भारत-चीन संबंध, भारत-चीन सीमा समझौते, एलएसी, एलओसी, युद्ध अभ्यास क्या है ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
चीन ने विवादित चीन-भारत सीमा के पास भारत और अमेरिका के मध्य होने वाले सैन्य अभ्यास का विरोध करते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय सीमा विवाद में बाह्य हस्तक्षेप है।
- हालाँकि इस अभ्यास की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, अनुमान है कि दोनों देश अक्तूबर 2022 में उत्तराखंड के औली में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control-LAC) से लगभग 100 किलोमीटर दूर “युद्ध अभ्यास” के 18वें संस्करण में भाग लेंगे।
चीन द्वारा विरोध का कारण:
- चीन का मानना है कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों देशों के मध्य वास्तविक सीमा के पास कोई सैन्य अभ्यास आयोजित नहीं किया जाएगा।
- चीन ने वर्ष 1993 और वर्ष 1996 में भारत एवं चीन द्वारा हस्ताक्षरित दो समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि यह अभ्यास इन दोनों समझौतों का उल्लंघन करता है।
- वर्ष 1993 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर समझौता।
- वर्ष 1996 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सैन्य क्षेत्र में विश्वास-निर्माण उपायों पर समझौता।
- वर्ष 1993 और 1996 दोनों समझौतों का एक प्रमुख तत्त्व यह है कि दोनों पक्ष LAC के साथ-साथ क्षेत्रों में अपनी सेना को न्यूनतम स्तर तक रखेंगे। हालाँकि समझौते यह परिभाषित नहीं करते हैं कि न्यूनतम स्तर में क्या होगा।
- वर्ष 1993 और 1996 के समझौतों में यह भी अनिवार्य है कि सीमा संबंधी प्रश्न का अंतिम समाधान लंबित होने तक दोनों पक्ष LAC का सख्ती से पालन करेंगे।
- वर्ष1993, 1996 और 2005 के समझौतों के अनुसार LAC पर आग्नेयास्त्रों के उपयोग को सख्ती से नियंत्रित किया जाता है।
दोनों देशों के मध्य विवाद का मुद्दा:
- इस संदर्भ में प्रमुख, पश्चिमी क्षेत्र में व्याप्त असहमति हैं।
- वर्ष 1962 के युद्ध के बाद चीन ने दावा किया कि वे नवंबर 1959 में LAC से 20 किलोमीटर पीछे हट गए थे।
- पूर्वी क्षेत्र में सीमा मुख्य रूप से तथाकथित मैकमोहन रेखा के साथ मिलती है और पश्चिमी एवं मध्य क्षेत्रों में यह पारंपरिक प्रथागत रेखा के साथ मुख्य रूप से मेल खाती है जिसे लगातार चीन द्वारा इंगित किया गया है।
- वर्ष 2017 में डोकलाम संकट के दौरान चीन ने भारत से “1959 LAC” का पालन करने का आग्रह किया।
- भारत ने वर्ष 1959 और 1962 दोनों में LAC की अवधारणा को खारिज कर दिया था।
- भारत की आपत्ति यह थी कि चीनी रेखा, मानचित्र पर बिंदुओं की शृंखला से जुड़ी हुई थी जिसे कई तरह से जोड़ा जा सकता था, वर्ष 1962 में आक्रमण से किसी को हानि न हो इसलिये यह रेखा चीनी हमले से पूर्व 8 सितंबर, 1962 को वास्तविक स्थिति पर आधारित होनी चाहिये। चीन के नियंत्रण रेखा की परिभाषा की अस्पष्टता के कारण चीन के सैन्य बलों द्वारा तथ्यों को बदलने की आशंका विद्यमान है।
भारत और चीन के बीच हाल के मुद्दे और विकास:
- मुद्दे:
- मई 2020: नाथू ला, सिक्किम (भारत) में चीनी और भारतीय बलों के बीच झड़प हुई।
- जून 2020: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी रहा।
- जून 2020: भारत ने 59 चीन एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
- नवंबर 2020: भारत ने 43 नए मोबाइल एप को ब्लॉक किया, जिनमें ज़्यादातर चीनी हैं।
- यह प्रतिबंध सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत लागू किया गया है।
- विकास:
- फरवरी 2021: भारत और चीन ने आखिरकार पैंगोंग झील पर एक समझौते पर पहुँचने का फैसला किया।
- सितंबर 2022: हाल ही में भारतीय और चीनी सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 से हटना शुरू कर दिया है, जो मई 2020 से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC):
- परिचय: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) एक प्रकार की सीमांकन रेखा है, जो भारत-नियंत्रित क्षेत्र और चीन-नियंत्रित क्षेत्र को एक-दूसरे से अलग करती है।
- LAC की लंबाई: भारत LAC की लंबाई 3,488 किमी मानता है; जबकि चीन इसे केवल 2,000 किमी के आसपास मानता है।
- LAC का विभाजन:
- इसे तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
- पूर्वी क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश से सिक्किम (1346 किमी),
- मध्य क्षेत्र उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश (545 किमी),
- पश्चिमी क्षेत्र लद्दाख (1597 किमी) तक फैला है।
- पूर्वी सेक्टर में LAC का संरेखण वर्ष 1914 की मैकमोहन रेखा के समरूप है।
- यह वर्ष 1914 में भारत की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत अस्तित्व में आई थी।
- LAC का मध्य क्षेत्र सबसे कम विवादित, जबकि पश्चिमी क्षेत्र दोनों पक्षों के मध्य सबसे अधिक विवादित है।
- LAC, पाकिस्तान के साथ लगी नियंत्रण रेखा (LoC) से भिन्न है:
- कश्मीर युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1948 की संघर्ष विराम रेखा (Ceasefire Line) के संदर्भ में बातचीत के बाद नियंत्रण रेखा का उदय हुआ।
- दोनों देशों के बीच शिमला समझौते के बाद वर्ष 1972 में LoC को नामित कर इसे मानचित्र पर दर्शाया गया है।
- यह दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMOs) द्वारा हस्ताक्षरित मानचित्र पर चित्रित है और इसमें कानूनी समझौते की अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीयता है।
- लेकिन LAC पर दोनों देशों (भारत-चीन) द्वारा सहमति नहीं बन पाई है, न ही इसे मानचित्र पर दर्शाया गया है और न ही इसे भौगोलिक रूप से सीमांकित किया गया है।
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