता, अभिविन्यास और आकार हिमस्खलन की संभावना को बढ़ा सकता है। उत्तल आकार के साथ खड़ी ढलान वाले क्षेत्र में विशेष रूप से हिमस्खलन की संभावना होती है।
- स्नोपैक की स्थिति: स्नोपैक की संरचना और स्थिरता भी हिमस्खलन की स्थिति में योगदान दे सकती है। स्नोपैक के भीतर हिम या बर्फ की कमज़ोर परतें इसके गिरने एवं हिमस्खलन को प्रेरित करने का कारण बन सकती हैं।
- मानवीय गतिविधि: स्कीयर्स, स्नोमोबाइलर्स और अन्य मनोरंजन करने वालों द्वारा ढलान पर की जाने वाली गतिविधियों से हिमस्खलन की घटना हो सकती है।
- प्राकृतिक घटनाएँ: भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और पहाड़ों के टूटने आदि से भी हिमस्खलन की घटना हो सकती है।
हिमस्खलन और भूस्खलन में भिन्नता:
- भूस्खलन और हिमस्खलन दोनों ही बड़ी गतिविधियाँ हैं, लेकिन उनका परिवेश और कारक भिन्न होता है।
- हिमस्खलन किसी पहाड़ अथवा ढलान से नीचे बर्फ और मलबे का एक तेज़ प्रवाह है, जबकि भूस्खलन किसी ढलान से नीचे चट्टान या मलबे का संचलन है।
- हिमस्खलन आमतौर पर भारी बर्फबारी और लंबवत ढलान वाले पहाड़ी इलाकों में होता है। दूसरी ओर भूस्खलन विभिन्न प्रकार के वातावरण में हो सकता है और इसकी शुरुआत भारी वर्षा, भूकंप, ज्वालामुखीय गतिविधि अथवा मानवीय गतिविधि जैसे विभिन्न कारकों से हो सकती है।
- हिमस्खलन और भूस्खलन दोनों ही संभावित रूप से खतरनाक एवं घातक हो सकते हैं तथा उनसे बचने के लिये आवश्यक सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।
आपदा प्रबंधन हेतु भारत के प्रयास:
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की स्थापना:
- भारत का राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) आपदा प्रतिक्रिया के लिये समर्पित विश्व का सबसे बड़ा तीव्र प्रतिक्रिया बल है जिसकी सहायता से भारत ने सभी प्रकार की आपदाओं के प्रभावों को तेज़ी से कम किया है।
- विदेशी आपदा राहत के रूप में भारत की भूमिका:
- भारतीय सैन्य संसाधन अब देश की अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता का एक बड़ा हिस्सा हैं, राहत आपूर्ति आमतौर पर नौसेना के जहाज़ों अथवा विमानों द्वारा भेजी जाती है।
- “नेबरहुड फर्स्ट” की अपनी कूटनीतिक रणनीति के अनुसार, सहायता प्राप्तकर्त्ता कई देश दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के हैं।
- क्षेत्रीय आपदा तैयारी में योगदान:
- बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) के संदर्भ में भारत ने कई आपदा प्रबंधन अभ्यासों की मेज़बानी की है जो NDRF साझेदार राज्यों के साथ विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिये विकसित तकनीकों का प्रदर्शन करेगा।
- जलवायु परिवर्तन संबंधी आपदा प्रबंधन:
- भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण, सतत् विकास लक्ष्यों (वर्ष 2015-2030) और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के लिये सेंदाई फ्रेमवर्क ( Sendai Framework for Disaster Risk Reduction) को अपनाया है, जो सभी DRR, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन (Climate Change Adaptation-CCA) एवं सतत् विकास के मध्य संबंध को स्पष्ट करते हैं।
नाथू ला के प्रमुख तथ्य:
- नाथू ला, विश्व की सबसे ऊँची मोटर परिवहन सड़कों में से एक है, जो भारत-तिब्बत सीमा पर समुद्र तल से 14450 फीट की ऊँचाई पर स्थित हिमालय की चोटियों में स्थित एक पहाड़ी दर्रा है।
- नाथू का अर्थ है ‘सुनने वाले कान’ और ला का अर्थ है ‘पास’।
- यह भारत और चीन के बीच एक खुली व्यापारिक सीमा चौकी है।
- सिक्किम राज्य में स्थित अन्य दर्रे जेलेप ला दर्रा, डोंकिया दर्रा, चिवाभंजंग दर्रा हैं।
भारत के अन्य महत्त्वपूर्ण दर्रे:
दर्रा | किससे-किसको जोड़ता है?/विशेषताएँ |
1. बनिहाल दर्रा | कश्मीर घाटी को बाह्य हिमालय और दक्षिण में मैदानी इलाकों के साथ। |
2. बारा-लाचा-ला दर्रा | हिमाचल प्रदेश के लाहौल को लेह ज़िले से। |
3. फोटू-ला दर्रा | लेह को कारगिल से। |
4. रोहतांग दर्रा | कुल्लू घाटी को हिमाचल प्रदेश की लाहौल और स्पीति घाटी से। |
5. शिपकी ला दर्रा | हिमाचल प्रदेश को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। |
6. जेलेप ला दर्रा | सिक्किम को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। |
7. नाथू ला दर्रा | सिक्किम को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। |
8. लिपूलेख दर्रा | भारत की चौड़न घाटी को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। यह उत्तराखंड, चीन और नेपाल के ट्राई-जंक्शन पर स्थित है। |
9. खार्दूंग ला | लद्दाख को सियाचिन ग्लेशियर से। यह विश्व का सबसे ऊँचा मोटर वाहन योग्य दर्रा है। |
10. बोम-डि-ला दर्रा | यह अरुणाचल प्रदेश में है। |