सपिंड विवाह क्या है और इसे लेकर क्यों विवाद है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हाईकोर्ट ने ‘सपिंड विवाह’ पर प्रतिबंध की फिर से पुष्टि की है. एक महिला ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 5(v) की संवैधानिकता को चुनौती दी थी, जो दो हिंदुओं के बीच विवाह पर प्रतिबंध लगाता है अगर वो एक-दूसरे के ‘सपिंड’ हैं. दरअसल, वर्ष 2007 में महिला याचिकाकर्ता के पति ने कोर्ट में साबित कर दिया था कि उसकी शादी सपिंड थी और महिला के समुदाय में ऐसी शादी नहीं होती है. इसके बाद अदालत ने उनकी शादी को अमान्य घोषित कर दिया था.
कानून को किस आधार पर चुनौती दी गई?
एक महिला ने सपिंड विवाह पर प्रतिबंध की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने तर्क दिया कि प्रथा का कोई प्रमाण न होने पर भी सपिंड विवाह प्रचलित है. इसलिए, धारा 5(v) जो सपिंड विवाह पर रोक लगाती है जब तक कि कोई स्थापित प्रथा न हो, संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन करती है.
याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि शादी को दोनों परिवारों की सहमति मिली थी, जिससे यह शादी वैध मानी जानी चाहिए. 22 जनवरी को याचिका पर पारित अपने आदेश में अदालत ने कहा, “यदि विवाह में साथी की पसंद को रेगुलेट नहीं किया जाता है, तो अनाचारपूर्ण संबंधों (अनाचार का तात्पर्य उन व्यक्तियों के बीच यौन गतिविधि या विवाह से है जो रक्त या वंश से निकटता से संबंधित हों) को वैधता मिल सकती है.”
क्या कहा हाई कोर्ट ने?
दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने एक स्थापित परंपरा का “कड़ा सबूत” प्रदान नहीं किया, जो एक सपिंड विवाह को उचित ठहराने के लिए आवश्यक है. दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि विवाह में साथी का चुनाव विनियमन के अधीन हो सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए, अदालत ने माना कि महिला ने यह दिखाने के लिए कोई “ठोस कानूनी आधार” पेश नहीं किया कि सपिंड विवाह के खिलाफ प्रतिबंध समानता के अधिकार का उल्लंघन था.
क्या अन्य देशों में ऐसे विवाह की है अनुमति?
कई यूरोपीय देशों में, अनाचार माने जाने वाले रिश्तों पर कानून भारत की तुलना में कम कठोर हैं. फ्रांस में, 1810 की दंड संहिता के तहत अनाचार को अपराध से बाहर कर दिया गया था, जब तक कि विवाह सहमति से वयस्कों के बीच होता था. यह संहिता नेपोलियन बोनापार्ट के अधीन अधिनियमित की गई थी और इसे बेल्जियम में भी लागू किया गया था.
फ्रांसीसी संहिता के स्थान पर 1867 में बेल्जियम में एक नई दंड संहिता लागू की गई, लेकिन अनाचार कानूनी बना हुआ है. पुर्तगाली कानून भी अनाचार को अपराध नहीं मानता. आयरलैंड गणराज्य ने 2015 में समान-लिंग विवाह को मान्यता दी, लेकिन समान-लिंग संबंधों में व्यक्तियों को शामिल करने के लिए अनाचार पर कानून को अपडेट नहीं किया गया है.
इतालवी कानून के तहत, अनाचार तभी अपराध है जब यह किसी बड़े कांड का कारण बनता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में, सभी 50 राज्यों में अनाचारपूर्ण विवाहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि न्यू जर्सी और रोड आइलैंड में सहमति से वयस्कों के बीच अनाचारपूर्ण संबंधों की अनुमति है.