सुभद्रा योजना क्या है? इससे महिलाएं कैसे लाभान्वित होंगी?

सुभद्रा योजना क्या है? इससे महिलाएं कैसे लाभान्वित होंगी?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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उड़ीसा प्रान्त में अपने दम पर पहली बार कमल खिला है तो एक हद तक इसका श्रेय सुभद्रा योजना को भी जाता है, क्योंकि भाजपा ने इस बड़ी योजना को अपने संकल्प पत्र में शामिल किया, जिसके दृष्टिगत ओडिशा की महिलाओं ने केवल लोकसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को भरपूर समर्थन दिया।

कल्पना कीजिए, यदि भाजपा को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उड़ीसा में अप्रत्याशित सफलता नहीं मिलती तो केंद्र सरकार के गठन में उसे कुछ और साथी दलों पर निर्भर होना पड़ता। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उड़ीसा सरकार अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना को मूर्त रूप देकर उन्हीं के हाथों लागू करवायी।

वैसे तो पूरे देश में मह‍िलाओं को आर्थ‍िक रूप से सशक्‍त बनाने के लिए विभिन्न राज्‍यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसमें अब ओडिशा का भी नाम जुड़ चुका है। इस योजना को यहां पांच वर्षों के लिए शुरू किया जा रहा है, जिसकी अवध‍ि वित्त वर्ष 2024-25 से लेकर 2028-29 तक होगी। राज्‍य सरकार ने इसके लिए 55,825 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है। जिसके तहत हर पात्र लाभार्थी को दो समान किस्तों में प्रति वर्ष 10-10 हजार रुपये मिलेंगे। इस प्रकार से पांच वर्षों में हर महिला को कुल 50 हजार रुपये मिलेंगे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 21-60 आयु वर्ग की सभी पात्र महिलाओं को सुभद्रा योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना की खास बात यह है कि यदि एक ही परिवार में दो या तीन पात्र महिलाएं हैं, तो सभी को यह लाभ मिलेगा। यही नहीं, सरकार से विधवा पेंशन और छात्रवृत्ति पाने वाली महिलाओं सहित सभी पात्र महिलाओं को यह सहायता राशि मिलेगी। इसके लिए उनको उड़ीसा प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। उनके पास बैंक खाता, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि होना भी जरूरी है। संपन्न महिलाओं या सम्पन्न परिवार से आनेवाली महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

 सुभद्रा योजना के तहत क्या-क्या मिलेंगे लाभ?

बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर ओडिशा की मेहनतकश व जागरूक महिलाओं के लिए इस ‘सुभद्रा योजना’ का शुभारंभ किया। इस महत्वपूर्ण महिला हितैषी योजना के अतंर्गत जो महिलाएं पात्र होंगी, उन्हें साल में दो बार 5-5 हजार रुपये किस्त मिलेगी। मतलब सालाना कुल 10 हजार रुपये मिलेंगे। सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस योजना को वर्ष 2024-25 से लेकर 2028-29 तक चलाया जाएगा। भविष्य में इसका विस्तार भी किया जा सकता है।

समझिए, ये भी होगा अतिरिक्त लाभ

जहां इस योजना के पांच सालों में लाभार्थियों को कुल 50 हजार रुपये मिलेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को डेबिट कार्ड भी दिए जाएंगे। ऐसे में हर एक ग्राम पंचायत और शहरी निकाय में जो महिलाएं सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन करेंगी, उनमें से 100 महिलाओं को 500 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। इससे उनमें डिजिटल साक्षरता की भी ललक बढ़ेगी।

 किन-किन महिलाओं को मिलेगा लाभ

सुभद्रा योजना के लिए सिर्फ वे महिलाएं हीं पात्र हैं जिनकी उम्र 21 से 60 साल के बीच है। साथ ही आवेदनकर्ता का ओडिशा राज्य का मूल निवासी होना भी अनिवार्य है। वहीं, जो महिलाएं सरकारी कर्मचारी हैं या जो करदाता हैं या जो महिलाएं पहले से ही किसी ऐसी योजना की लाभार्थी हैं जहां वो किसी भी योजना के तहत पहले से ही 1500 रुपये का लाभ ले रही हैं, तो ऐसी महिलाएं इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

ऐसे करें आवेदन 

यदि आप सुभद्रा योजना के लिए पात्र हैं तो फिर आप आवेदन कर पाएंगी। इसके लिए आपको अंगनबाड़ी केंद्र से, ब्लॉक ऑफिस, मो-सेवा केंद्र या जन सेवा केंद्र से फॉर्म लेना होता है। ततपश्चात उसको भरकर और साथ में संबंधित दस्तावेज लगाकर फॉर्म जमा कर देना होता है, जिसके बाद आपको लाभ मिलने लगेगा।

सुभद्रा योजना की लाभार्थी सूची ऐसे देखें

सुभद्रा योजना की लाभार्थी सूची आधिकारिक वेबसाइट Subhadra Yojana | Subhadra Yojana (odisha.gov.in) पर उपलब्ध होगी। यहाँ “Beneficiary list” या “announcements” सेक्शन में जाएं। यहाँ से आपको Subhadra Yojana Beneficiary List मिल जाएगी, इसमें आप अपना नाम नाम चेक कर सकते हैं।

पहली किस्त की लाभार्थी सूची में कौन कौन महिलाएं हैं शामिल

ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रवाती परिदा ने बताया है कि जिन महिलाओं ने 15 सितंबर 2024 तक आवेदन किया है, वे इस पहली किस्त (Subhadra Yojana Beneficiary List) के लिए पात्र होंगी। 17 सितंबर 2024 को 5,000 रुपये पात्र महिलाओं के बैंक खातों में जमा कर दिए गए हैं।

लगभग 10 लाख से अधिक महिलाओं को पहली किस्त का लाभ मिला है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत यह आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और सुगम होगी।

21 से 60 वर्ष की महिलाएं, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आती हैं और जिन्होंने 15 सितंबर से पहले आवेदन किया है, वे पहली किस्त के लिए पात्र होंगी। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने मतलब महिला सशक्तिकरण के लिए बनाई गई है, और यह सिर्फ पहली किस्त है, भविष्य में अन्य किस्तें भी वार्षिक रूप से दी जाएंगी।

बता दें कि पीएम के जन्मदिन के मौके पर हर वर्ष एक बड़ी मुहिम की शुरुआत होती है, जिसके मद्देनजर पिछले वर्ष पीएम के जन्मदिन पर ‘सेवा पखवाड़े’ की शुरुआत हुई थी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अभियान शुरू किए गए थे। देश में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयुष्मान मेलों का आयोजन किया गया। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 17 सितंबर को अपने जन्मदिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सुभद्रा योजना” की शुरुआत किये।

उन्होंने कहा कि बीजेपी जो वादा करती है, उसे पूरा करती है। ओडिशा की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए “सुभद्रा योजना” बीजेपी के संकल्पपत्र का हिस्सा था और एक और वादे की पूर्ति की ओर हम बड़ा कदम उठा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुभद्रा योजना ओडिशा की राजनीति में एक गेमचेंजर साबित हुई है।

बता दें कि ओडिशा में 24 साल से सत्ता में काबिज बीजू जनता दल के नवीन पटनायक के हाथ से जहां सत्ता खिसक गई है और पहली बार बीजेपी की सरकार बन गई, वहीं विधानसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को भारी जीत मिली है। लिहाजा जानकार कहते हैं कि सुभद्रा योजना का वादा महिलाओं को काफी पसंद आया और लोकसभा व विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रचा। इससे तीसरी बार केंद्र में सत्तारूढ़ होने और कई रिकॉर्ड तोड़ने में भी उसे मदद मिली।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री और पश्चिम उड़ीसा का केंद्र कहे जाने वाली संबलपुर लोकसभा सीट से बड़ी जीत हासिल करने वाले धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सुभद्रा योजना को लेकर ओड़िशा की मातृशक्ति में अद्भुत उत्साह है। इसलिए गत रविवार को भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में माताओं-बहनों ने “सुभद्रा स्वागत पदयात्रा” भी निकाली।

गौरतलब है कि राज्य सरकारें हों या फिर केंद्र सरकार, ये दोनों ही पहले से चल रही कई योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए वक्त वक्त पर उनमें बदलाव करती रहती हैं। ठीक ऐसे ही कई तरह की नई योजनाएं भी समय-समय पर लॉन्च की जाती हैं। इनमें लोगों की आर्थिक मदद करने से लेकर उन्हें अन्य तरीकों से मदद करने तक जैसी कई योजनाएं शामिल होती हैं। उड़ीसा की सुभद्रा योजना भी उनमें से एक है, जो बीजेपी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हुई है।

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