Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
सेतु भारतम योजना क्या है? इसका उद्देश्य क्या है? - श्रीनारद मीडिया

सेतु भारतम योजना क्या है? इसका उद्देश्य क्या है?

सेतु भारतम योजना क्या है? इसका उद्देश्य क्या है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश में यातायात व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए ‘सेतु भारतम योजना’ नामक एक केंद्रीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत देश भर में सभी रेलवे क्रॉससिंग्स और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुल बनाए जा रहे हैं। इन पुलों के बन जाने से देश को ट्राफिक की दिन-ब-दिन बिकराल होती जा रही समस्या से मुक्ति मिलेगी। वहीं सड़क मार्गों पर यात्रा के दौरान लगने वाले समय में भी काफी बचत होगी।

सेतु भारतम योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 4 मार्च 2016 को ₹102 बिलियन के बजट में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य शीघ्र ही सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त करना है। यह योजना सड़क सुरक्षा के महत्व की ओर ध्यान देने के साथ शुरू की गई थी। इसके तहत देश भर में लगभग 280 रेलवे ट्रैक के नीचे और ऊपर पुलों का निर्माण करना है। वहीं, रेलवे ट्रैक ब्रिज निर्माण के उद्देश्य के लिए एक टीम गठित की गई है, जिसकी मदद से विभिन्न राज्यों को कवर किया गया है।

इस परियोजना के तहत पुलों के सफल निर्माण के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जा रहा है। जिस पर आधारित वैज्ञानिक तकनीकों जैसे आयु, दूरी, देशांतर, अक्षांश सामग्री और डिजाइन का उपयोग किया जा रहा है, जो नए पुलों के मानचित्रण और निर्माण में उपयोगी तकनीक साबित हुई है।

उल्लेखनीय है कि इसी उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के नोएडा में सेतु भारतम प्रोजेक्ट के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) की स्थापना की है। नोएडा स्थित इंडियन एकेडमी फॉर हाईवे इंजीनियर परिसर स्थित उपर्युक्त परियोजना की निरीक्षण इकाइयों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी पुलों का सर्वेक्षण किये जा रहे हैं।

इस उद्देश्य के लिए लगभग 11 फर्मों की स्थापना की गई है, जिसके तहत लगभग 50,000 पुलों का सफलतापूर्वक निरीक्षण किया गया है। बता दें कि इस परियोजना की शुरुआत करते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली के तहत देश भर में 1,50,000 पुलों की मैपिंग यानी ब्रिज मैपिंग की जाएगी। तब से यह परियोजना इस उद्देश्य के लिए विभिन्न्न राज्यों का दौरा कर रही है।

इस योजना ने एक टीम की स्थापना की अनुमति दी, जिसे पुलों की गुणवत्ता की जांच करने और उन्हें ग्रेड देने के लिए सौंपा गया था। इस योजना के मुताबिक, जिस पुल की गुणवत्ता जितनी कम होगी, उस पुल के उन्नयन पर उतना ही अधिक ध्यान दिया जाएगा। इस परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक पुलों की गुणवत्ता में सुधार करना था। क्योंकि खराब गुणवत्ता वाले पुल कई दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे। इन निम्न गुणवत्ता वाले पुलों के घाव देश के जहन में आज भी हरे हैं।

सेतु भारतम योजना के लिए केंद्र सरकार ने 102 बिलियन रुपये का बजट आवंटित किया था, जिससे तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। बता दें कि एक बिलियन 100 करोड़ होता है। इस योजना में 208 पुलों का निर्माण किया जाएगा जिनमें रेलवे ओवेरब्रिज और अन्डरब्रिज भी शामिल है। इसके अंतर्गत पुराने पुलों की मरम्मत पर 300 मिलियन खर्च होंगे।

वहीं, सेतु भारतम योजना के तहत आंध्र प्रदेश में 33, असम में 12, छतीसगढ़ में 5, गुजरात में 8, हरियाणा में 10, हिमाचल प्रदेश में 5, झारखंड में 11, कर्नाटक में 17, केरल में 4, मध्य प्रदेश में 6, महाराष्ट्र में 12, ओडिसा में 4, पंजाब में 10, राजस्थान में 9, तमिलनाडु में 9, उत्तराखंड में 2, उत्तर प्रदेश में 9, पश्चिम बंगाल में 22 और बिहार में 20 पुल बनाए जा रहे हैं।

सच कहा जाए तो सड़क परिवहन देश की धमनियों की तरह है और सेतु भारतम योजना से इन धमनियों में रक्त प्रवाह तेजी से और आसानी पूर्वक होगा। सेतु भारतम परियोजना क्षतिग्रस्त और दोषपूर्ण पुलों पर काम करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। करीब 1500 मौजूदा पुलों को फिर से सुरक्षित बनाने के लिए उनका पुनर्निर्माण किया गया है। कतिपय रिपोर्टें बताती हैं कि इस योजना के लागू होने के कारण 50 प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाएँ कम हुई हैं।

देखा जाए तो सेतु भारतम योजना सही मायनों में देश की एक व्यापक विकास परियोजना है, जो एक साथ कई क्षेत्रों का विकास करेगी। इस महत्वाकांक्षी से रोज़गार तो सृजित हो ही रहे हैं, साथ ही देश भर के सड़क परिवहन और उसकी आधारभूत संरचना में भी अभूतपूर्व सुधार दृष्टिगोचर हो रहे हैं। इससे व्यापार में भी तरक्की होगी, क्योंकि अच्छा परिवहन ही व्यापार की उन्नति की गारंटी है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!