खाद्य सुरक्षा और पोषण का क्षेत्रीय अवलोकन 2023 का क्या तत्पर्य है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने खाद्य सुरक्षा और पोषण पर अपनी डिजिटल रिपोर्ट ‘एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय अवलोकन 2023: सांख्यिकी और रुझान’ जारी की है, जिसके अनुसार 74.1% भारतीय वर्ष 2021 में पोषक आहार प्राप्त करने में असमर्थ थे।
रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?
- वैश्विक परिप्रेक्ष्य:
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अल्पपोषण की व्यापकता विगत वर्ष के 8.8% से घटकर वर्ष 2022 में 8.4% हो गई, जो कि वर्ष 2021 की तुलना में लगभग 12 मिलियन कम अल्पपोषित लोगों के सामान है किंतु कोविड 19 महामारी से पूर्व वर्ष 2019 की तुलना में यह 55 मिलियन अधिक है।
- 370.7 मिलियन कुपोषित लोगों के साथ, एशिया-प्रशांत क्षेत्र विश्व के कुल आधे अल्पपोषित लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
- दक्षिणी एशिया में लगभग 314 मिलियन अल्पपोषित लोग रहते हैं। यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 85% अल्पपोषित लोगों का प्रतिनिधित्व करता है।
- दक्षिणी एशिया में किसी भी अन्य उपक्षेत्र की तुलना में अधिक गंभीर रूप से खाद्य असुरक्षित लोग हैं।
- पूर्वी एशिया को छोड़कर सभी उपक्षेत्रों में महिलाएँ पुरुषों की तुलना में अधिक खाद्य असुरक्षित हैं।
- भारतीय:
- स्वस्थ आहार वहन करने में असमर्थता: वर्ष 2021 में 74.1% भारतीय, स्वस्थ आहार वहन करने में असमर्थ थे, वर्ष 2020 में यह प्रतिशत 76.2 था।
- पड़ोसी देशों से तुलना: पाकिस्तान में 82.2% और बांग्लादेश में 66.1% आबादी को स्वस्थ भोजन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- क्षेत्रीय पोषण और खाद्य सुरक्षा: भारत की 16.6% आबादी अल्पपोषित है।
- वर्ष 2015 के बाद से विश्व की तुलना में भारत में मध्यम या गंभीर और गंभीर खाद्य असुरक्षा का प्रसार कम है।
- बच्चों का स्वास्थ्य: पाँच साल से कम उम्र के 31.7% बच्चे स्टंटिंग/बौनापन से प्रभावित हैं, जबकि पाँच साल से कम उम्र के 18.7% बच्चों में वेस्टिंग (ऊँचाई के अनुसार कम वजन) प्रचलित है।
- बच्चों में कमज़ोरी के प्रति WHO का वैश्विक पोषण लक्ष्य 5% से कम है।
- अवरुद्ध विकास और वृद्धि खराब मातृ स्वास्थ्य एवं पोषण, शिशु एवं छोटे बच्चे के अपर्याप्त आहार प्रथाओं व कई अन्य कारकों के साथ निरंतर अवधि में होने वाले संक्रमण का परिणाम है।
- महिला स्वास्थ्य: देश की 15 से 49 वर्ष के आयुवर्ग की 53% महिलाओं में एनीमिया था, जो वर्ष 2019 में भारत में सबसे बड़ी प्रसार दर थी।
- एनीमिया महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को खराब करता है तथा प्रतिकूल मातृ एवं नवजात परिणामों के जोखिम को बढ़ाता है।
- मोटापा और पोषण संकेतक: FAO के अनुसार वर्ष 2000 तक देश के 1.6% वयस्क मोटापे से ग्रस्त थे। वर्ष 2016 तक यह आँकड़ा बढ़कर 3.9% हो गया।
- विशेष स्तनपान: 0-5 महीने की उम्र के शिशुओं के लिये विशेष स्तनपान पर, भारत ने 63.7% के प्रतिशत के साथ व्यापकता में सुधार किया है, जो विश्व व्यापकता – 47.7% से अधिक है।
- इस क्षेत्र में जन्म के समय कम वजन का प्रचलन सबसे अधिक (27.4%) भारत में है, इसके बाद बांग्लादेश और नेपाल का स्थान है।
- स्वस्थ आहार वहन करने में असमर्थता: वर्ष 2021 में 74.1% भारतीय, स्वस्थ आहार वहन करने में असमर्थ थे, वर्ष 2020 में यह प्रतिशत 76.2 था।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO) क्या है?
- परिचय:
- FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भूख पर काबू पाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करती है।
- हर साल 16 अक्टूबर को विश्व भर में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है। यह दिन वर्ष 1945 में FAO की स्थापना की सालगिरह को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।
- यह रोम (इटली) में स्थित संयुक्त राष्ट्र खाद्य सहायता संगठनों में से एक है। इसकी सहयोगी संस्थाएँ विश्व खाद्य कार्यक्रम और अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) हैं।
- पहलें:
- विश्व स्तर पर महत्त्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS)।
- दुनिया भर में डेज़र्ट लोकस्ट स्थिति पर नज़र रखता है।
- कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन या CAC संयुक्त FAO/WHO खाद्य मानक कार्यक्रम के कार्यान्वयन से संबंधित सभी मामलों के लिये ज़िम्मेदार निकाय है।
- खाद्य और कृषि के लिये पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि को वर्ष 2001 में FAO के सम्मेलन के इकतीसवें सत्र द्वारा अपनाया गया था।
- प्रमुख प्रकाशन:
- विश्व मत्स्य पालन और जलकृषि राज्य (SOFIA)।
- विश्व के वनों का राज्य (SOFO)।
- विश्व में खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की स्थिति (SOFI)।
- खाद्य और कृषि राज्य (SOFA)।
- कृषि वस्तु बाज़ार राज्य (SOCO)।
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