भारत में क्या है अश्लीलता का पैमाना, नग्नता को लेकर क्या कहता है कानून?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह इन दिनों बोल्ड फोटोशूट की वजह से चर्चा में हैं। रणवीर की बोल्ड तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया बवाल मचा है। कोई उन्हें ट्रोल करने लगा तो कोई उनके खिलाफ प्रदर्शन करने लगा है। लेकिन बवाल यहां तक नहीं थमा। रणवीर के खिलाफ महिलाओं की भावनाएं आहत करने को लेकर एफआईआर तक दर्ज हो गई है। आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब किसी के बोल्ड फोटोशूट पर इस तरह का प्रदर्शन हो रहा हो। साल 2020 में मिलिंद सोमन विवादों में आ गए थे।
अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने समंदर किनारे न्यूड होकर भागते हुए फोटो शेयर की थी। फोटो के जरिए मिलिंद ने खुद को बर्थडे विश किया था। सोशल मीडिया पर न्यूड तस्वीर शेयर करने के मामले में मिलिंद सोमन पर केस दर्ज हो गया। कोलबा पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 294 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मिलिंद सोमन के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मिलिंद सोमन की फोटो सामने आने के बाद गोवा के एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल ‘गोवा सुरक्षा मंच’ ने वास्को पुलिस स्टेशन में अभिनेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
अश्लीलता की परिभाषा
सबसे पहले बात करते हैं कि अश्लीलता की परिभाषा क्या है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार अश्लीलता के दायरे में वो सब आता है जो स्वीकार्य नैतिकता और शालीनता के मानदंडों के लिहाज से अप्रिय, अपमानजनक या घृणित की श्रेणी में आ सकता है। लेकिन कानून के मामले में ये परिभाषित करना आसान नहीं है। धारा 292 में विस्तार से बताया गया है कि कैसे कोई कार्य इसके दायरे में आ सकता है।
पहले भी आते रहे हैं ऐसे मामले
साल 1995 में अभिनेता मिलिंद सोमन के एक बोल्ड फोटोशूट के खिलाफ काफी बवाल मचा था। नब्बे के दशक में अभिनेता ने अपनी गर्लफ्रेंड मधु स्पे के साथ में एक न्यूड फोटोशूट कराया था। उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई थी। एक कंपनी ने अपने जूतों के एड के लिए मिलिंद सोमन और उनकी गर्लफ्रेंड को हायर किया था। केवल जूतों को हाईलाइट करने के लिए कंपनी ने दोनों मॉडल का न्यूड फोटोशूट करवाया। दोनों के गले में केवल अजगर डाला गया था और मिलिंद सुमन व उनकी गर्लफ्रेंड ने केवल जूते पहन रखे थे।
लेकिन तस्वीर के सामने आते ही हंगामा मच गया था। शिवसेना ने एड एजेंसी और जूता कंपनी के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। बवाल इतना बढ़ गया कि विज्ञापन को बैन करना पड़ा। लेकिन फिर भी विवाद थमा नहीं विज्ञापन में अजगर का इस्तेमाल करने की वजह से वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट में केस भी दर्ज हुआ। 14 साल तक केस चला और फिर बाद में सभी को इन आरोपों से बरी किया गया। ऐसे ही एक्ट्रेस पूनम पांडेय को गोवा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोप था कि एक्ट्रेस गोवा के चापोली डैम पर अश्लील वीडियो शूट कर रही थीं। जिसके बाद एक्ट्रेस के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
रणवीर सिंह के खिलाफ मामले में क्या है शिकायत?
दो व्यक्तियों, एक वकील और एक एनजीओ चलाने वाले व्यक्ति ने रणवीर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया। टेकचंदानी के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। रणवीर पर आईपीसी की धारा 292, 293 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा आईटी एक्टर की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया। उसने पुलिस को बताया है कि वह श्याम मंगराम फाउंडेशन चलाता है, जो आत्महत्या करने वाले किसानों की विधवाओं और बच्चों के लिए काम करता है। टेकचंदानी ने अपने बयान में कहा है कि वह एक निजी ठेकेदार हैं। श्याम मंगाराम फाउंडेशन नाम की संस्था ने जो शिकायत पुलिस को दी है उसमें इस बात का भी जिक्र है कि इंटरनेट पर वायरल रणवीर की तस्वीरें घृणास्पद हैं जो एक समाज के रूप में हमपर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
शिकायत वास्तव में क्या है जिसके कारण प्राथमिकी हुई?
टेकचंदानी ने कहा है कि 24 जुलाई को एक दोस्त ने उन्हें रणवीर की तस्वीरें भेजीं जिन्हें अभिनेता ने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर शेयर किया था। तस्वीरों में उन्होंने कोई कपड़े नहीं पहने थे। टेकचंदानी ने कहा है कि जब उन्होंने एक तस्वीर को ज़ूम इन किया, तो उन्होंने महसूस किया कि अभिनेता के निजी अंग दिखाई दे रहे थे। टेकचंदानी ने कहा है कि भारत संस्कृति की भूमि है और इस तरह की तस्वीरें उन बच्चों को प्रभावित कर सकती हैं जिनमें फिल्म अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के लिए “क्रेज” है।
शिकायतकर्ता के मुताबिक पूछताछ करने पर उसने पाया कि रणवीर ने ‘पेपर’ मैगजीन के लिए फोटोशूट करवाया था और इससे काफी पैसा कमाया होगा। उन्होंने कहा कि ये इंडस्ट्री में आने के लिए संघर्ष कर रहे युवाओं को पैसा और प्रसिद्धि अर्जित करने के लिए इसी तरह के उपायों का सहारा लेने के लिए भी प्रभावित करेगा। टेकचंदानी के बयान के आधार पर चेंबूर पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की वह धारा क्या है जिसका रणवीर ने कथित रूप से उल्लंघन किया है?
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67ए किसी के द्वारा कंप्यूटर मोबाइल का प्रयोग करते हुए किसी के खिलाफ आपत्तिजनक जानकारी भेजने, ऐसी जानकारी जिसका मकसद किसी को परेशान करने, चिढ़ाना या बाधा डालना हो तो ऐसे आरोप साबित होने पर जुर्माना तो लगता ही है साथ में तीन साल तक सजा भी हो सकती है। पुलिस ने कहा है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और रणवीर सिंह के खिलाफ तत्काल कोई कार्रवाई की संभावना नहीं है। सूत्रों ने कहा कि पुलिस मामले में अभिनेता का बयान दर्ज करेगी। रणवीर के पास अदालत का दरवाजा खटखटाने और प्राथमिकी रद्द करवाने के विकल्प भी हैं।
क्या कहता है कानून
आईपीसी की धारा 292: अश्लील पुस्तकों आदि की बिक्री करने पर 2 साल तक जेल और 2 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। यही अपराध दोहराने पर 5 साल की जेल और 5 हजार रुपये जुर्माना हो सकता है।
आईपीसी की धारा 292: युवाओं को अश्लील वस्तुओं की बिक्री आदि के लिए 3 साल की कैद और 2 हजार रुपये तक के जुर्माने के साथ दंडित किये जाने का प्रावधान है। यही अपराध दोहराने पर सात साल तक की जेल और जुर्माने को 5 हजार तक बढ़ाया जा सकता है।
आईपीसी की धारा 294: अश्लील कृत्यों और गीतों के लिए तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया जा सकता है।
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