अंतर-सेवा संगठन विधेयक, 2023 क्या है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पेश किया गया ताकि नामित सैन्य कमांडरों, चाहे वे किसी भी सेवा से संबंधित हों, को सैनिकों का कार्यभार संभालने और अनुशासन लागू करने का अधिकार दिया जा सके।

  • इस विधेयक को एकीकृत अथवा संयुक्त कमान/कमांड की स्थापना से पहले पेश किया गया है, जिसके अनुसार सभी संसाधन और सैन्यकर्मी भारतीय थल सेनानौसेना और भारतीय वायु सेना के एक एकल 3-स्टार रैंक वाले जनरल के परिचालन नियंत्रण में होंगे।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रणाली में पाँच संयुक्त सेवा कमान- पश्चिमी, पूर्वी, उत्तरी, समुद्री और वायु रक्षा के शामिल होने की संभावना है।
  • केंद्र सरकार एक अंतर-सेवा संगठन का गठन कर सकती है, जिसमें एक संयुक्त सेवा कमान शामिल हो सकती है।
  • यह अंतर-सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ/ऑफिसर-इन-कमांड को अनुशासन बनाए रखने एवं थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी कर्मियों के कर्त्तव्यों का उचित निर्वहन सुनिश्चित करने में सशक्त बनाएगा।
  • किसी अंतर-सेवा संगठन का कमांडर-इन-चीफ या ऑफिसर-इन-कमांड ऐसे अंतर-सेवा संगठन का प्रमुख होगा।

भारतीय सशस्त्र बलों की वर्तमान व्यवस्था:

  • वर्तमान में संबंधित सेवाओं के सैनिक संसद के विभिन्न अधिनियमों द्वारा शासित होते हैं।
    • ये हैं- 1957 का नौसेना अधिनियम, 1950 का वायु सेना अधिनियम और 1950 का थल सेना अधिनियम
    • वर्तमान संयुक्त सेवा व्यवस्था में नौसेना अधिकारी की कमान वाले सैनिक को किसी भी अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये उसकी मूल इकाई में वापस भेजना होगा। नौसेना अधिकारी के पास ऐसे  सैनिक के संबंध में प्रशासनिक शक्तियाँ नहीं हैं।
  • भारतीय सशस्त्र बलों के पास वर्तमान में 17 कमान/कमांड हैं। थल सेना और वायु सेना प्रत्येक में 7 और नौसेना के पास 3 कमांड हैं।
    • प्रत्येक कमांड का नेतृत्व एक 4-स्टार रैंक का सैन्य अधिकारी करता है।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक संयुक्त कमान है जो भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में स्थित भारतीय सशस्त्र बलों की पहली त्रि-सेवा थियेटर कमान है।
  • अन्य त्रि-सेवा कमान जैसे कि सामरिक बल कमान (SFC), देश की परमाणु संपत्ति के वितरण और परिचालन नियंत्रण की देखभाल करती है।
  • कुछ त्रि-सेवा संगठन भी हैं जैसे- रक्षा खुफिया एजेंसी, रक्षा साइबर एजेंसी, रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी आदि।

चीन द्वारा अपने सशस्त्र बलों का संचालन:

  • वर्ष 2016 में चीन ने आक्रामक क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिये अपनी 2.3 मिलियन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को पाँच थिएटर कमांड में पुनर्गठित किया।
    • इसका वेस्टर्न थिएटर कमांड पूर्वी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की देख-रेख करता है।
  • चीन से लगी उत्तरी सीमाओं हेतु भारत के पास चार सेनाएँ और तीन भारतीय वायु सेना कमांड हैं।

पहल का महत्त्व:

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