Breaking

अंटीलिया प्रकरण में सनसनीखेज राज क्या है?

अंटीलिया प्रकरण में सनसनीखेज राज क्या है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मुंबई के अंटीलिया प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर सनसनीखेज राज खोले हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करवाना चाहते थे। देशमुख अधिकारियों को घर बुलाकर वसूली के गुर भी सिखाते थे। देशमुख ने आरोपों को झूठा बताया है।

परमबीर सिंह को 17 मार्च को हटाकर महानिदेशक होमगार्ड्स बना दिया

परमबीर सिंह को 17 मार्च को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से तबादला कर महानिदेशक होमगार्ड्स बना दिया गया था। उन्होंने 18 मार्च को यह पद भी संभाल लिया था। दो दिन पहले राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक टीवी चैनल से चर्चा में कहा कि परमबीर का तबादला सामान्य प्रशासनिक तबादला नहीं था। उनकी तरफ से वझे के मामले में हुई कुछ गंभीर चूक के चलते उन्हें पद से हटाया गया है।

सीएम उद्धव ठाकरे को आठ पेज की चिट्ठी में लिखी खिन्न परमबीर सिंह ने पूरी दास्तान

इस आरोप से खिन्न परमबीर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आठ पन्ने का पत्र लिखकर न सिर्फ अपने संबंध में गृह मंत्री की बातों का खंडन किया है, बल्कि गृह मंत्री पर वसूली का सनसनीखेज आरोप भी लगाया है। परमबीर ने कहा कि गृह मंत्री ने स्वयं उन्हें और एपीआइ सचिन वझे सहित मुंबई के अन्य पुलिस अधिकारियों को मुंबई के बार, रेस्टोरेंट आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था। आरोप की पुष्टि के लिए उन्होंने एक अधिकारी से हुई अपनी वाट्सएप चैट के अंश भी पत्र में डाले हैं। उनका कहना है कि आरोपों की पुष्टि सचिन वझे की काल डिटेल से भी की जा सकती है।

पुलिस अफसरों को घर बुलाकर वसूली के गुर सिखाते थे देशमुख

परमबीर का यह भी आरोप है कि गृह मंत्री बार-बार उन्हें नजरअंदाज कर उनके अधीनस्थ अधिकारियों को अपने पास बुलाते रहे और उन्हें इस प्रकार वसूली के आदेश देते रहे। परमबीर के अनुसार उनके अधीनस्थ गृह मंत्री से मिले फरमानों की जानकारी उन्हें लगातार देते रहे हैं। परमबीर ने पत्र में कहा है कि मैं यह बातें आपको (मुख्यमंत्री को) बता चुका हूं और इस बारे में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एवं राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को भी इस बात की जानकारी दे चुका हूं।

पत्र की प्रति राजभवन भी भेजी

परमबीर ने पत्र की प्रतियां उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एवं राज्यपाल के प्रधान सचिव को भी भेजी हैं। उन्होंने सेवा के दौरान खुद को मिले सम्मानों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री से संवैधानिक मूल्यों के साथ खड़े रहकर न्याय करने की अपील की है।

विपक्ष को मिला हथियार

अंटीलिया प्रकरण सामने आने के बाद से ही भाजपा के नेता कहते रहे हैं कि सचिन वझे तो एक छोटा मोहरा है। उसके मास्टमाइंड का नाम सामने आना चाहिए। अब परमबीर सिंह के पत्र ने न सिर्फ एनआइए का काम आसान कर दिया, बल्कि विपक्ष को बड़ा हथियार भी मुहैया करवा दिया है। अब तक इस मामले में शिवसेना नेताओं पर ही अंगुलियां उठती रही हैं। अनिल देशमुख का नाम सामने आने के बाद अब शरद पवार की राकांपा भी आरोपों के घेरे में आ गई है। इस भंडाफोड़ के बाद राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल तीनों दलों में टकराव के आसार बढ़ गए हैं।

जांच से बचने को लगा रहे आरोप : देशमुख

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि अंटीलिया और मनसुख हिरेन मामले में सचिन वझे के सीधे संबंध सामने आ रहे हैं। परमबीर सिंह को डर है कि जांच की आंच उन तक भी पहुंच जाएगी। इसलिए खुद को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए ये झूठे आरोप लगाए हैं। देशमुख ने परमबीर पर मानहानि का दावा ठोकने की बात भी कही है।

पत्र की प्रमाणिकता जांचेगा सीएम ऑफिस

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय का कहना है कि होमगार्ड के महानिदेशक परमबीर की ओर से मुख्यमंत्री को ई मेल से भेजे गए पत्र में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। न ही यह पत्र आइपीएस अधिकारियों की सूची में दर्ज उनकी व्यक्तिगत मेल आइडी से भेजा गया है। इसलिए मुख्यमंत्री को भेजे गए इस मेल की जांच की जानी चाहिए।

वझे प्रकरण में नया मोड़

– सीएम उद्धव ठाकरे को आठ पेज की चिट्ठी में लिखी पूरी दास्तान

– पुलिस अफसरों को घर बुलाकर वसूली के गुर सिखाते थे देशमुख

– बार, रेस्टोरेंट और हुक्का पार्लरों को शिकार बनाने का दिया था सुझाव

– सुबूत के तौर पर परमबीर ने वाट्सएप चैट के अंश भी सौंपे।

पत्र की बातें

– गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फरवरी मध्य में एक दिन क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के एपीआइ सचिन वझे को अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाया

– कक्ष में उनके निजी सचिव पलांडे सहित स्टाफ के एक-दो लोग और मौजूद थे। उनके सामने देशमुख ने वझे से कहा कि आपको एक महीने में 100 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे

– गृह मंत्री ने खुद इसका रास्ता भी बताते हुए कहा कि मुंबई में करीब 1,750 बार एवं रेस्टोरेंट्स जैसे प्रतिष्ठान हैं। इनसे हर महीने दो-तीन लाख रुपये लिए जाएं तो 40-50 करोड़ रुपये आसानी से जमा हो सकते हैं। शेष राशि अन्य स्त्रोतों से जुटानी होगी

– इसके दो दिन बाद ही देशमुख ने बार इत्यादि पर नजर रखने वाली सोशल सíवस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल और डीसीपी भुजबल को अपने सरकारी आवास पर बुलाया

– गृह मंत्री ने उनसे मुंबई के हुक्का पार्लरों के बारे में चर्चा की और वसूली का वही तरीका उन्हें भी बताया, जो उन्होंने सचिन वझे को बताया था।

गृह मंत्री अनिल देशमुख को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए

गृह मंत्री अनिल देशमुख को तुरंत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यदि वे इस्तीफा नहीं देते तो मुख्यमंत्री को उन्हें हटाकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए– देवेंद्र फड़नवीस, नेता प्रतिपक्ष।

Leave a Reply

error: Content is protected !!