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क्या है लुधियाना ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की कहानी? - श्रीनारद मीडिया

क्या है लुधियाना ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की कहानी?

क्या है लुधियाना ब्लास्ट के मास्टरमाइंड की कहानी?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लुधियाना बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड जसविंदर सिंह मुल्तानी 15 साल पहले पैसा कमाने के लिए जर्मनी गया था, लेकिन वहां जाकर वह आतंकी बन गया। सात साल पहले मुल्तानी अपने गांव मंसूरपुर लौटा था। एक सप्ताह तक रुकने के बाद वह फिर जर्मनी लौट गया था। उसके बाद वापस नहीं आया। उसके आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने की खबर सुनकर गांव मंसूरपुर के लोग दहशत में हैं। हालांकि, यहां पर मुल्तानी पर कोई आपराधिक केस नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जसविंदर की मां कमलजीत कौर का निधन हो चुका है। उसके पिता अजीत सिंह ही अकेले रहते हैं।

मुल्तानी के पिता की देखरेख करने वाले कुलविंदर सिंह ने बताया कि वह जसविंदर सिंह को नहीं जानता है। वह सिर्फ उसके छोटे भाई साहिब सिंह को ही जानता है। वह ही उनको पैसे भेजता है, जिससे वह उनके पिता की देखभाल और घर की बिजली का बिल देता है। गांव की सरपंच रिंपी देवी ने बताया कि जसविंदर सिंह मिलनसार स्वभाव का था। किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि ऐसा हो सकता है।

पता चला है कि जसविंदर ने विदेश में ही बेगोवाल के गांव नंगल लुबाना की एक लड़की से शादी की है। गांव के कश्मीर सिंह पहलवान ने बताया कि मुल्तानी का जन्म 5 अगस्त 1976 को गांव मंसूरपुर में ही हुआ था। उसकी एक बहन बिंदर और एक भाई साहिब सिंह है। वे भी 15 साल पहले जर्मनी में ही उसके पास ही चले गए थे।

उधर, सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने गांव में सर्तकता बढ़ा दी है। यह भी खंगाला जा रहा है कि मुल्तानी गांव के अलावा पंजाब के किन-किन लोगों से संपर्क में था। एसएसपी कुलवंत सिंह हीर ने कहा कि अभी तक जांच में यही सामने आया है कि जसविंदर सिंह के खिलाफ यहां पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। फिर, भी रिकार्ड खंगाला जा रहा है। जसविंदर के पिता अजीत सिंह के पास जमीन थोड़ी थी। वह डिपो भी चलाते थे। घर की आर्थिक सुधारने के लिए उन्होंने अपनी तीन एकड़ जमीन बेचकर जसविंदर सिंह को जर्मनी भेजा था।

बता दें कि भारत सरकार के अनुरोध पर जर्मनी पुलिस ने जसविंदर सिंह मुल्तानी को गिरफ्तार किया है। जसविंदर सिंह मुल्तानी ‘सिख फॉर जस्टिस’ SFJ से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहा था और दिल्ली व मुंबई में आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहा था। अधिकारियों के मुताबिक, 45 वर्षीय मुल्तानी एसएसजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी रहा है और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहा है।

23 दिसंबर को हुआ था बम धमाका

बता दें कि लुधियाना कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल पर बनी टायलेट में 23 दिसंबर को बम धमाका हुआ था। ये धमाका आईईडी से किया गया था। आईईडी का इस्तेमाल होने की वजह से इसे आतंकी हमला माना जा रहा है। इस धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच एजेंसियों ने शक जताया था कि जिसकी मौत हुई थी, वही इस धमाके के पीछे है। अंदेशा जताया कि टायलेट में जब वो बम को असेंबल करने की कोशिश कर रहा होगा, तभी विस्फोट हो गया।

इससे पहले पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने शनिवार को कहा कि लुधियाना जिला अदालत में जिस पूर्व पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत हुई थी, उसके खालिस्तानी तत्वों और आतंकवादियों से संबंध थे। चट्टोपाध्याय ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि सिंह का पंजाब के भीतर और विदेश में खालिस्तानी तत्वों, आतंकी संगठनों, माफिया समूहों और मादक पदार्थ तस्करों से संबंध था। उन्होंने कहा कि आगे की जानकारी का बाद में खुलासा किया जाएगा। धमाके में पाकिस्तानी हाथ होने के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस को “पूरा शक है”, लेकिन वह निश्चित तौर पर अभी नहीं कह सकते।

उन्होंने कहा कि अब तक जो सुराग मिला है उससे प्रतीत होता है कि इस घटना के पीछे पाकिस्तान में बैठकर संचालन कर रहे किसी व्यक्ति का हाथ था। यह पूछे जाने पर कि क्या धमाके में पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थकों का हाथ था, तो चट्टोपाध्याय ने कहा कि खालिस्तानी तत्वों और नार्को आतंकवाद से संबंध होने का संकेत मिला है। उन्होंने कहा कि सिंह पर मादक पदार्थ का मामला चल रहा था और माफिया के साथ उसका संपर्क भी स्थापित हो चुका है।

डीजीपी ने कहा कि धमाके में प्रयुक्त हुआ विस्फोटक वैसा ही था, जैसा आतंकवादी इस्तेमाल करते हैं और ऐसा लगता है कि वह सीमापार से आया होगा। पंजाब पुलिस प्रमुख ने कहा कि लुधियाना अदालत धमाका आतंकवाद, संगठित अपराध, माफिया और मादक पदार्थों के “खतरनाक खेल” का सबसे बड़ा उदाहरण है।

चुनावों से ठीक पहले 23 दिसंबर को लुधियाना कोर्ट में बम ब्लास्ट हुआ था। पुलिस की तरफ से ये दावा किया गया कि जो शख्स कोर्ट कैंपस में बम प्लांट करने आया था, वो अपने ही बम का शिकार बन गया। पुलिस के मुताबिक मृतक घटनास्थल पर IED प्लांट कर रहा था और उसी समय ब्लास्ट हो गया।

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