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बिहार और सीवान के लिए बजट के क्या हैं मायने? - श्रीनारद मीडिया

बिहार और सीवान के लिए बजट के क्या हैं मायने?

बिहार और सीवान के लिए बजट के क्या हैं मायने?

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✍️डॉक्टर गणेश दत्त पाठक

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वैसे जब देश का बजट संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किया जाता है तो पूरे देश की निगाहें उस पर टिकी होती है। यह बजट देश के हर हिस्से के लिए होता है। अखबारों में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विद्वतजन और विशेषज्ञ चर्चा करते हैं। बिहार सीवान जैसे क्षेत्रों के लोगों में भी यह उत्सुकता अवश्य होती है कि इस बजट से हमें क्या मिला? तो आइए जानते हैं कि बिहार और सिवान के लिए बजट में क्या खास है?

हर साल बजट को लेकर खासा उत्साह रहता है। सुबह जब पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रसिद्ध कलाकार दुलारी देवी द्वारा बतौर उपहार दी गई बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग की साड़ी में दिखाई दी तो उम्मीद जगी कि बिहार के लिए बजट कुछ खास होगा। हालांकि बजट को लेकर कुछ राजनीतिज्ञ यह आरोप जरूर लगा रहे हैं कि यह बजट देश का नहीं अपितु बिहार का बजट है।

बिहार विधानसभा के चुनाव इसी साल होने वाले हैं लेकिन जब पूरी बजट का निष्पक्ष तौर पर अवलोकन करें तो कोई बहुत बड़ी सौगात बिहार के लिए बजट में दिखाई नहीं देती है। पटना के बिहटा में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण, आई आई टी पटना के विस्तार, मखाना बोर्ड के गठन, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना के बारे में प्रावधान अवश्य हैं लेकिन बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए किसी बड़ी योजना की घोषणा बजट में दिखाई नहीं दे रही है जिसको बिहार की अभी आवश्यकता है। साथ ही बिहार में एग्रोबेस्ड इंडस्ट्री के विकास के लिए भी किसी बड़ी योजना को सामने नहीं लाया गया है।

बिहार के मिथिला क्षेत्र में मखाना की खेती बहुत बड़े स्तर पर होने लगी है। फिर भी अनियोजित और अव्यवस्थित विकास के कारण मखाना उपजाने वाले किसानों को यथोचित लाभ नहीं मिल पा रहा था। मखाना बोर्ड के स्थापना से बिहार में मखाना व्यवसाय के सुनियोजित और सुव्यवस्थित विकास की संभावनाएं सृजित होंगी। देश में चाय बोर्ड, कॉफी बोर्ड, रेशम बोर्ड की सकारात्मक उपलब्धियों को देखा गया है। उम्मीद है कि नव सृजित मखाना बोर्ड मखाना व्यवसाय को ऊंचाई पर ले जाएगा । इससे जहां मखाना उत्पादक किसानों को लाभ होगा वहीं रोजगार सृजन के अवसर भी उपलब्ध होंगे। सीवान आदि क्षेत्रों में भी मखाना का खपत होता है।

बिहार में माना जाता रहा है कि एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री के विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं। सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार द्वारा हर थाली में बिहारी तरकारी योजना का संचालन किया जा रहा है। सब्जियों, दालों, गन्ने के उत्पादन के कारण बिहार में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के विकास के लिए प्रोत्साहन की दरकार है। इस संदर्भ में बजट में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता, प्रबंधन संस्थान के स्थापना की घोषणा एक सकारात्मक पहल है।

इससे बिहार में फूड प्रोसेसिंग और एग्रोबेस्ड इंडस्ट्री के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। लेकिन बजट में कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए बड़ी घोषणा की उम्मीद थी, जो अधूरी रह गई। हालांकि इस संस्थान की स्थापना से सीवान में भी फूड प्रोसेसिंग उद्योग के विकास में सहायता मिल सकती है।

बिहार के बिहटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के विकास की आवश्यकता, यहां लंबे समय से महसूस की जा रही थी क्योंकि पटना हवाई अड्डे पर बोझ बहुत बढ़ चुका है। ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से आशय यह होता है कि यहां बिल्कुल नए तरीके से अत्याधुनिक हवाई अड्डे का निर्माण किया जाएगा। इससे बिहार के लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी। सीवान के निवासियों को भी बिहटा एयरपोर्ट की सुविधा का लाभ मिल पाएगा। साथ ही पटना आई आई टी के विस्तार की घोषणा और वहां संसाधनों और सुविधाओं की उपलब्धता से छात्रों को बड़ी सुविधा प्राप्त होगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट में एक बड़ी घोषणा स्वास्थ्य क्षेत्र में कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी को लेकर हुई है। अभी देश में यह बीमारी तीव्रता से अपना प्रसार कर रही है। प्रतिवर्ष हजारों ज़िंदगियां देश में कैंसर के कारण असमय काल के गाल में समाती जा रही हैं। कैंसर के बारे में सबसे नकारात्मक तथ्य यह रहा है कि इसका जब तक पहचान हो पाता है तब तक यह बीमारी अपने अंतिम स्टेज तक पहुंच चुकी होती है। ऐसे में यह आवश्यक था कि जिला स्तर पर ऐसी व्यवस्थाओं को सहेजा जाय ताकि इनकी शुरुआती स्तर पर ही पहचान हो जाए।

ऐसे में बजट में घोषणा की गई है कि जिला स्तर पर कैंसर केयर सेंटर स्थापित किए जायेंगे। इस पहल से केंसर निवारण में बड़ी सहायता मिल सकती है। साथ ही कैंसर से जुड़ी दवाओं को सस्ता करने का प्रयास भी बेहद प्रशंसनीय है। जीवन रक्षक 36 दवाओं से ड्यूटी को हटाने से वे भी सस्ती होगी। सीवान के भी कैंसर रोगी को इस व्यवस्था का लाभ मिल पाएगा। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी ब्रॉड बैंड की सुविधा मिलेगी इससे बिहार और सिवान के मरीजों को भी टेली मेडिसन की सुविधा का लाभ मिल पाएगा।

लघु और कुटीर उद्योग देश की अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार रहे हैं। विशेष तौर पर रोजगार सृजन में इन उद्योगों ने सदैव बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है। इस बजट में इस क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करने के विशेष प्रयास किए गए हैं। एम एस एम ई सेक्टर को 5 करोड़ के बजाय अब 10 करोड़ का लोन मिल सकेगा। मैन्यू फैक्चरिंग एम एस एम ई म्यूचुअल गारंटी योजना भी लागू की गई है। छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप के लिए 5 लाख तक लिमिट वाले विशेष 10 लाख क्रेडिट कार्ड वितरित किए जाएंगे।

स्टार्टअप क्रेडिट गारंटी कवर को 20 करोड़ तक बढ़ाया जाएगा। इन प्रावधानों के साथ भारत को ग्लोबल खिलौना हब के तौर पर विकसित करने की योजना की बात की जा रही है। खिलौना उद्योग के विकास की पर्याप्त संभावनाएं बिहार में भी है। राम जानकी पथ के निर्माण के कारण सीवान का भी जुड़ाव बड़े शहरों से बढ़ जाएगा। ऐसे में सीवान जैसे छोटे नगर में खिलौना उद्योग के विकास की संभावनाएं सृजित हो सकती है। खिलौना उद्योग का विकास भारी संख्या में रोजगार सृजन में भी सक्षम हो सकता है।

कृषि के विकास के लिए वैसे तो तमाम योजनाएं चल रही हैं। लेकिन इस बजट में एक नई पी एम धन्य धान्य योजना की घोषणा की गई है जिसमें कृषि उपकरण, बीज, उर्वरक के लिए वित्तीय मदद के लिए व्यवस्थाएं संजोई जानी है। इस योजना में किसानों की आय बढ़ाने, कृषि व्यवसाय को लाभप्रद बनाने, कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधार के लिए भी प्रयास होने हैं। ऐसी योजनाओं का लाभ सीवान जैसे जिलों के किसानों को भी मिल सकता है।

शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति आ चुकी है। इस बजट में सभी स्कूलों को ब्रॉड बैंड से जोड़े जाने की घोषणा की गई है। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों बच्चे शिक्षा के आधुनिक मोड से जुड़ सकते हैं। लेकिन इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए बड़े स्तर पर बुनियादी संरचना के विकास पर ध्यान देना होगा।

सीवान आदि जिलों में इस व्यवस्था की उपलब्धता से छात्रों में समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में मदद मिलेगी। अधिकांश प्रतियोगिता परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में हो रही है। ऐसे में स्कूलों में ब्रॉड बैंड की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्र के अभ्यर्थियों को खासा लाभ होगा।
आयकर में छूट के प्रावधान से सीवान के नौकरीपेशा लोगों को भी लाभ होगा। वैसे काफी लंबे समय से आयकर सीमा में छूट की मांग की जा रही थी।

बजट में बुजुर्गों के लिए टैक्स छूट डबल की गई। टीडीएस की सीमा 10 लाख रुपए की गई।
4 साल तक अपडेटेड आयकर रिटर्न भर सकेंगे। इन व्यवस्थाओं का लाभ बिहार और सिवान के बुजुर्गों को भी मिल सकेगा। एल ई डी, एल सी डी टीवी, ई वाहन और मोबाइल के सस्ता होने का लाभ यहां के लोग भी उठा पाएंगे।

शहरी गरीबी निवारण योजना का लाभ भी मिलेगा। पहली बार उद्यमी बनने वाली महिलाओं को दो करोड़ का टर्म लोन मिलेगा। मिथिलांचल में पश्चिम कोशी नहर निर्माण योजना से बिहार के किसान लाभान्वित होंगे। दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 6 साल का मिशन चलेगा जिसका लाभ बिहार को भी मिलेगा।पोस्ट पेमेंट बैंक पेमेंट सर्विस ग्रामीण योजनाओं में बढ़ाई जाएगी। शहरी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पीएम स्वनिधि स्कीम की लोन लिमिट बढ़कर 30 हजार रुपए होगी। इसका लाभ भी बिहार को मिलेगा।

बजट में घोषणाएं होती है तो कुछ क्षेत्रों में विकास की प्रबल संभावनाएं सृजित अवश्य होती है। अब समय के साथ देखना होगा कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन किस तरीके से किया जा रहा है। लेकिन तथ्य यह भी है कि बिहार और सिवान के विकास के लिए अभी बुनियाद संरचना के विकास के लिए काफी कुछ करना होगा। यहां कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए भी पर्याप्त संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए आगे की अन्य बजट घोषणाओं का इंतजार भी रहेगा। जिसमें बिहार सरकार का बजट भी शामिल है। देखना होगा कि चुनावी वर्ष में बिहार सरकार अब कैसा बजट लाती है?

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