क्या है हलाल का धंधा,यह क्यों चर्चा में है?

क्या है हलाल का धंधा,यह क्यों चर्चा में है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हलाल अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब है कि कोई भी चीज जिसकी इजाजत हो और वह कानून के तहत वैध हो. इसलिए हलाल कारोबार वह होते हैं, जिनकी इस्लाम में कानूनी मंजूरी होती है और मुस्लिम धर्म में मानने वालों के लिए सही होते हैं. हलाल कारोबार का कुरान का पालन करना जरूरी होता है.

दुनिया भर में बहुत तरह के हलाल कारोबार आते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, हलाल प्रोडक्ट्स का बाजार साल 2024 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर यानी 2.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. बहुत से सामान और सेवाएं हलाल कारोबार की कैटेगरी में आती हैं. हलाल बिजनेस कई तरह के हो सकते हैं जैसे खाना, दवाइयां, कॉस्मेटिक्स, कपड़े या सेवाएं जैसे टूरिज्म, अकाउंटिंग, बैंकिंग, फाइनेंस आदि.

हलाल सर्टिफिकेट कौन जारी करता है?

बहुत से इस्लामिक देशों में, सरकार हलाल सर्टिफिकेट देती है. भारत में, FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) सर्टिफिकेशन करीब सभी प्रोसेस्ड खाने पर देखा जा सकता है. लेकिन यह अथॉरिटी भारत में हलाल सर्टिफिकेट नहीं देती है. भारत में बहुत सी निजी कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन देती हैं. इससे इस बात का पता चलता है कि इस्लाम के मानने वालों के लिए इन खाने या उत्पादों की मंजूरी है. भारत में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली महत्वपूर्ण कंपनियां हैं- हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमात उलेमा ए महाराष्ट्र और जमात उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट.

खाद्य पदार्थों की गुणवता का पैमाना अब सिर्फ एफएसएसएआई सर्टिफिकेट नहीं रह गया है। एफएसएसएआई का मतलब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया है, जो स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है। एफएसएसएआई रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस किसी भी ऐसे व्यक्ति या संगठन के लिए अनिवार्य है जो किसी भी प्रकार के फ़ूड बिज़नेस से जुड़ा है। प्रत्येक खाद्य व्यवसाय संचालक का कार्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रत्येक ग्राहक के लिए संतुष्टि प्रदान करने के लिए खाद्य गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना है।

नियंत्रण प्रक्रियाओं के निर्माण में, भारतीय फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन लगता है कि यह गुजरे जमाने की बात हो गई है। अब तो इस पर हलाल का ठप्पा भी लगा होना जरूरी है। इस हलाल के ठप्पे को सरकार भले नहीं मान्यता देती हो, लेकिन इस्लाम के नाम पर यह काला धंधा खूब फलफूल रहा था। इसका करोबार हजारों करोड़ तक पहुंच गया था और इसका पैसा कुछ धार्मिक ट्रस्टों और संस्थाओं के खाते में जा रहा था, जिसकी कहीं कोई लिखा पढ़ी नहीं होती थी, यह पैसा कहां खर्च होता था, इसकी भी किसी को जानकारी नहीं थी।

उत्तर प्रदेश में हलाल का एक काधा धंधा खूब फलफूल रहा था, लेकिन अब इस पर योगी सरकार की नजर लग गई है। गत दिनों उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने खाद्य पदार्थों सहित अन्य कई सामानों पर हलाल सर्टिफिकेट देने वालों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए इस धंधे पर पूरी तरह से शिकंजा कस दिया।

योगी सरकार के एक्शन लेते ही रातों-रात हलाल का ठप्पा लगा सामान बाजारों से गायब हो गया, क्योंकि हलाल का ठप्पा लगा सामान बेचने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी, जिसमें उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान था। मगर सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि हलाल सर्टिफिकेट बांटने का गोरख धंधा लम्बे समय स चल रहा था तो यूपी पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों और खाद्य विभाग को इसकी भनक कैसे नहीं लग पाई। निश्चित ही हलाल का धंधा बिना सरकारी संरक्षण के इतना फलफूल नहीं सकता था।

जरूरत ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी है जो इस तरफ से आंखें मूंदे बैठे थे, क्योंकि हलाल पर जो भी कार्रवाई हो रही है, वह लखनऊ के हजरतगंज थाने में एक व्यक्ति के एफआईआर लिखाने के बाद शुरू हुई है।

गौरतलब है कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कथित हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है। खाद्य सुरक्षा आयुक्त की ओर से 18 नवंबर 2023 को इस आशय का आदेश जारी किया जा चुका है। लखनऊ में 17 नवम्बर 2023 को हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द सहित कुछ अन्य संस्थाओं एवं लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई थी,

जिसमें हलाल सर्टिफिकेट को हिन्दू आस्था पर आघात बताते हुए इससे जुड़े लोगों पर कार्रवाई करने की माँग की गई थी। केस दर्ज होने के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने अगले दिन 18 नवम्बर को हलाल के बजाय एफएसएसआई एवं एफएसएसएआई के प्रमाण पत्र को मानकों के लिए उचित बताया था। इस केस में दर्ज हुई एफआईआर में हलाल इंडिया के चेन्नई और मुंबई कार्यालय के साथ जमीयत उलेमा ए हिन्द के दिल्ली और मुंबई ऑफिस को नामजद किया गया था।

इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेट को बढ़ावा देने वाली कुछ अज्ञात कम्पनियाँ, राष्ट्र विरोधी साजिश रचने वाले कुछ अन्य अज्ञात लोग, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे अज्ञात समूह और जनआस्था से खिलवाड़ करने के साथ दंगे करवाने की साजिश रच रहे कुछ अज्ञात लोगों को नामजद किया गया है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!