प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन दौरे पर क्या करने जा रहे है?
21 से 23 अगस्त तक विदेश यात्रा पर होंगे PM मोदी
PM मोदी 45 वर्षों बाद पोलैंड की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय PM होंगे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कीव (यूक्रेन) का दौरा करेंगे। रूस के साथ संघर्ष के बाद पीएम मोदी की यूक्रेन की यह पहली यात्रा है। गौरतलब है कि पीएम मोदी मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के करीब एक महीने बाद यह यात्रा करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जानकारी देते हुए कहा कि पीएम की यूक्रेन यात्रा के बारे में अधिक जानकारी बाद दी जाएगी। रॉयटर्स के मुताबिक पीएम मोदी इसी महीने कीव का दौरा कर सकते हैं।
पश्चिमी देशों ने मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध लगाए
साल 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने मॉस्को पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं, लेकिन भारत और चीन जैसे मित्र देशों ने उसके साथ व्यापार जारी रखा है।
भारत ने रूस को युद्ध के लिए दोषी ठहराने से परहेज किया
वहीं, युद्ध के लिए भारत ने रूस को सीधे तौर पर दोषी ठहराने से भी परहेज किया है, जबकि भारत सरकार पड़ोसी देशों से बातचीत और कूटनीति के जरिए संघर्ष को हल करने का आग्रह करती रही है।
भारत ने अपने पुराने मित्र रूस के साथ संबंधों को बरकरार रखा
इस बीच अमेरिका ने रूस के साथ भारत के संबंधों पर चिंता जताई है। खास तौर पर ऐसे समय में जब वॉशिंगटन भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह चीन के बढ़ते प्रभाव को कम कर सके। लेकिन भारत अपने पुराने मित्र रूस के साथ संबंधों को बरकरार रखते हुए पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है।
ऐसे समय जब रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने के आसार हैं, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर जाने को तैयार हैं। पीएम मोदी 21-22 अगस्त को पोलैंड और 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा पर होंगे।
वह 45 वर्षों बाद पोलैंड की यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जबकि फरवरी, 2022 में यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन जाने वाले गिने चुने वैश्विक नेताओं में होंगे। मोदी की यूक्रेन यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है, खास तौर पर तब जब रूस की सेना ने वहां के कुछ नए क्षेत्रों में अपनी फौज भेजना शुरू कर दिया है।
मोदी और जलेंस्की के बीच समझौते की संभावना
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि पीएम मोदी की कीव यात्रा का मकसद रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता करना नहीं है। लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ उनकी बैठक में मौजूदा तनाव का मुद्दा उठेगा। मोदी और जलेंस्की के बीच बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते होने की भी संभावना है।विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल से जब यह पूछा गया कि क्या भारत रूस और यूक्रेन के बीच कूटनीतिक संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है, तो उनका जवाब था नहीं।
दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत
भारत के इन दोनों देशों के साथ अलग-अलग रिश्ते हैं। उन्होंने कहा कि रूस भारत का पुराना रणनीतिक साझेदार देश है, लेकिन यूक्रेन के साथ भी भारत लगातार कूटनीतिक संपर्क में है। पीएम मोदी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अप्रैल, 2023 और जून, 2024 में दो बार मुलाकात कर चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच कई बार टेलीफोन पर भी बातचीत हुई है। मार्च, 2024 में यूक्रेन के विदेश मंत्री ने भारत का दौरा भी किया था।
यू्क्रेन-रूस युद्ध को लेकर भारत का पुराना मत है कि इस बारे में कूटनीति व वार्ता के जरिये समाधान निकालने की कोशिश होनी चाहिए। पीएम मोदी इस बार जब जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे तब भी यही बात दोहराएंगे।सनद रहे कि आठ-नौ जुलाई को पीएम मोदी ने रूस की यात्रा की थी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने निजी आवास पर उनके साथ कई घंटे व्यतीत किए थे।
अमेरिका ने जताई नाराजगी
पीएम मोदी के मास्को दौरे से कुछ ही घंटे पहले रूस ने यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर हमला किया था। इसमें कई बच्चों की जान चली गई थी। मोदी ने इस मसले को राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक में सार्वजनिक तौर उठाया था। अमेरिका ने मोदी की इस यात्रा को लेकर काफी नाराजगी जताई थी। बहरहाल, अब मोदी शुक्रवार को जब यूक्रेन पहुंचेंगे, तो राजधानी कीव में उनके भव्य स्वागत की तैयारी है।
जून, 2024 में जी-7 देशों की बैठक के दौरान मोदी और जेलेंस्की के बीच वार्ता हुई थी, जिसमें यूक्रेन को मदद देने और आर्थिक संबंधों को लेकर चर्चा हुई थी। बताया जा रहा है कि द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को लेकर दोनों देश एक रोडमैप बनाने में जुटे हैं। भारतीय कंपनियां युद्ध के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण में निवेश करना चाहती हैं। मोदी की इस यात्रा के दौरान भारत की तरफ से यूक्रेन को मानवीय आधार पर नए मदद की भी घोषणा किए जाने की संभावना है।