हरित ऊर्जा क्रांति के क्षेत्र में क्या हो रहा है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पर्यावरण संरक्षण हर बीतते दिन के साथ भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए एक अनिवार्यता बनता जा रहा है। सरकार की तरफ से इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नवीन ऊर्जा स्नोतों के साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए नई योजनाएं लागू की जा रही हैं। यह योजनाएं अब तरुणाई की ओर बढ़ रही हैं। यह वर्ष देश में पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को गति देने वाला वर्ष होगा क्योंकि कुछ माह पहले ही भारत ने काप-26 जलवायु सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन थामने की बड़ी पहल की है। आइए समझें इस क्षेत्र में क्या हो रहा है और क्या तैयारी है:
सही दिशा में उठ रहे कदम
- अगली सदी तक पृथ्वी के तापमान को डेढ़ डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ने देने के लिए ग्लास्गो में काप-26 सम्मेलन में भारत ने पहल की।
- पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता को वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 500 गीगावाट तक करने का लक्ष्य रखा है। तब देश की 50 प्रतिशत बिजली आवश्यकताओं को नवीकरणीय ऊर्जा क्षमताओं से पूरा किया जाएगा।
- अब से 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी का लक्ष्य है। इससे कार्बन तीव्रता 45 प्रतिशत से कम हो जाएगी।
- भारत 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य की प्राप्ति कर लेगा। यूएन एमिशन गैप रिपोर्ट, 2020 के अनुसार भारत मौजूदा नीतियों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आइएमएफ के निदेशक गैरी राइस ने कहा है कि भारत द्वारा किए जा रहे निवेश एकदम सही दिशा में हैं।
भारत में ई-वाहन निर्माताओं की संख्या
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया कि 21वीं सदी का भारत आधुनिक सोच और आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा प्राप्त कर सकता है। सरकार इसी सोच के साथ लगातार हर क्षेत्र में नीतिगत फैसले ले रही है। देश में एथनाल के उत्पादन और खरीद के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।
हरित ऊर्जा में पाया लक्ष्य
- केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रलय के अनुसार, भारत ने बीते दिसंबर में गैर जीवाश्म आधारित ऊर्जा उत्पादन में राष्ट्रीय प्रतिबद्ध योगदान के लक्ष्य की प्राप्ति कर ली है।
- देश में 157.32 गीगावाट हरित ऊर्जा के उत्पादन की क्षमता बन गई है। काप-21 में हरित ऊर्जा के लिए लक्ष्य तय किए गए थे।
- पवन ऊर्जा में भारत का विश्व में चौथा स्थान है। 2020-21 में देश में 60 बिलियन यूनिट से अधिक पवन ऊर्जा का उत्पादन किया गया।
पीएम कुसुम योजना को प्रोत्साहन
- सौर ऊर्जा का लाभ किसानों को देने के लिए पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना चल रही है।
- केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बैंक अधिकारियों के साथ बैठक कर किसानों को पीएम कुसुम योजना में वित्तीय सहायता का अनुरोध किया है।
- मंत्रलय के अनुसार बैंकों ने कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा का प्रयोग बढ़ाने में वित्तीय सहायता में रुचि दिखाई है। आने वाले समय में यह सौर ऊर्जा के साथ किसानोंकी आय बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।
फ्लेक्स ईंधन वाले वाहन आएंगे
- इस वर्ष देश में फ्लेक्स ईंधन वाले इंजन का प्रयोग शुरू हो सकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार आने वाले दिनों में फ्लेक्स-ईंधन इंजन अनिवार्य कर दिए जाएंगे।
- फ्लेक्स-ईंधन से आशय फ्लेक्सिबल ईंधन से है। यह ईंधन, पेट्रोल, मेथनाल या एथनाल को मिलाकर बनाया गया एक वैकल्पिक ईंधन है। फ्लेक्स इंजन में एक या एक से अधिक ईंधन का प्रयोग किया जा सकता है।
- नितिन गडकरी ने वाहन निर्माता कंपनियों किलरेस्कर और टोयोटा के अधिकारियों के साथ बीते वर्ष एक महत्वपूर्ण बैठक की।
- किलरेस्कर और टोयोटा ने फ्लेक्स इंजन वाली कारें तैयार की हैं। यह इंजन यूरो-6 मानकों पर बनाया गया है। भारत में यूरो-6 के समकक्ष बीएस-6 मानक का इंजन होता है।
- इससे किसानों को भी लाभ होगा क्योंकि एथनाल बनाने में प्रमुख रूप से गन्ने का प्रयोग होता है।
- यदि यह तकनीक सफल रही तो सभी मौजूदा पेट्रोल पंप एथनाल पंप में बदले जा सकेंगे। पुणो में वर्तमान में तीन एथनाल पंप काम कर रहे हैं।
ई-वाहनों को भी मिलेगी गति
- ई-वाहनों के अधिकाधिक प्रयोग के लिए लोगों को जागरूक करने की तैयारी है। काप-26 में भारत ने ई-अमृत पोर्टल का शुभारंभ किया। इससे नागरिक ई-वाहनों से संबंधित सवालों, और जिज्ञासाओं का समाधान पा सकते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण पर भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक संयुक्त कार्ययोजना बनी है जो 2030 तक जारी रहेगी। इस पर दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने हस्ताक्षर किए हैं।
सौर ऊर्जा में नवोन्मेष और अनुसंधान
- पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा जरूरतों को कम करने की दिशा में काम इस वर्ष तेज करने पर जोर रहेगा।
- केंद्रीय नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रलय ने कहा है कि आने वाले समय में राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।
- इस संस्थान के माध्यम से नवोन्मेष, शोध-अनुसंधान और ऊर्जा की नई तकनीक पर भविष्य में त्वरित गति से काम किया जाएगा।
- अभी सौर ऊर्जा आधारित जल एटीएम, ड्रायर, दोनों तरफ प्रयोग वाले वर्टिकल सोलर पैनल आदि पर काम किया गया है।
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