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क्या है नेशनल रीडिंग डे का इतिहास?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

  • पीएन पनिकर के सम्मान में हर साल 19 जून को मनाया जाता है नेशनल रीडिंग डे
  • रीडिंग डे के बाद 19 जून से 18 जुलाई तक मनाया जाएगा रीडिंग मंथ

केरल में ‘लाइब्रेरी मूवमेंट’ के जनक कहे जाने वाले स्वर्गीय पीएन पनिकर के सम्मान में हर साल नेशनल रीडिंग डे मनाया जाता है।

पी. एन. पनिकर का जन्म 1 मार्च, 1909 को पिता गोविंदा पिल्लई और माता जानकी अम्मा के घर नीलमपुर में हुआ था। उन्हें केरल में लाइब्रेरी मूवमेंट के जनक के रूप में जाना जाता हैं। 1926 में पनिकर ने अपने गृहनगर में एक शिक्षक के रूप में सनातनधर्म पुस्तकालय की शुरुआत की। 19 जून को हुई उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनकी हर साल पुण्यतिथि को नेशनल रीडिंग डे के रूप में मनाया जाने लगा।

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केरल में ‘लाइब्रेरी मूवमेंट’ के जनक कहे जाने वाले स्वर्गीय पीएन पनिकर के सम्मान में हर साल 19 जून को नेशनल रीडिंग डे मनाया जाता है। इस साल 25वें रीडिंग डे के अवसर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने अपने सभी स्कूलों से 19 जून को रीडिंग डे सेलिब्रेट करने के निर्देश दिए है। कोरोना संकट काल के बीच अब टेक्नॉलजी के जरिए रीडिंग करने पर खास ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज की तरह ही अब रीडिंग डे भी ऑनलाइन ही मनाया जाएगा। इसके बाद रीडिंग वीक और फिर 19 जून से 18 जुलाई तक रीडिंग मंथ के रूप में मनाया जाएगा।

डिजिटल रीडिंग के लिए किया काम

फिलहाल, देश में फैले कोरोनावायरस की वजह से सभी शिक्षण संस्थान बंद है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की मदद ली जा रही है। इसी क्रम में अब सरकार के साथ मिलकर पीएन पनिकर फाउंडेशन ने डिजिटल रीडिंग की दिशा में काम किया है। इसके लिए पीएन पनिकर फाउंडेशन ने स्टडेंट्स को क्विज, ओपन आर्ट, निबंध लेखन और डिबेट का सुझाव दिया है। फाउंडेशन द्वारा टीचर्स, फैकल्टी और लाइब्रेरियंस के लिए भी क्विज का आयोजन किया जाएगा।

CBSE ने रीडिंग मंथ मनाने को कहा

इतना ही नहीं, पीएन पनिकर फाउंडेशन ने स्टडेंट्स के लिए कुछ रीडिंग एक्टिविटीज के भी सुझाव दिए हैं। इसमें डिजिटल रीडिंग प्लेज के साथ रीडिंग, डिजिटल लाइब्रेरी और इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स पर वेबिनार आदि शामिल है। इसके लिए CBSE ने भी सभी स्कूलों से रीडिंग डे, रीडिंग वीक और रीडिंग मंथ मनाने और पनिकर फाउंडेशन की बताई ऑनलाइन एक्टिविटीज और अन्य प्रेरणादायक चीजें कराने के लिए कहा है। हर साल

नेशनल रीडिंग डे का इतिहास

पी. एन. पनिकर का जन्म 1 मार्च, 1909 को पिता गोविंदा पिल्लई और माता जानकी अम्मा के घर नीलमपुर में हुआ था। उन्हें केरल में लाइब्रेरी मूवमेंट के जनक के रूप में जाना जाता हैं। 1926 में पनिकर ने अपने गृहनगर में एक शिक्षक के रूप में सनातनधर्म पुस्तकालय की शुरुआत की। 19 जून को हुई उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनकी हर साल पुण्यतिथि को नेशनल रीडिंग डे के रूप में मनाया जाने लगा।

केंद्रीय शिक्षा ने शुरू किया कैंपेन

इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने वर्ल्ड बुक डे पर #MyBookMyFriend नाम से सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया था। इसका मकसद स्टूडेंट्स को रीडिंग के लिए मोटिवेट करना था। इस कैंपेन के शुरू होते ही कई नामचीन हस्तियों ने इसका हिस्सा बनते हुए सोशल मीडिया पर बताया है कि वो कौन सी बुक पढ़ रहे हैं। हर साल 23 अप्रैल को वर्ल्ड बुक डे के रूप में मनाया जाता है।

 

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