संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना हेतु भारत की क्या प्रतिबद्धता है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क 

भारतीय सेना ने 29 मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के 75वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • इस दिन का महत्त्व इसलिये भी है क्योंकि यह वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र के पहले शांति मिशन की वर्षगाँठ का प्रतीक है।
  • इसके अतिरिक्त वर्ष 2023 में भारत ने रक्षा क्षेत्र में आसियान के साथ सहयोग के रूप में दो पहलों का अनावरण किया जिन्हें विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया की महिला कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

UNPK अभियानों में महिलाओं के लिये भारत-आसियान पहल:

  • ‘UNPK (United Nations Peacekeeping) अभियानों में महिलाओं के लिये भारत-आसियान पहल’, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के बीच एक सहयोगी प्रयास को संदर्भित करती है।
  • यह पहल आसियान सदस्य देशों की उन महिला कर्मियों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है जो शांति सैनिकों के रूप में सेवा करने में रुचि रखती हैं।
  • इसके तहत भारत ने दो विशिष्ट पहलों की घोषणा की है:
    • नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग (CUNPK) में विशेष पाठ्यक्रम आयोजित करना। इस पाठ्यक्रम के तहत आसियान देशों की महिला शांति सैनिकों को शांति अभियानों हेतु लक्षित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
      • इसका उद्देश्य उन्हें UNPK मिशनों में प्रभावी ढंग से योगदान के लिये आवश्यक कौशल और ज्ञान से परिपूर्ण करना है
    • आसियान की महिला अधिकारियों के लिये टेबल टॉप एक्सरसाइज़ में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के समक्ष आने वाले विभिन्न परिदृश्यों और चुनौतियों के पहलुओं को शामिल किया जाएगा, जिससे प्रतिभागियों को UNPK संचालन हेतु अपनी समझ तथा तैयारियों को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना:

  • परिचय:
    • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियोजित एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है जो देशों को संघर्ष से शांति के मार्ग पर नेविगेट करने में मदद करता है।
    • इसमें संघर्ष या राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित क्षेत्रों में सैन्य, पुलिस कर्मियों और नागरिकों की तैनाती शामिल है।
    • संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना का प्राथमिक उद्देश्य शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना, नागरिकों की रक्षा तथा स्थिर शासन संरचनाओं की बहाली का समर्थन करना है।
    • यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के संयुक्त प्रयास हेतु संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, सचिवालय, सेना तथा पुलिस एवं मेज़बान सरकारों को एक साथ लाता है।
  • पहला मिशन:
    • पहला संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन मई 1948 में स्थापित किया गया था, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इज़रायल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच युद्धविराम समझौते की निगरानी के लिये संयुक्त राष्ट्र ट्रूस सुपरविज़न आर्गेनाइज़ेशन (United Nations Truce Supervision Organization- UNTSO) बनाने हेतु मध्य पूर्व में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षकों की तैनाती को अधिकृत किया था।
  • अधिदेश: 
    • ऑपरेशन/अभियान के आधार पर अधिदेशों में भिन्नता होती हैं, लेकिन उनमें प्रायः  निम्नलिखित तत्त्वों में से कुछ या सभी शामिल होते हैं:
      • युद्धविराम, शांति समझौते और सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करना।
      • नागरिकों की रक्षा करना, विशेष रूप से उनकी जिन्हें शारीरिक रूप से क्षति पहुँचने का जोखिम का अधिक हो।
      • राजनीतिक संवाद, सुलह और समर्थन एवं चुनाव की सुविधा।
      • कानून का शासन, सुरक्षा संस्थानों का निर्माण और मानवाधिकारों को बढ़ावा देना।
      • मानवीय सहायता प्रदान करना, शरणार्थी पुनः एकीकरण का समर्थन करना और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • सिद्धांत: 
    • पक्षों की सहमति:
      • शांति स्थापना कार्यों के लिये संघर्ष में शामिल मुख्य पक्षों की सहमति की आवश्यकता होती है।
        • सहमति के बिना एक शांति स्थापना अभियान, संघर्ष का पक्ष बनने और अपनी शांति स्थापना की भूमिका से विचलित होने का जोखिम उठाता है।
    • निष्पक्षता:
      • शांति सैनिकों को संघर्ष के पक्षकारों के साथ अपने व्यवहार में निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिये।
      • निष्पक्षता का अर्थ तटस्थता नहीं है; शांति सैनिकों को अपने जनादेश को सक्रिय रूप से निष्पादित करना चाहिये और अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को बनाए रखना चाहिये।
    • आत्मरक्षा और जनादेश की रक्षा को छोड़कर बल का प्रयोग न करना:
      • शांति अभियानों में बल का उपयोग तब तक नहीं किया जाना चाहिये जब तक कि आत्मरक्षा या उनके जनादेश को बनाए रखने के लिये इसकी आवश्यकता न हो।
      • सुरक्षा परिषद के सभी पक्षकारों की सहमति और अनुमोदन एवं मेज़बान देश की सहमति के पश्चात् “मज़बूत” शांति व्यवस्था बल के उपयोग की अनुमति दी जाती है।
  • उपलब्धियाँ:
    • वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के बाद से इसने कई देशों में संघर्षों को समाप्त करने और सुलह को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
      • कंबोडिया, अल सल्वाडोर, मोज़ाम्बिक और नामीबिया जैसे स्थानों में सफल शांति मिशन चलाए गए हैं।
      • इन कार्रवाइयों ने स्थिरता बहाल करने, लोकतांत्रिक शासन में परिवर्तन को सक्षम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर सकारात्मक प्रभाव डाला।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में भारत का योगदान:

  • सेना का योगदान:
    • यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग ऑपरेशंस में योगदान देने की भारत की समृद्ध विरासत रही है। यह वैश्विक स्तर पर विभिन्न शांति अभियानों के लिये सैनिकों, चिकित्सा कर्मियों और इंजीनियरों को तैनात करने के साथ सबसे बड़े सैन्य-योगदान करने वाले देशों में से एक है।
      • अब तक के शांति अभियानों में भारत के लगभग 2,75,000 सैनिकों ने योगदान दिया है।
  • जनहानि:
    • भारतीय सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सेवा प्रदान करते हुए महत्त्वपूर्ण बलिदान दिये हैं, जिसमें 179 सैनिकों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गँवाई है।
  • प्रशिक्षण और बुनियादी ढाँचा:
    • भारतीय सेना ने नई दिल्ली में सेंटर फॉर यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग (CUNPK) की स्थापना की है।
      • यह केंद्र शांति अभियानों में प्रतिवर्ष 12,000 से अधिक सैनिकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही संभावित शांति रक्षकों एवं प्रशिक्षकों के लिये राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों की मेज़बानी करता है।
      • CUNPK सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने एवं शांति रक्षकों की क्षमता बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • शांति स्थापना में महिलाएँ:
    • भारत ने शांति अभियानों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिये सक्रिय कदम उठाए हैं।
      • भारत ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन तथा अबेई के लिये संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल में महिला दल को तैनात किया है, जो लाइबेरिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा महिला सैनिकों का दल है।
      • भारत ने संयुक्त राष्ट्र डिसएंगेजमेंट आब्ज़र्वर फोर्स में महिला सैन्य पुलिस और विभिन्न मिशनों में महिला अधिकारियों एवं सैन्य पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया है।
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